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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ of थु:-40 शाश्वत अ० टिकाऊ मिनी-स्त्री. आर्थिक उत्तरदा. कही-स्त्री. कन्या स्त्री० बेटी यित्त्व पु० जमानत गहू-पु. २० जादू पु० Mम-धु लम्बा अंगरखा पु० जामा ona-५० पुत्र पु० बेटा जयनशान-पु. उत्तराधिकारी पु० जन-स्त्री. वर यात्रा स्त्री० बारात पु० हकदार स्त्री. प्राण; न० गया-त्री पत्नी स्त्री० बीबी मास-४० जनधन पु० जानमाल नये!- पुत्र पु० बेटा जन५-० देश पु० मुल्क; ग्राम ॥२-श्री. ज्वार स्त्री० बनीवासी-० वर-निवास पु. बारात. : MP-4.10 जीर्ण करना प०कि. घर गरी- २५० चाल श्र० जारी जनय।-५० जनैत पु० बाराती M३-५० चालू अ० जारी जनातर-स्त्री. बारात स्त्री. Me()-पु० मछली भादि पकरने का M५-० जप पु. जाल पु० पती-पु. दृढ़ प्रबंध पु• पक्का सम-वि० अत्याच.री वि. जालिम बन्दोबस्त सिम-वि. निर्दय वि० जुल्मी मत-स्त्री. प्रीतिभोज पु० दावत । 14-वि० व्यय वि० खर्च M३२मानी-वि० केसरिया वि. जाफ- M494-10 जीवनपर्यन्त अ० ताजिन्दगी ॥३२॥न-10 केसर स्त्री० जाफरान Masals- जैसे तैसे अ. Mi-10 लम्बे बाल पु० जुल्फी -स्त्री. दाल और चावल का पानी भ- न० प्याला पु. जाम; जाम• (बीमार का पथ्य) नगर दरबारकी उपाधि m-08 जाना अ०क्रि०; जन्मलेना मगरी-श्री० बन्दूक या तोपमें बारूद जस-वि० पुष्कल वि० काफी सुनगानेका पलीता पु. Mसस-विक दुर्बल वि०; माँदा भयु-०४० एकत्र होना अ.क्रि० स० गुप्तचर पु० जासूस जमा होना रत-वि० आवश्यकतासे अधिक वि. Mमाता-पु० जवाई पु० दामाद ज़ियादा मिन- उत्तरदायी पु० जामिन ME-पु. भक्त पु०, तपस्वी रानी For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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