SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 38
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 33 अया] [मेरे अय-स08. ऊँचना स० क्रि० [स] अय।-पु. उच्चत ली-दी गई रकम स्त्री० मेयित्त-वि० तल्लीन वि० मशगूल अय-स० [80 बोलना स० क्रि० मेटा-1. एकासना पु० ७२-40f8. मोटा होना अ० क्रि० -१० एकत्र वि• इकट्ठा मुटाना ४।-५० शुद्ध पु० सही त२५-पि. एक पक्षीय पु० इकअम-घु उमंग स्त्री० जोश अनवधु-स011० उत्सव करना स० तरका कि०; व्रतका उच्चापन करना मेहता-स्त्री० संगठन पु० एका . मे-40 एक स्थानपर अ० इकट्ठा अणु-वि० उज्ज्वल पु० चमकीला मेम-म० तत्क्षण अ. फौरन g- 13 उठना अ० कि० - एक समय अ. एकबार Gsj-1010 उड़ना अ० क्रि० मेष-वि० सगोत्र पु० हमनिवाला अतर:-4080 उतरना • क्रि० सपा-वि० सदृश वि• यकस अयस-1080 औंधा होकर गिरना यान-40 एकाग्रता स्त्री० मशगूली अ० कि. मेम-पु. एकमात्र पु०, पहली तिथि अयो-पु. उथलकर गिरना स० कि. मागी-वि० सुमार्गी वि. कचलन . जन-स्त्री. ऊन स्त्री० सूफ ४ २-. एकड़ खी० -वि. उष्ण वि. गरम मस-वि० आई वि० नम ५१-स्त्री. उत्पादन पु० पैदावार मेस-वि० अकेला वि. मुखलिस अमरा-4.8 उकसाना अ० कि० । ससपेट-वि. आपस्वार्थी वि० खुदार्ज अनु-वि० खदा वि० शु-वि० अकेला वि• मुखलिस Gट-वि० उल्टा वि० औंधा २-वि० समस्त वि• तमाम बटु-वि० विपरीत वि० मुग्वालिफ़ मे 3--240 अकस्मात् अ. अचानक स-स्त्री. गन्ना पु० ईख मेर-वि० एकमेक वि. असर-वि. भिन्न वि० जुदा मेडी-वि० अकेला पु० मुखलिस ध-स्त्री० निद्रा स्त्री० नींद मेडी-वि० विषम संख्या का-वि० गंभीर वि० गहरा -अचेत पु• बेहोश ज-वि० उल्टा वि. औधा मेमरी-पु. कूड़ा-कर्कट पु० For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy