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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1898 में प्रकाशित। व्हिक्टोरिया षटकम्- ले.- श्रीपति ठक्कुर । शकुनार्णव (या शकुनशास्त्र) - ले.-वसन्तराज। इस पर भानुचन्द्रगणि द्वारा लिखित टीका है।। शंकरगीति - ले.- शाङ्गदेव । शंकरगुरुचरितसंग्रह - ले.- पंचपागेश शास्त्री। कुम्भकोणम् के शांकरमठ के अध्यापक। शंकरचेतोविलास (चम्पू) - ले.- शंकर दीक्षित (शंकर मिश्र) पिता- बालकृष्ण। काशी-निवासी। ई. 18 वीं शती। इसमें काशी नगरी का वर्णन उल्लेखनीय है। रचना काशीनरेश चेतसिंह के शासनकाल में हुई जो अपूर्ण है। शंकरजीवनाख्यानम् - लेखिका.- क्षमादेवी राव। इसमें कवयित्री ने अपने विद्वान् पिता शंकर पाण्डुरंग पण्डित का चरित्र वर्णन किया है। स्वयंकृत अंग्रेजी अनुवाद सहित प्रकाशित । शंकरदिग्विजयसार - ले.- सदानन्द । शंकरविजय (श्रीशंकराचार्य का चरित्र) - (1) ले.अनन्तानन्द गिरि (आनन्दगिरि) (2) ले.- विद्याशंकर (या शंकरानन्द) शंकरविजयम् (नाटक) - ले.-मथुराप्रसाद दीक्षित। ई. 20 वीं शती। प्रत्येक अंक में शंकराचार्य के एक प्रतिपक्षी का वर्णन है। क्रमशः मण्डनमिश्र, चार्वाक, जैनसूरि, बौद्ध आचार्य तथा कोलाचार्य पर विजय का वर्णन है। अन्त में व्यासादि द्वारा शंकराचार्य का अभिनन्दन किया गया है। शंकरशंकरम् (नाटक) - ले.- डा. रमा चौधुरी (श. 20)। प्रथम प्रयोग सन 1965 में, “प्राच्यवाणी के 22 वें प्रतिष्ठा-दिवस के उपलक्ष्य में। विषय- आदि शंकराचार्य की जीवन-गाथा । अंकों के स्थान पर "दृश्य" तथा पट-परिवर्तन। दृश्यसंख्याचौदह । प्रत्येक दृश्य में संगीत । एकोक्तियों का बाहुल्य । रंगमंच पर शिरश्छेद का अपवादात्मक दृश्य आता है। शंकर-सम्भवम् (काव्य) - ले.- म.म. हरिदास सिद्धान्त-वागीश (ई. 1876-1961)। शंकरहृदयंगमा - ले.- कृष्णलीलाशुक मुनि। ई. 13-14 वीं शती। केनोपनिषद् की व्याख्या। शंकराचार्यचरितम् - ले.- गोविंदनाथ । शंकराचार्यदिग्विजयम् - ले.. वल्लीसहाय । शंकराचार्य-वैभवम् - ले.- जीव न्यायतीर्थ (जन्म- सन 1894 में)। सन 1968 में वाराणसी में सरस्वती महोत्सव पर अभिनीत। अंकसंख्या- दो। इसमें शंकराचार्य के रूप में अवतरित शिवजी द्वारा वेदान्त के ज्ञानकांड का उपदेश वर्णित है। सभी पात्रों की भाषा संस्कृत है। शंकरानन्दचम्पू - ले.- गुरुराम। विषय- किरात-अर्जुन के युद्ध की कथा। शंकराभ्युदयम् - राजचूडामणि। रत्नखेट कवि के पुत्र । सर्गसंख्या- छह। ई. 17 वीं शती। विषय- जगद्गुरु शंकराचार्य का चरित्र। शंकराशंकरभाष्यविमर्श - ले.-बेल्लमकोण्ड रामराय। विषयशांकरमत विरोधी आक्षेपों का खंडन। शंकरीगीतम् - ले.- जयनारायण। पिता- कृष्णचंद्र। शंकुप्रतिष्ठा - विषय- गृह की नींव रखते समय आवश्यक कृत्य। शक्तितंत्र - पार्वती-ईश्वर संवाद रूप। 13 पटलों में पूर्ण । विषय- सिद्धियोग, आकर्षण, स्तंभन आदि कर्मों में ऋतुभेद, दिशा आदि का नियम, मारण आदि में मालाविधान कथन पूर्वक जपविधि, आसनादिविधि, शवसाधनविधि, कुलवृक्षादिविधि, दूतीयागविधि, संवित् और आसव आदि के शोधन के विधि, पंचमकारविधि, शक्ति का निरूपण, कुलीनों की पुरश्चरणविधि, कुमारीपूजन, पंच-मकार से अन्तर्यजन, शाक्ताभिषेक विधि इ. । शक्तिपूजाविधि - देवीपूजाविधि आदि 7 पुस्तकें इस ग्रंथ सन्निविष्ट हैं। सबकी संमिलित श्लोक संख्या- 6401 शक्तिरत्नाकर - ले.- राजकिशोर। 5 उल्लासों में पूर्ण । विषयशक्ति की महिमा, महाविद्याओं की सूची (तालिका) ई.। शक्तिरहस्यम् (व्याख्यासहित) - व्याख्या का नाम- अर्थदीपिनी । व्याख्याकार- अरुणाचार्य । श्लोक- 5000 (2000 + 3000) इसमें वैराग्यखण्ड और ज्ञानखण्ड नाम दो खंड हैं। शक्तिवाद - ले.- गदाधर भट्टाचार्य। ई. 17 वीं शती। शक्तिवाद-टीका - ले.- जयराम तर्कालंकार । शक्तिशतकम् (अपर नाम देवीशतक)- ले.- श्रीश्वर विद्यालंकार। भक्तिकाव्य। शक्तिन्यास - योगिनीमत से गृहीत। श्लोक- 1601 विषयदेवी के मूल तंत्र के पदों का उच्चारण करते हुए शरीर के विशेष अवयवों की स्पर्शक्रिया जो "अंगन्यास' नाम से प्रसिद्ध है। शक्तिसंगमतन्त्रम् - यह अक्षोभ्य-महोग्रतारा (शिव-पार्वती) संवादरूप है। चार खण्ड- (1) कालीखण्ड ,(2) ताराखण्ड, (3) सुन्दरीखण्ड, (4) छिन्नमस्ताखण्ड। श्लोक- (पूर्ण तंत्र में) 60000। इसके प्रथम और तृतीय खंड में 20-20 पटल हैं एवं 4 थे खण्ड में 11 पटल और द्वितीय खण्ड में 65 पटलों का उल्लेख मिलता है। पूर्वार्ध और उत्तरार्ध भेद से इसके दो भाग हैं। पूर्वार्ध का नाम कादि और उत्तरार्ध का नाम हादि है। कादि में 4 खण्ड और हादि में 4 खण्ड, इस प्रकार इसके 8 खण्ड हैं। प्रत्येक खण्ड में तीन हजार छह सौ श्लोक हैं। शक्तिसंगमतन्त्रराज - श्लोक- लगभग 25251 शक्तिसंस्कारवाद - ले.- गदाधर भट्टाचार्य । संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड / 357 For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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