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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नित्यदीपविधिक्रम - ले. - हरिहराचार्य। श्लोक - 150। पांच परिच्छेद । नित्यनैमित्तिक-तान्त्रिकहोम - ले. - चतुर्भुजाचार्य नागर। निपाताव्ययोपसर्गवृत्ति - ले. क्षीरस्वामी। ई. 11 वीं शती हरिहराचार्याभिषिक्त। से पूर्व। पिता- ईश्वरस्वामी। इस ग्रंथ पर "तिलक' नाम की नित्यापारायणम् - ले. बुद्धिराज। टीका है। यह वृत्ति अप्पल सोमेश्वर शर्मा द्वारा संपादित हुई। नित्यप्रयोगरत्नाकर - ले, प्रेमनिधि पन्त। श्लोक - 400। सन 1951 में तिरुपति के वेंकटेश्वरप्राच्य ग्रंथावली से इसका नित्यस्नानपद्धति - ले. कान्हदेव । प्रकाशन हुआ। नित्याचारपद्धति - (1) ले. विद्याकर वाजपेयी। पिता - निपाताव्ययोपसर्गवृत्ति - ले. 12 वीं शती। पिता- ईश्वरस्वामी। शुभंकर। यह ग्रंथ वाजसनेयी शाखा के लिये लिखा है। निपुणिका - (हास्यप्रधान नाटिका) ले. एल. एस. व्ही. समय - 14-15 वीं शती। शास्त्री। मद्रासनिवासी। (2) ले. गोपालचन्द्र। निबन्धचूडामणि - ले. यशोधर । अध्याय- 162। विषय नित्याचारप्रदीप - ले. नरसिंह वाजपेयी। कौत्यवंशीय मुरारी शांतिकर्म। के पुत्र। धराधर के पौत्र एवं विघ्नेश्वर के शिष्य। यह कुल निबन्धनवनीतम् - ल. रामजित्। सामान्यतिथिनिर्णय, उत्कल से काशी में आकर रहा था। व्रतविशेषनिर्णय, उपाकर्मकाल, एवं श्राद्धकाल नामक चार नित्यादर्श - (या कालादर्श) ले. आदित्यभट्ट । आस्वादों में विभक्त। इसमें अनन्तभट्ट, हेमाद्रि, माधव एवं नित्यानुष्ठानपद्धति - ले. बलभद्र। निर्णयामृत प्रामाणिक रूप में उल्लिखित हैं। नित्यार्चनविधि - ले. श्रीकृष्णभट्ट। श्लोक - 223| निबन्धसर्वस्वम् - ले. महादेव । पिता- श्रीपति । विषय-प्रायश्चित्त । मंत्ररत्नाकरान्तर्गत। निबन्धसार - ले. वंचिय। पिता- श्रीनाथ। आचार, व्यवहार नित्याषोडशिकार्णव - विषय - शक्ति के नित्या, महात्रिपुरसुन्दरी, एवं प्रायश्चित्त का तीन अध्यायों में एक विशाल ग्रंथ । लेखन कामेश्वरी, भगमालिनी, नित्याक्लिन्ना, भेरुण्डा इ. 16 स्वरूपों तिथि सं. 1632। का प्रतिपादन । उनके पूजनार्चन तथा बीजमन्त्र का प्रतिपादन । निबन्ध-प्रकाश-टीका - ले. विठ्ठलनाथ। आचार्य वल्लभ के (2) वामकेश्वरतन्त्रानतर्गत । श्लोक-3100। इस पर भास्करराय यशस्वी पुत्र एवं वल्लभ-संप्रदाय का सर्वाधिक प्रचार-प्रसार कृत सेतुबन्ध नामक टीका है। करने वाले गोसाईं। ___ (3) अमृतानंदनाथकृत योगिनीहृदय टीकासहित। श्लोक - निबन्धमहातन्त्रम् - यह ग्रंथ दो भागों में रचा गया है। 10001 पहले भाग में 87 पटल हैं। यह भाग दो कल्पों में विभक्त नित्याह्निकतिलक - ले. मुंजक। पिता - श्रीकण्ठ। है। प्रारंभ से 82 पटल तक सारस्वतकल्प तथा 83 से 87 रचनाकाल-सन 1197। विषय - कुब्जिका देवी की पूजा। पटल तक श्यामाकल्प है। दूसरे भाग में 33 पटल हैं। यह नित्योत्सवतन्त्रम् - ले. उमानन्दनाथ। श्लोक- 8401 द्वितीय भाग 5 कल्पों में विभक्त है। प्रथम से 9 पटल तक नित्योत्सवनिबन्ध - ले. उमानन्दनाथ । गुरु- भास्करराय। यह महेशकल्प, 10 से 18 पटल तक गणेशकल्प, 19 से 25 ग्रंथ परशुरामकल्पसूत्र, वैशम्पायनसंहिता, सारसंग्रह, भैरवतन्त्र तक वैष्णव कल्प, 26 वें पटल में सौरकल्प एवं 27 से 33 आदि से संगृहीत है। वें पटल तक शाक्तकल्प वर्णित है। (2) ले. जगन्नाथ। निबन्धसिद्धान्तबोध - ले. गंगाराम । निदानसूत्रम् - सामवेद का एक सूत्र। इसके प्रपाठकों में निबन्धशिरोमणि - ले. नृसिंह। सामगान में आने वाले छंदों के विषय में विचार किया गया निंबार्कविक्रांति - ले. औदुंबराचार्य । आचार्य निंबार्क के शिष्य । है। सायणाचार्य के मतानुसार इस सूत्र की रचना पतंजलि ने निंबार्कसहस्रनाम - ले. गौरमुखाचार्य। निंबार्क के शिष्य । की होगी। पतंजलि के नाम पर सामवेद की एक शाखा भी नियमसारटीका - ले. पद्मप्रभ मलधारिदेव। जैनाचार्य। ई. है। संभवतः यह सूत्र उसी शाखा का होगा। निदानसूत्र के 12 वीं शती। समान ही "उपनिदानसूत्र" नामक एक अन्य सूत्र भी उपलब्ध है। निरनुनासिकचम्पू - ले. नारायण भट्टपाद । निधिदर्शनम् - ले. भालव वाजपेयी श्रीराम । नैमिश्र - निवासी । निरालंब-उपनिषद् - यजुर्वेद से संबंधित एक गद्यबद्ध नव्य इसमें गुप्त निधियों तथा अन्य आकांक्षित विषयों की प्राप्ति उपनिषद्। यहां निरालंब शब्द का अर्थ है ब्रह्म । इसमें प्रथमतः के लिए कई ऐन्द्रजालिक विधियां वर्णित हैं। जीव, ईश्वर व प्रकृति के विषय में प्रश्न उपस्थित करते हुए, निधिप्रदीप - ले. श्रीकण्ठाचार्य पण्डित। श्लोक - 474।। उन सभी का उत्तर निरालंब ब्रह्म ही दिया गया है। इस ब्रह्म संस्कृत वाङ्मय कोश - ग्रंथ खण्ड/163 For Private and Personal Use Only
SR No.020650
Book TitleSanskrit Vangamay Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreedhar Bhaskar Varneakr
PublisherBharatiya Bhasha Parishad
Publication Year1988
Total Pages638
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size30 MB
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