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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org જાહેર ] हेर - वि० स्पष्ट वि० जाहिर लडेर पप्पर-स्त्री० सार्वजनिक विज्ञप्ति स्त्री० जाहिरनामा लडेरनाभु न० डिंडोरा पु०; जाहिर જાહેરનામું नामा -५० रक्षक पु० जियु - न० मकान की जाली स्त्री० भणी - स्त्री० लट्टूकी डोरी स्त्री०; जाल लगड - वि० माल खरीदे बिना ह्वी देखने को ले जाने देना वि० नगर स्त्री० प्रियारकी बोली स्त्री० - ५०० गौरवर्ण पु० गोरा ; यूरोपियन L भू किसी- वि० एक घुमक्कड़ जाति वि० विभाज वि० बातूनी वि० बकवादी निहायत - स्त्री० प्रीतिभोज पु० दावत कियावर ५० घरराजा पु० दूल्हा मिर्गा - ५०० पंचायत स्त्री० ; परिषद् जाहिर खबर लहोल्सासी स्त्री० रौब पु० दबदवा; श्राबादी वैभव mgrid-alo afufa dto ang; fred-yo sia go faal; निवाडवु - स०ड० जीवित करना स० क्रि० जिलाना, मरतेको बचाना लगी- स्त्री० मोटा ढोल पु० दमामा ध-स्त्री० उरु स्त्री० बंधा - न० जामुन पु० लयुड, लजुङ-पु०न० जंबूक पु० सियार ૫ नि५२ - स्त्री० इठ पु० जिद; आग्रह गिर- 1० हृदय पु० ज़िगर नित - वि० विजयी वि०; जीता हुआ निह-स्त्री० श्राग्रह पु० जिद्द नि-न० कपास कातनेका कारखाना पु०: वि० जय देनेवाला; बुद्ध: पु० विष्णु Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निवारी - स्त्री० तबला पु० प्रवाण-वि० जीवित वि० जिन्दा सिभ-न० जीवित वि० ज़िन्दा डिवा-५० ईश्वरका यहूदी नाम पु. मिडवा - स्त्री० जिह्वा स्त्री० जबान निहगानी - स्त्री० जीवन पु० ज़िन्दगी जिन्दगी - स्त्री० जीवन पु० जिन्दगी: श्रायु विद्वान - न० बन्दीगृह पु० क़ैदखाना - स्त्री० मा; दादी; बेटी बड़ी ननद स्त्री० -५० पितामह पु० दादा छत स्त्री० विजय पु० फ़तह कतवु - स०० विजय पाना स० क्रि जीतना -५० एक प्रकारका भूत पु०; का जीन लुना -० सीढ़ियाँ स्त्री० जीना | भूत-५० मेघ पु० बादल For Private and Personal Use Only घोड़े
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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