SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 35
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्ञान मन्दिर उपाश्रय, ज्ञान मन्दिर एवं धर्मशाला विक्रम संवत् 2019 मे पूज्य आचार्य देव श्रीचन्द्रसागर सूरीश्वरजी म. सा. ने इस तीर्थ मे एक विशाल ज्ञान मन्दिर बनवाने का संकल्प किया। थोड़े ही दिनों में आपने उपाश्रय भवन की तीसरी मंजील पर "आचार्य श्री चन्द्रसागरसूरि जैन ज्ञान मन्दिर" की स्थापना की । आज भी वह ज्ञान मन्दिर यहां विद्यमान है पूज्य आचार्यदेव गुरुदेव की भावना साकार हो रही है । विद्यावीर श्रेष्ठिवर्य श्री कुन्दनमलजी मारु ने इस ज्ञान मन्दिर को खूब ही सजाया है । पूज्य गुरुदेव पंन्यास प्रवर श्री अभ्युदयसागरजी म. सा. ने इस ज्ञानमन्दिर को विशाल करने हेतु संवत् 2013 में कुन्दनमलजी मारु को प्रेरित किया था । आपके उपदेश से श्री कुन्दनमलजी मारू के सुप्रयास से यहां ज्ञानमन्दिर को राजमार्ग तक आगे बढ़ाने के लिये प्रयत्न चालू किया गया । नीचे से जीर्ण मकान का उन्होंने दानदाताओं की मदद से दो मंजील तक नव निर्माण करवाया जिससे उपाश्रय भवन दो मंजिल तक लम्बा और विशाल हो गया । किन्तु ज्ञानमन्दिर को विशाल बनाने की भावना पूर्ण न हो सकी अनायास ही विद्याव्यसनी श्रीमान कुन्दनमल जो मारु परलोक की लम्बी यात्रा पर चल दिये । व कार्य वहीं स्थिर हो गया । पेढ़ी के संचालकगण उस कार्य को पूर्ण करने की योजना बना रहे है जो अल्प समय में शासन देवों की कृपा से पूर्ण होगी । [24] For Private and Personal Use Only
SR No.020739
Book TitleSiddhachakra Aradhan Keshariyaji Mahatirth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJitratnasagar, Chandraratnasagar
PublisherRatnasagar Prakashan Nidhi
Publication Year1989
Total Pages81
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy