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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org पुट देने की चीज है, जिसकी भावना गरमी वगैरह रोगो को शान्त करने में उपकारक है । 'मजार' का संस्कृत पर्याय " मार्जार" होता है । मार्जार और मार्जार से बने हुए कतिपय शब्दो के अर्थ निम्न प्रकार हैं मार्जार-अम्भसह - बोयाण - हरितग- तंडुले जग - तण - वत्थुल - चोरग 'मजार' पोइ - चिल्लीया । एक किस्म की वनस्पति, भाजी | ( भगवती सूत्र श० २१ ) मार्जार - वत्थुल - पोरग 'मजार' पोइवल्लीय पालका, एक किस्मकी वनस्पति || ( पन्नवणा - सूत पद १ हरित - विभाग ) मार्जार- विरालिकाऽभिधानो वनस्पतिविशेषः । विडालिका नामनी वनस्पति || बिडालिका - एक किस्मकी औषधी. fasालिका - एक किस्म की औषधी. विडालिका - वृक्षपर्णी Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( भगवती श० १५ टीका ) ( आचारांग सूत्र सू० ४५ पृ० ३४८ ) ( दर्शवेकालिक सूत्र अ० ५ उ०२ गा० १८ ) ( क० स० श्री हेमचंद्रसूरि कृत निघंटु संग्रह ) बिडालिका - स्त्री भूमिकूष्मांडे, पैठा, भोंयकोला. ( वैद्यक शब्द सिंधु ) विराली - एक किस्मकी बेल. मार्जार- रक्तचित्रक. मार्जार-वायुविशेष. विल्ली - वनस्पति विशेष. बिडाली - स्त्री भूमि कूष्मांडे, पेंठा, ( पन्नवणा सूत्र वल्ली पद. १. गा० ४४ ) भुंयकोला. ( शब्दार्थ - चिंतामणि कोष ) ( प्रज्ञा० प० १ गा० १९ - ३७ ) For Private And Personal Use Only
SR No.020729
Book TitleShvetambar Digamber Part 01 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarshanvijay
PublisherMafatlal Manekchand Shah
Publication Year1943
Total Pages290
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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