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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (विहित एवं अविहित) विवाह । सम्बधपरीक्षा - ले.- धर्मकीर्ति। ई. 7 वीं शती। लेखक की वृत्तिसहित लघु रचना तिब्बतीय अनुवाद में सुरक्षित। सम्बन्धविवेक - ले.- भवदेव भट्ट। उद्वाहतत्त्व एवं संस्कारतत्त्व में उल्लिखित! सम्बन्धविवेक - ले.- शूलपाणि। सम्भवतः यह परिशिष्ट भवदेव के ग्रंथ का ही है। सम्भवामि युगे युगे - ले.- अमियनाथ चक्रवर्ती। ई. 20 वीं शती। संमोहनतन्त्रम् - शिवपार्वती संवादरूप। पुष्पिका में लिखा "इति श्रीमदक्षाभ्य-महोग्रतारासंवाद। इसके अनुसार (अक्षोभ्य-महोग्रतारा। संवादे रूप) यह 10 पटलों में पूर्ण है। श्लोकसंख्या- 1700 कही गई है। यह द्वितीय खण्ड का परिमाण है। इसके और भी खण्ड हैं ऐसा इससे ज्ञात होता है। विषय- 40 प्रकार की भूत, ब्रह्मराक्षस आदि जातियों को तान्त्रिक मन्त्रों से वश में कर उनसे दुष्टों का विनाश करना । संयोगितास्वयंवरम् - ले.- मूलशंकर माणिकलाल याज्ञिक । (1886-1965) रचनाकाल- 1927। 1928 में प्रकाशित । अंकसंख्या- सात । पृथ्वीराज के साथ संयोगिता के विवाह की कथा। अंगी रस- शृंगार, अंग-वीर। गीतों का बाहुल्य । राग तथा ताल का निर्देश। तृतीय अंक में छायातत्त्व । संसारचक्रम् - अनुवादक- अनन्ताचार्य। मूल लेखक जनन्नाथप्रसाद। संसारामृतम् - लेखिका- डॉ. रमा चौधुरी। (श. 20) दृश्यसंख्या- सात। कथासार- दरिद्र परिवार की कन्या केलि को प्रतिनायक धोका देता है। अन्त में उसका प्रेमी मयूर उसे अपनाता है। संस्कर्तृक्रम- ले.- बैद्यनाथ। (सम्भवतः स्मृतिमुक्ताफल का एक अंश)। संस्कारकमलाकर (या संस्कारपद्धति) - ले.- कमलाकर । संस्कारकल्पद्रुम - ले.-जगन्नाथ शुक्ल। सुखशंकर शुक्ल के पुत्र । गणेशपूजन, संस्कार एवं स्मार्ताधान नामक तीन काण्डों में विभक्त । इसमें 25 संस्कारों के नाम आये हैं। संस्कारकौमुदी - ले.-गिरिभट्ट। पिता- यल्लभट्ट। संस्कारकौस्तुभ - ले.-अनंतदेव। ई. 17 वीं शती। पिताआपदेव। संस्कारकौस्तुभ (या संस्कारदीधिति) - अनन्तदेव के स्मृतिकौस्तुभ का अंश 1, मराठी अनुवाद के साथ निर्णयसागर एवं बडौदा में प्रकाशित। संस्कार-गंगाधर (या गंगाधरी) - ले.-गंगाधर दीक्षित । विषय- गर्भाधान, चौल, व्रतबन्ध, वेदव्रतचतुष्टय, केशान्त, व्रतविसर्ग, विवाहसंस्कार इ.। संस्कारगणपति - पारस्करगृह्यसूत्र पर रामकृष्ण द्वारा टीका। संस्कारचन्द्रचूडी- ले.-चन्द्रचूड । संस्कारचिन्तामणि - ले.-रामकृष्ण। काशीनिवासी। संस्कारतत्त्वम् - ले.-रघु। टीका- कृष्णनाथ कृत। संस्कारनिर्णय - ले.-चन्द्रचूड । पिता उम्माणभट्ट । इसमें गर्भाधान से आगे के संस्कारों का वर्णन है। रचना- 1575-1650 ई. के बीच। 2) ले.- रामभट्ट के पुत्र। 2) ले.- तिप्पाभट्ट। (गह्वर उपाधिधारी) यह ग्रंथ आश्वलायनों के लिये है। सन 1776 में लेखक ने आश्वलायन श्रौत-सूत्रों पर संग्रहदीपिका टीका लिखी। 3) ले.- नन्दपंडित। यह स्मृतिसिंधु का एक अंश है। संस्कारनृसिंह - ले.-नरहरि । वाराणसी में सन 1894 में मुद्रित । संस्कारपद्धति - ले.-भवदेव। यह छन्दोगकर्मानुष्ठान पद्धति ही है। टीका- रहस्यम्, ले.- रामनाथ। सन 1622-23 । 2) ले.- अमृत पाठक। सखाराम के पुत्र। माध्यन्दिनीयों के लिए) इसमें धर्माब्धिसार, प्रयोगदर्पण, प्रयोगरत्न, कौस्तुभ, कृष्णभट्टी और गदाधर का उल्लेख है। 3) ले.- गंगाधरभट्ट। पिता राम। 4) ले.- शिंगय्या। संस्कारप्रकाश - 1) प्रतापनारसिंह का एक भाग। 2) मित्रमिश्ररचित वीरमित्रोदय का एक भाग। संस्कारप्रदीपिका - ले.- विष्णुशर्मा दीक्षित । संस्कारभास्कर - 1) ले.- खण्डभट्ट। मयूरेश्वर अयाचित के पुत्र । कर्क एवं गंगाधर पर आधृत । संस्कारों को ब्राह्म (गर्भाधान आदि) एवं दैव (पाकयज्ञ आदि) में बांटा गया है। रचना सन 1882-83 में 2) ले.- ऋषिभट्ट। विश्वनाथ के पुत्र । उपनाम शौचे। वेंकटेश्वर प्रेस द्वारा मुद्रित। कर्क, वासुदेव, हरिहर (पारस्करगृह्यपर) पर आधृत । प्रयोगदर्पण का उल्लेख है। संस्कारमंजरी - ले. नारायण (यह ब्रह्मसंस्कारमंजरी ही है) संस्कारमार्तण्ड - ले.-मार्तण्ड सोमयाजी। इसमें स्थालीपाक एवं नवग्रह पर दो अध्याय हैं। मद्रास में मुद्रित । संस्कारमुक्तावली - ले.-तान पाठक। संस्काररत्नम् - ले.- खण्डेराय। पिता- हरिभट्ट । रचना 1400 ई. के पश्चात् । विदर्भराज लेखक के वंश के आश्रयदाता थे। संस्काररत्नमाला - ले.-1) गोपीनाथभट्ट। आनंदाश्रम प्रेस एवं चौखम्भा द्वारा मुद्रित। 2) ले.- 2) नागेशभट्ट। संस्काररत्नावलि - ले.-नृसिंहभट्ट। पिता- सिद्धभट्ट। कण्वशाखीय। प्रतिष्ठान (पैठण) (महाराष्ट्र) के निवासी। संस्कारविधि ( या गृह्यकारिका) - ले.-रेणुक । 400 / संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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