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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मीराचरितम् - ले.-लीला राव दयाल। 13 दृश्यों में विभाजित रूपक। क्षमा राव कृत 'मीरालहरी' काव्य पर आधारित । संत मीरा की बाल्यावस्था से लेकर जीवनभर की हरिभक्तिपरक घटनाएं चित्रित हैं। यह रूपक प्रायः पद्यमय है। बीच बीच में संवाद तथा नाट्यनिर्देश हैं। मीरालहरी - ले.- क्षमादेवी राव। विषय- मीराबाई का चरित्र । अंग्रेजी अनुवाद सहित प्रकाशित । मुकुटसप्तमीकथा - ले.- श्रुतसागरसूरि। जैनाचार्य। ई. 16 वीं शती। मुकुटाभिषेकम् (रूपक) - ले.-नारायण दीक्षित । मद्रास से सन् 1912 में प्रकाशित। अंकसंख्या पांच। विषय- पंचम जॉर्ज के राज्याभिषेक की घटना का निवेदन। मुकुन्दचरितचम्पू - ले.- श्रीनिवास । मुकुन्द-पद-माधुरी - ले.- कृष्णनाथ सार्वभौम भट्टाचार्य। ई. 18 वीं शती। भक्तिविषयक कारिकाएं। मुकुन्दमनोरथम् (रूपक) - ले.- राधामंगल नारायण। ई. 19 वीं शती। मुकन्द-लीलामृतम् (नाटक)- ले.- विश्वेश्वर दयाल, चिकित्सक चूडामणि । सन् 1945 में इटावा से प्रकाशित । श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर अभिनीत। अंकसंख्या - सात। वसुदेव देवकी के विवाह से कंस-वध तक की कथावस्तु निबद्ध है। कंस की विदेशी शासक तथा कृष्ण की महात्मा गांधी से तुलना कर आधुनिकता का आभास निर्माण किया गया है। मुक्ताचरितम् (रूपक) - ले.- शेषकृष्ण । ई. 16 वीं शती। मुक्तावली- टीका- ले.- गदाधर भट्टाचार्य। मुक्तावलीनाटकम् - ले.- भद्रादि रामशास्त्री । ई. 19 वीं शती। मुक्तावलीव्रतकथा - ले.- श्रुतसागरसूरि । जैनाचार्य। ई. 16 वीं शती। मुक्तिक्षेत्रप्रकाश - ले.- भास्कर । पिता आप्पाजी भट्ट। विषयअयोध्या, मथुरा आदि सात मोक्षपुरियों की महिमा। मुक्तिचिन्तामणि-ले.- गजपति पुरुषोत्तमदेव । विषय- जगन्नाथपुरी की तीर्थयात्रा पर धार्मिक कृत्य। मुक्तिपरिणयम् (लाक्षणिक रूपक) - ले.- सुन्दरदेव । मुक्तिसारदम् (रूपक) - ले.- यतीन्द्रविमल चौधरी। रामकृष्ण परमहंस के देहत्याग के पश्चात् उनकी धर्मपत्नी सारदामणि माता के जीवनचरित्र की कथा। अंकसंख्या- बारह । मुक्तिसोपानम् - ले.- अखण्डानन्द। श्लोक- 1075| विषयछिन्नमस्ता देवी की उत्पत्ति तथा पूजा का सविस्तर वर्णन । मुग्धबोधिनी - ले.- भरतमल्लिक। ई. 17 वीं शती। यह सुप्रसिद्ध भट्टिकाव्य की व्याख्या है। मुदितमदालसा (नाटक) - ले.- गोकुलनाथ । ई. 17 वीं शती। मुग्धबोध - ले.- बोपदेव । व्याकरण शास्त्र का प्रसिद्ध ग्रंथ । इस पर रामानन्द, देवीदास, रामभद्र विद्यालंकार, भोलानाथ (संदर्भामृततोषिणी) दुर्गादास (सुबोधा), विद्यावागीश, श्रीराम शर्मा, श्रीकाशीश, श्रीगोविन्द शर्मा, श्रीवल्लभ, कार्तिकेय तथा मधुसूदन द्वारा लिखित टीकाएं हैं। मुग्धबोध-परिशिष्टम् - ले.- नन्दकिशोर भट्ट। लेखक ने टीका भी लिखी है। मुग्धबोधरूपान्तरम् - ले.- राम तर्कवागीश । मुग्धबोधिनी - ले.- भरत मल्लिक (श. 17) अमरकोश पर व्याख्या। मुण्डमाला - श्लोक- 189। विषय- तंत्रशास्त्र । लिपिकाल सं. 17111 मुण्डमालातन्त्रम् - शिव-पार्वती संवादरूप। पटल- 15. विषयमहाविद्याओं में से प्रत्येक की उपासना का फल। (2) देव-देवी संवादरूप। विषय- पहले देवराज द्वारा साधित एकाक्षरी विद्या का निरूपण, अक्षमाला के नाम और फल, साधनायोग्य स्थान, निवेदन योग्य वस्तुएं, बलिदान, दीक्षाविधि, गुरु के लक्षण, पूजा, यंत्र आदि। मुंडकोपनिषद् - यह उपनिषद् “अथर्ववेद" की शौनकीय शाखा से संबंधित है। इसमें 3 मुंडक या अध्याय हैं जिनकी रचना गद्य में हुई है। प्रत्येक मुंडक में दो-दो खंड हैं। इसमें ब्रह्मा द्वारा अपने ज्येष्ठ पुत्र अथर्वा को ब्रह्मविद्या का उपदेश दिया गया है। प्रथम अध्याय में ब्रह्म व वेदों की व्याख्या मुकुन्दविलासम् (काव्य) - ले.- भगवन्तराय गंगाध्वरी। ई. 17 वीं शती। (2) ले.- नीलकण्ठ दीक्षित। ई. 17 वीं शती। (3) ले.- रघूत्तमतीर्थ । मुकुन्दशतकम् - ले.- रामपाणिवाद । ई. 18 वीं शती। केरल निवासी। मुकुन्दस्तव - ले.-रामपाणिवाद। केरलनरेश रामवर्मा के आदेशानुसार लिखित स्तोत्रकाव्य । मुकुन्दानन्दम् (मिश्र भाण) - ले.- काशीपति। 18 वीं शती। प्रथम अभिनय मैसूर के निकट नूतनपुर परिसर में भद्रगिरि स्थित शिव के वसन्तोत्सव में हुआ। नायक भुजगशेखर । वेश्याओं से शृंगार इस रूपक का विषय है। मुक्तकमंजूषा - ले.- श्री. दि. दा. बहुलीकर। लोनावला (महाराष्ट्र) में संस्कृत के अध्यापक । प्रासादिक शैली में रचित मार्मिक मुक्तकों का संग्रह । मुक्तावली - ले.- रामनाथ तर्कालंकार । मेघदूत की व्याख्या। (2) ले.- ब्रह्मानंद सरस्वती। ई. 17 वीं शती। विषयब्रह्मसूत्र का विवरण। मुक्ताचरितचम्पू - ले.- रघुनाथ दास (15 वीं शती।) पाया है। 272 / संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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