SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 105
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ९६ ) ऊंचो होस् सधनुष || सासतो तीरथ एह ॥ ६ ॥ ढाल || जिनवरखं मेरोमनलीणो एदेशी || केवलज्ञानी प्रमुखतीर्थकर || अनंत सीधाइणठामरे | अनंतवली सीझसे इण्ठामै || तिण करू नित परणामरे ॥ १ ॥ सेजैसाधु अनंतासीधा || सीझसीवलीय अनंतरे ॥ जिणसेज तीरथ नही भेट्यो | ते गरभावासकहंतरे || सेनुंज • || २ || फागुण सुदि आठमने दिवसे || ऋषभदेव सुखकाररे ॥ रायणरूख समोसर्या स्वामी || पूरवनिनां बाररे ॥ से० ॥ ३ ॥ भरतपुत्र चैत्री पूनमदिन || इणसेलुंज गिरिआयरे || पांचकोडीं पुंडरीकसीधा || तिण पुंडरीक कहायरे || से० ॥ ४ ॥ नमि विनमि राजा विद्याधर || बेबेकोडी संघातरे || फागुणसुदि दशमी दिन सीधा || तिणप्रण परभातरे || से० ।। ५ ।। चैत्रमासवदि चउदसने दिन || नमिपुत्री चौसट्ठिरे || अणसणकरि सेर्भुजैगिरि ऊपर ॥ ए सहुसीधा एकट्ठिरे ॥ से० ।। ६ ।। पोतरा प्रथम तीर्थकर केरा ॥ द्रावडने वारिखिल्लारे ॥ कातीसुदि पूनम दिनसीधा ॥ दस कोडिसुं मुनिशिल्लरे ॥ से० ॥ ७ ॥ पांचे पांडव इणगिरिसीधा || नवनारद रिषिरायरे ॥ संव प्रद्युम्न गयाइहां मुगतै ॥ आठे करम खपायरे || से० || ८ || नेमिविना तेवीसतीर्थकर || समोसर्या गिरिशृंगरे || अजित शांति तीर्थंकरवेऊं ॥ रह्या चोमासोरंगरे || से० ॥ ९ ॥ सहससाधु परिवार संघातै ॥ थावच्चा aarat | पांचसे साधु सेलगमुनिवर || सेनुजै सिवसुख लाधरे || से० || १० || असंख्याता मुनि सेनुंजैसीधा | भरतेसरनें पाढरे || राम अनें भरतादिक सीधा || मुक्तितणी एवाटरे ॥ से० ॥ For Private And Personal Use Only
SR No.020721
Book TitleShravak Nitya Krutya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinkrupachandrasuri
PublisherNirnaysagar Press
Publication Year1923
Total Pages178
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy