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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir भयादि-सूत्र ठाणेहिं स्थानों से इक्कवीसाए - इक्कीस सबलेहि = शबल दोषों से बावीसाए = बाईस 'परीसहेहि = परीषहों से तेवीसाए = तेईस सूयगड = सूत्रकृताङ्ग के ज्झयणेहि = अध्ययनों से चउबीसाए -चौबीस देवेहिं = देवों से पणवीसाए = पच्चीस भावणाहि = भावनाओं से छन्वीसाए = छब्बीस दसा - दशाश्रुतस्कन्ध-सूत्र काप-बृहत्कल्प-सूत्र ववहासण व्यवहार-सूत्र के उद्दसणकालेहि-उद्देशनकालों से सत्तावीसाए = सत्ताईस अणगार = साधु के गुणेहिं = गुणों से अष्टावीसाए = अट्ठाईस प्राचार-पाचार पकापेहि = प्रकल्पों से एगूणतीसाए = उनतीस पावसुय= पाप श्रुत के प्पस गेहि = प्रसंगों से तीसाए = तीस महामोहणीय महामोहनीय कर्म के ठाणेहिं = स्थानों से एगतीसाए = इकतीस सिद्धाइ सिद्ध के आदि गुणेहिं = गुणों से बत्तीसाए -बत्तीस जोगसंगहेहिं = योग संग्रहों से तेत्तीसाए - तेतीस यासायणाहि = अाशातनाश्रो से अरिहंताण = अरिहंतों की श्रासायणाए- अाशातना से सिद्धाण = सिंहो की यासायणाए -पाशातना से पायरियाण-आचार्यों की ग्रासायणाए-आशातना से उवभायाण उपाध्यायों की अासायणाए-अाशातना से साहूण साधुओं की प्रासायणाए-अाशातना से साहुणीण साध्वियो' की श्रासायणाए-आशातना से सावयाण-श्रावकों की अासायणाए-अाशातना से सावियाण-श्राविकाओं की श्रासायणाए-आशातना से देवाण-देवो की यासायणाए-अाशातना से For Private And Personal
SR No.020720
Book TitleShraman Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarchand Maharaj
PublisherSanmati Gyanpith
Publication Year1951
Total Pages750
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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