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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra भीन मीन - स्त्री० क्रोध पु० गुस्ता भीलु-स्त्री० घाटी स्त्रो० दर्श मीर - वि० प्रयोग्य वि० निकम्मा मी - ० ० विकसित होना अ०क्रि० खिलना; शोभा पाना श्रीसो-पुं० खूंटा पु० श्रीसु -1० जे स्त्री० टाउ स०० कमी पड़ जाना - स०क्रि० www.kobatirth.org ६० घट जाना राम-स्त्री० न्यूनता स्त्री • कोताही; दग़ा ह - वि० स्वयं वि० खुद ५३ नार - वि० घातक वि० जल्लाद भूम-वि० अधिक वि० ज़ियादा पूष्पसूरत - वि० सुन्दर पु० खुशनुमा मुद्दा - ५०० ईश्वर पु० खुदा सुनाभरी - स्त्री० मारकाट स्त्री० खून- भूमसूरती - स्त्री० सौन्दर्य पु० जमाल व - ० ० सब कुछ खींच लेना खराबी स०क्रि० Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ मे शामत - स्त्री० जी हुजूरी स्त्री० खुशामद शामतियु - भि० चापलूस वि०खुशामदी खुशाल - वि० सुखी वि० खुशहाल पुसी - स्त्री० खाज स्त्री० खुजलाहट यूटल - वि० झूठा पु०; दगाबाज ખૂટવુ’-અ૦ 10 न्यूनता होना श्र० कमी पढ़ना नन० रुधिर पु० खून; हत्या जून- पु० मारकाट स्त्री० खून खराबी २६-५० सूर्य पु० आफताब मुलासे - पु० स्पष्टीकरण पु० खुलासा; निकाल मुस्तु वि० प्रकट पु० जाहिर; सुन्दर जुवार (१० दु:खी वि० रामगीन खुश - वि० प्रसन्न वि० राजी मुशनुमा - वि० रमणीय वि० खुशनुमा खुशपती - स्त्री० खुशीकी भेंट बी ० बख़्शीश शमिलन- ५० प्रसन्नचित्त पु० खुशदिल पुन्नस - स्त्री० शत्रुता स्त्री० दुश्मनी भारी स्त्री० निद्रा त्रो० नींद; मस्ती | भूयवु - अ०४० बाधा देना, अड़चन डालना; दर्द करना अ० ० क्रि० घमंड जुहवु - स०० रौंदना स० क्र० कुच• पेयर -1 पक्षी पु० लना; हैरान करना परिन्दा पेड-स्त्री० कृषि स्त्री० काश्त पेडा- स्त्री० जुताई स्त्री० पेड़-न० ग्राम पु० गाँव खेडुत-पु० ० किसान पु० काश्तकार येती - स्त्री० कृषि स्त्री० काश्त तीअर - ५० किसान पु० काश्तकार मेह - ५०० शोक पु० ग़म For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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