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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ( ५६६ ) पाठयति ते 1. जोर से पढ़वाना 2. अध्यापन करना, शिक्षा देना – सन्नत पिपठिपति पाठ करने की इच्छा करना, परि, उल्लेख करना, घोषणा करना ( प्रेर० ) शिक्षा देना - तौ सर्व विद्या: परिपाटितौउत्तर० २, सम् पढ़ना सीखना मनु० ४९८ । पटक: [ पठ् + ण्वुल् ] पढ़ने वाला | पठनम् [ पठ् + ल्युट् ] 1. पढ़ना, पाट करना 2. उल्लेख करना 3. अध्ययन करना, अनुशीलन करना । पठि: (स्त्रिी० [ पठ् - इन्] पढ़ना, अध्ययन करना, अनुशीलन करना । | पण i ( भ्वा० आ० - पणते, पणित ) 1. व्यापार करना, लेन-देन करना, खरीदना, मोल लेना नं० २०९१ 2. सौदा करना, वाणिज्य करना 3. शर्त लगाना या दाँव पर लगाना (शर्त की वस्तु में प्राय: संबं०, परन्तु कभी कर्म० भी ) - प्राणानामपणिष्टासी भटिङ० ८। १२१, पणस्व कृष्णां पांचालोम् महा० 4 जोखिम उठाना, ii ( स्वा० आ०, चुरा० उभ० -- पणते, पणायति - ते ) 1. प्रशंसा करना 2. सम्मान करना, वि, बेचना, अदल बदल करना आभीरदेशे किल चन्द्रकांत त्रिभिर्व विपणति गोपाः - सुभा० । पणः [पण् + अ ] 1. पासों से या दाँव लगार कर खेलना 2. जूआ, जो दाँव या शर्त लगा कर खेला जाय -- या २०१८, दमयंत्याः पणः साधुर्वर्तताम्-महा० 3. दाँव पर लगाई हुई वस्तु 4. शर्त, संविदा, समझौता - संधि करोतु भवतां नृपतिः पणेन वेणी० ११५, ठहराव, सुलह हि० ४।११८, ११२ 5: मजदूरी, भाड़ा 6 पारितोषिक 7. रकम जो या तो fresों में हो या कौड़ियों में 8. ८० कौड़ी के मूल्य का सिक्का - अशीतिभिर्वराटकैः पण इत्यभिधीयते 8. मूल्य •10. धन दौलत, संपत्ति 11 विक्रयवस्तु 12. व्यापार लेनदेन 13. दुकान 14. विक्रेता, बेचने वाला 15. शराब खींचने वाला 16. मकान । सम० अंगना - स्त्री वेश्या, रंडी, ग्रंथिः मंडी, मेला या पेठ-बंध: 1. संधि या सुलह करना -- पणबंधमुखान् गुणानजः षडुपायुक्त समीक्ष्य तत्फलम् रघु० ८ २१, १०८६ 2. समझौता, ठहराव ( यदि भवानिदं कुर्यात्तदहं भवते दास्यामीति समयकरणं पणबंधःमनोरमा ) । पणनम् [पण + ल्युट] 1. अदल-बदल करना, खरीदना 2. शर्त लगाना 3. बिक्री । पणवः [पणं स्तुति वाति-पण + वा + क] एक प्रकार का वाद्ययंत्र - भग० १।१३, शि० १३१५ । पणाया [ पण् + आ + अप्+टाप् ] 1. लेनदेन, व्यवसाय, व्यापार 2. मंडी 3. वाणिज्य से प्राप्त होने वाला लाभ 4. जुआ खेलना 5. प्रशंसा । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पणि: (स्त्री० ) [ पण् + इन्] बाजार ( पुं० ) 1. कंजूस, लोभी 2. अपावन मनुष्य या पापी । पणित ( भू० क० कृ० ) [ पण् । क्त ] 1. (व्यापार में ) किया गया लेन-देन 2. शर्त पर क्या हुआ, दे० 'पण' । पंड i ( भ्वा० आ०--पंडते, पंडित) जाना, हिलना-जुलना; ii ( चुरा० उभ० - पंडयति - ते ) संग्रह करना, चट्टा लगाना, ढेर लगाना । पंड: | पंड् + अच्, ड वा | हिजड़ा, नपुंसक । पंडा | पंड | टाप् । 1. बुद्धिमत्ता, समझ 2. ज्ञान, विज्ञान । पंडावत् (पुं० ) | पंडा - | मतुप् ] बुद्धिमान्, विद्वान् । पंडित (त्रि०) पंडा | इतच् ) 1. विद्वान्, बुद्धिमान् — स्वस्थे को वा न पंडित 2. सूक्ष्मबुद्धि, चतुर 3. दक्ष, प्रवीण, कुशल ( प्रायः अधि० के साथ या समास में ) - मथुरालापनिसर्ग पंडिताम् कु० ४।१६, इसी प्रकार 'रतिपंडित' - ४।१८, 'नयपंडित' आदि, तः 1 शास्त्रज्ञ, विद्वान् 2. गंधद्रव्य | सम० - जातीय ( वि०) कुछ चतुर, मानिक मानिन, पंडितंमन्य ( वि० ) अगने आप को विद्वान् समझने वाला, घमंडी आदमी, अपने आपको शास्त्रज्ञ या पंडित मानने वाला । पंडितिमन् (पुं० ) | पंडित + इमनिच् ] ज्ञान, विद्वत्ता, बुद्धिमत्ता । पण्य (त्रि० ) [ पण् + यत् ]1. विकाऊ, विक्रयार्थं 2. लेनदेन के योग्य ण्यः 1. बर्तन, वस्तु, विक्रेयवस्तु पूराबभासे विगणिस्थपण्या रघु० १६/४१, पण्याना गांधिक पण्यम् - पंच० १।१३, मनु० ५। १२९. याज्ञ० २।२४५, मालवि० १९६२ वाणिज्य, व्यवसाथ 3. मूल्य - महता पुण्प पण्येन क्रीतेयं कायनांस्त्वया शा० ३।१ । सम० - अंगना, योषित् (स्त्री०), - विलासिनी, - स्त्री (स्त्री० ) वेश्या, रंडी- पण्यस्त्रीषु विवेककल्पलतिकाशस्त्रीषु रज्येतकः भर्तृ० ११९०, मेघ० २५, अजिरम् मंडी, आजीवः व्यापारी, ----आजीवकम् मंडी, पेंठ या मेला'- पतिः बड़ा व्यापारी - भूमिः (स्त्री०) मालगोदाम, वीथिका, - वीथी, शाला 1. मंडी, 2. विक्रयणी, दुकान । पत् (भ्वा० पर० पतति पतित) 1. गिरना, गिर पड़ना, नीचे आना, उतरना अवाजमुखस्योपरि पुष्पवृष्टिः पपात विद्याधर हस्तमुक्ता -- रघु० २६०, वृष्टिर्भवने चास्य पेतुषी - १०1७७, (रेणुः ) पतति परिणतारण प्रकाशः सलभसमूह इवाश्रमदुमेषु श० १ ३१, मेघ० १०५, भट्टि० ७९, २१६ 2 उड़ना, वायु में आना जाना, उड़ान भरना हंतुं कलहकारोऽसौ शब्दकारः पपात खम्--- भट्टि० ५/१०० दे० नी० 'पतत्' 3. छिपाना, डूबना ( क्षितिज के नीचे ) सोऽयं चन्द्रः पतति गगनादल्पशेषर्मयूखः - श० ४, अने० पा० For Private and Personal Use Only
SR No.020643
Book TitleSanskrit Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVaman Shivram Apte
PublisherNag Prakashak
Publication Year1995
Total Pages1372
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size37 MB
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