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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 256 मंदसौर-शिलालेख का - भट्टि । वत्सभट्टि । बंधुवर्मा। काव्य (?) द्वारा रचित रविकीर्ति । 257 किरातार्जुनीय-व्यायोग - राजा। मंत्री । सेनापति । के लेखक वत्सराज पु रोहित । (?) थे। 258 वेदान्तसिद्धान्तसंग्रह - शांकर । वाल्लभ । माध्व । के लेखक वनमाली रामानुज मिश्र (?) संप्रदायी थे। 259 अष्टाध्यायी पर लिखे - पांच/छह/सात/आठ वार्तिकों की संख्या (?) हजार से अधिक है। 260 वररुचि के प्राकृतप्रकाश - पैशाची/शौरसेनी । मागधी। में (?) प्राकृत भाषा पाली। का विवरण नहीं है। 261 विक्रमादित्य के नवरत्नों - क्षपणक । अमरसिंह। में उल्लिखित ज्योतिषी वराहमिहिर । का (?) नाम है। वेतालभट्ट। नीलमणि । उत्कलिका। मंजरी। 242 विख्यातविजय नाटक के - नोआखली । तंजौर । रचयिता लक्ष्मणमाणिक्य जयपुर । काश्मीर । (?) के नरेश थे। 243 जार्ज-शतक के लेखक - लक्ष्मणशास्त्री । लक्ष्मण (?) थे। सूरि । लक्ष्मण भट्ट। रामकृष्ण कादम्ब। 244 संतानगोपाल काव्य की . मलबार । आन्ध्र । बंगाल। लेखिका लक्ष्मी (?) विदर्भ। की निवासी थीं। 245 वेदांग ज्योतिष के निर्माता - लगधाचार्य। भास्कराचार्य । (?) थे। ब्रह्मगुप्त । वराहमिहिर। 246 अल्लाउद्दीन खिलजी . सकलकीर्ति । द्वारा सम्मानित जैन ललितकीर्ति । अनन्तवीर्य। पंडित (?) थे। समन्तभद्र। 247 खाण्डवहन महाकाव्य के - जतीन्द्रविमल चौधरी। (?) रचयिता है। ललितमोहन भट्टाचार्य लोकनाथ भट्ट । रेवाप्रसाद द्विवेदी। 248 विश्वगुणादर्शचम्पू के - त्रिविक्रम भट्ट । सोमेश्वर लेखक (?) है। सूरि । वेंकटाध्वरी। लोलिंबराज। 249 वैद्यजीवन के लेखक - आन्ध्र । कर्णाटक । सौराष्ट्र । लोलिबंराज (?) के महाराष्ट्र। निवासी थे। 250 लौगाक्षी भास्कर के - अर्थशास्त्र । मीमांसा । अर्थसंग्रह का विषय वैशेषिक । न्याय । (?) है। 251 वंगेश्वर ने माहिषशतक में - व्यंकोजी। शहाजी। (?) राजा का भैसे से तुकोजी । शरफोजी । साम्य वर्णन किया है। 252 भागवत की भावार्थ - श्रीधरी । वंशीधरी। दीपिका- प्रकाश-टीका भास्करी। शांकरी। का अपरनाम (?) है। 253 श्रीमद्भागवत की - 15/18/20/25 श्लोकसंख्या (?) हजार 262 बृहत्संहिता का विषय - तंत्रशास्त्र/ज्योतिष/ (?) है। आयुर्वेद/संगीत/ 263 पंचसिद्धान्तिका ग्रंथ के - पितामह/ वसिष्ठ/ लेखक (?) थे। वराहमिहिर/ पुलिश/ 264 बृहज्जातक का विषय - बुद्धकथा । भविष्यकथन । वेदांग-ज्योतिष । ज्योतिर्गणित। 265 पुष्टिमार्गी वैष्णव (?) - अद्वैत । शुद्धाद्वैत । वाद को मानते है। द्वैत । त्रैत। 266 सिंकदर लोदी ने दिल्ली - वल्लभ । मध्व । रामानुज । दरबार में (?) आचार्य सायण। का चित्र स्थापित किया था। 267 वल्लभाचार्य का - कृष्णदेवराय। "कनकाभिषेक" (?) रधुनाथ नायक । मार्तण्डवर्मा । की राजसभा में हुआ था। शिवाजी महाराज। 268 वल्लभाचार्य ने (?) - मथुरा । काशी। करवीर । क्षेत्र में जलसमाधि ली। हरिद्वार । 269 वल्लभाचार्य के आज - 84/51/40/31 उपलब्ध ग्रंथों की संख्या - 25/30/35/45 254 श्रीमद्भागवत की अध्यायसंख्या तीनसौ (?) है। 255 ऋग्वेद में उल्लिखित तिरिंदर (?) देश का राजा माना जाता है। - पर्श (ईरान)/ गांधार) सिंधु/ पंचनद । 270 बसवराजीय ग्रंथ का - ज्योतिःशास्त्र । आयुर्वेद । विषय (?) है। मंत्रशास्त्र । वीरशैवदर्शन। 271 ऋग्वेद के सप्तम मण्डल - विश्वामित्र वसिष्ठ । के द्रष्टा (?) है। वामदेव । गृत्समद। संस्कृत वाङ्मय प्रश्नोनरी For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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