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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ] [ કર્મણૂક पाड-पु. न० नीच काम पु० कबाड़ा ४२३३-२० क्रि० मुंइसे काट खाना माला-पु. विनिमय पु. बदला स०क्रि० मासी-कुटुम्ब पु० कुनबा । ४२७॥४-स्त्री. कठोरता स्त्री० सख्ती भू-वि० स्वीकार पु० मंजर ४२१-१० कठोर वि० सात उभ-वि. अल्प वि. थोड़ा ; खराब ७२-१० कारण पु• वजह; कान भभयु'-40 180 कॉपना अ०क्रि० । ४२९-स्त्री. आचरण पु० चालचलन थर्राना । ४२पी-वि० मंजी पु. कंजूस ७२-० हाथीका बच्चा पु. म ३-० व्यर्थ अ० फ़जूल ... उमरी-स्त्री, दुर्बलता स्त्री. नातवानी ७२०२-० सिंह पु. शेर ४२म-न• कृपा स्त्री० मेहरवानी उभढाए-न० विशाल कुटुम्ब पु० बड़ा ४२मायु-400. चिढ़ाना अक्रि० कुनबा ४२-स्त्री० तलवार स्त्री. तेग उभानसीम-५० अभागा पु० कमनसीब २२-० ठहराव पु० इकरार; समझौता भनीय-वि० सुन्दर वि० खूब सूरत रियाव२-पु. विवाहकी विदाईकी भेंट उभा3-10 किवाड़ पु० ; दरवाजा स्त्री. भाषी-श्री. उपार्जन पु० रिजन री-स्त्री० संयम पु० परहेज; पु. हाथी मान-स्त्री. धनुष पु. कमान ४३५-श्री. दया स्त्री. रहम उभा-स०४० उपार्जन करना स०कि ४२५४ानिधि-पुं० दयानिधि पु. रहमाना 3री-पु. घरकी बाजूकी दीवाल स्त्री० भी-१० अभाव पु० कोताही ७२।-श्री० कोटि पु० करोड़ श-वि० कठोर वि. सख़्त; कडुवा ७२-० हाथ पु. दस्त, लगान ४२-० पाणिग्रहण पु. निकाह । 1320-वि० स्त्री० दुष्टा स्त्री० कुलटा ३२६८-स्त्री. शव ले जानेकी अर्थी स्त्री. ४-० कान पु० गोश तव्य-वि० कर्म पु० फर्ज ४२४४२-स्त्री. उचित व्यय पुं० वाजिब ता-वि० ० करनेवाला वि० ७५2-10 वस्त्र पु० कपड़ा ४२य-स्त्री. लकड़ी का बारीक टुकड़ा पु० म-न कार्य पु० काम ४२०४-२० ऋण पु. कर्ज भ-स्त्री. मनोरंजन ५० दिलबह४२०४-वि० देनदार वि० मकरून लाव कमाना For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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