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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विवर्णादि-विष्णुसहस्र-नामावली (सव्याख्या) ले.-बेल्लमकोण्ड रामराय। विवादकौमुदी - ले.-पितांबर सिद्धान्तवागीश। सन 1604 में प्रणीत। लेखक असम प्रदेश के राजा का आश्रित थे। विवादचन्द्र - ले.-मिसरु मिश्र। विवादचन्द्रिका - ले.- रुद्रधर महामहोपाध्याय। गुरु- चण्डेश्वर।। ई. 15 वीं शती। विषय- व्यवहार के 18 विषय । विवादचिन्तामणि - ले.-वाचस्पति मिश्र। मुंबई में मुद्रित । विवादताण्डवम् - ले.-कमलाकर भट्ट। विवादनिर्णय - ले.- गोपाल । 2) ले.- श्रीकर। विवादभंगार्णव - ले.-जगन्नाथ तर्कपंचानन । ई. 18 वीं शती। विषय- न्यायविधान। विवादरत्नाकर - ले.-चण्डेश्वर । विवादवारिधि - ले.- रमापति उपाध्याय सन्मिश्र। विषयव्यवहार के 18 नियम। विवादव्यवहार - ले.- गोपाल सिद्धान्तवागीश । विवादसागर - ले.- कुल्लूकभट्ट। ई. 12 वीं शती। विषयधर्मशास्त्र । विवादसार - ले.- कुल्लूकभट्ट । लेखक के श्रद्धासार में विर्णित । विवादसारार्णव - ले.-सर्वोरु शर्मा, त्रिवेदी। सर विलियम् जोन्स की प्रेरणा से सन 1789 में लिखित। 9 तरंगों में संपूर्ण। “सर विल्यम् मिस्तर श्रीजोन्स महीपाज्ञप्त" इन शब्दों में लेखक ने आत्मनिर्देश किया है। विवादार्णवभंजनम् (या भंग) - गौरीकान्त एवं अन्य पण्डितों द्वारा सन 1875-76 में संगृहीत ग्रंथ। विवादार्णवसेतु - बाणेश्वर एवं अन्य पण्डितों द्वारा वारेन हेस्टिंग्स के लिए संगृहीत एवं हल्हेड द्वारा अंग्रेजी में अनूदित । (1774 ई. में प्रकाशित) ऋणादान एवं अन्य व्यवहारपदों पर 21 ऊर्मियों (लहरियों अर्थात प्रकरणों) में विभाजित। मुंबई के वेंकटेश्वर प्रेस में मुद्रित। इस संस्करण से पता चलाता है कि यह ग्रंथ रणजितसिंह (लाहोर) की कचहरी में प्रणीत हुआ था। अन्त में प्रणेता पंडितों के नाम आये हैं। विवाहकर्म - ले.-विष्णु । मथुरानिवासी अग्निहोत्री। विवाहतत्त्व (या उद्वाहतत्त्व) - ले.- रघु। टीकाकार-- काशीराम। विवाहदिग्दर्शनम् - ले.- पं. शिवदत्त त्रिपाठी। विवाहधर्मसूत्र - ले.-गणपति मुनि। ई. 19-20 वीं शती। पिता- नरसिंह शास्त्री। माता- नरसांबा। विवाहनिरूपणम् - ले.-नन्दभट्ट । (2) ले.-वैद्यनाथ। विवाहपटलम् - ले.-हरिदेवसूरि । (2) ले.- ब्रह्मदेव। जैनाचार्य। ई. 12 वीं शती। (3) ले.- सारंगपाणि (शाङ्गपाणि) पिता- मुकुन्द । विषयमुहूर्त-विवेक। (4) ले. शाङ्गधर। विषय- ज्योतिषशास्त्र । विवाहपटलस्तबक - ले.-सोमसुन्दरशिष्य। विवाहपद्धति - (1) ले.-चतुर्भुज। (2) ले.- जगन्नाथ । (3) ले.- नरहरि। (4) ले.- नारायणभट्ट। (5) रामचंद्र। (6) ले.- रामदत्त राजपंडित। पिता- गणेश्वर। ई. 14 वीं शती। विषय- वाजसनेयी ब्रह्मणों के लिए - विवाह, पुंसवन श्राद्ध आदि। (7) ले.- गौरीशंकर। (8) (नामान्तर -विवाहपद्धतिः) गोभिल शाखियों के लिए। विवाहपद्धतिव्याख्या - ले.-गूदडमल्ल । विवाहरत्नम् - ले.- हरिभट्ट। 122 अध्यायों में पूर्ण। विवाहरत्नसंक्षेप - ले.- क्षेमंकर । विवाहविडम्बनम् (प्रहसन) - ले.- जीव न्यायतीर्थ (जन्म 1894) "संस्कृतप्रतिभा' में प्रकाशित । हिन्दुस्तानी- विशेषकर बंगाली कुरीतियों पर व्यंग। कथासार- 60 वर्ष का विधुर रतिकान्त विवाहार्थी है। चन्द्रलेखा नामक सुन्दरी युवती के पिता का ऋण चुकाने के बहाने घटक उससे 2000 रु. ऐंठता है और चाहता है कि कन्या को एक तरुण वर दिखायेंगे, और प्रत्यक्ष विवाह रतिकान्त के साथ करेंगे। मुहल्ले के तरुणों का विरोध दबाने हेतु रतिकान्त उन्हे भी घूस देता है। युवा बनाने वाले डॉक्टर भी उससे रुपये ऐंठते हैं। चन्द्रलेखा के गहने के लिए भी डेढ हजार रु. व्यय होते हैं। 1000 रु. विवाह व्यय। ऋणशोध के रु. 2000 घटक लेता है और पोलिसप्रबंध के नाम पर भी पैसे लेता है। जब वरवेष मे सजे वृद्ध रतिकान्त प्रस्थान करते हैं, तब दीखता है कि उन्हीं के व्यय से चन्द्रलेखा का विवाह युवा भास्कर के साथ हो गया है। विवाहवृन्दावनम् - ले.-केशवाचार्य। पिता- राणग या राणिग। ई. 14 वीं शती। विषय- शुभमुहूर्त। अध्याय- 17। इस पर गणेश दैवज्ञ (पिता- केशव) की दीपिका टीका है। समयसन 1554-55। दूसरी टीका कल्याणवर्मा की है। विवाहसमयमीमांसा - ले.-एन.एस. वेंकटकृष्णशास्त्री। विवाहसौख्यम् - ले.-नीलकण्ठ। यह टोडरानन्द का एक अंश माना जाता है। विवाहादिकर्मानुष्ठानपद्धति - ले.-भवदेव । विवाह्यकन्यास्वरूपनिर्णय - ले.- अनन्तराम शास्त्री। विविधविद्याविचारचतुरा - ले.- भोज । क्रुद्ध देवों को प्रसन्न करने वापी कूप आदि के निर्माण के विषय में सन 480-91 में लिखित । यह धाराधिपति भोज से भिन्न व्यक्ति हैं। संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड / 339 For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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