SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 37
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 6५२२५ ३२ [ पु ५२८५४-24. ऊपर ऊपर से अ० ७ २-1. वक्षस्थल पु० सीना ९५२४ी-स्त्री० ओढ़नी स्त्री० | G :-स० [४० लाँघना स० क्रि० 6 -10 पक्ष पु० तरफ़दारी Salm-१० कम वजन की ओर झुकार उपवास- लंघन पु० फाका वि० B५सा॥२-० समुद्रके पासकी खाड़ी स्त्री० सास-अानन्द पु. खुशी उपसाट-पु. फुलाव पु० सूजन तु -वि. मुर्ख वि. बेवकूफ S५स्त्री-स्त्री. उपपत्नी स्त्री० रखैली ५-- अनादर पु० तौहीन पहन-वि० नष्ट वि. बर्बाद श - S6R-पु. भेंट स्त्री. तोहफा ७२४२३-स. ६० उत्तेजित करना सह. Bहास-पुं० हँसी-ठट्ठा पु. मखौल क्रि• उभाड़ना उपाय-वि० लाभप्रद वि० फायदेमन्द अष्ट्र-10 ऊँट पु० शुतुर उपाधि-स्त्री० पीड़ा स्त्री० दर्द; पदवी । उस२७-स०४० एकत्रीकरण सकि. उपाय-पु. ढब पु० तरकीब इकट्ठा करना SIसना-स्त्री. पूजा स्त्री० इबादत सास-पु. वास पु० साँस पाहार-५० कलेवा पु. नाश्ता [ ] Sोधात--Y० प्रारंभ पुं० शुरुआत उपोष-न० उपवास पु. फ्राकास -म०६० गाँठ का खुलना श्र. ७२।सु२।८-१० आगे-पीछे अ. कि० बात सूझना S२iतियो-५० भय पु० खौफ | 9 -10 गर्म होना भ० कि. माणु-न० फोड़ा पु० 45-400 उखाहना अ० क्रिक उभ२।-० उदुम्बर पु० गूलर अमी-स्त्री. ओखली स्त्री० उभ-पु. प्रेमोद्रेक पु० मुहब्बत अमगा-स्त्री. अोखली स्त्री. अगम-स्त्री. पूर्व (दिशा) पु. पूरब उभ-पु.. उत्साह पु० जोश ग'-५०० उदय होना अ० क्रि० भासी-वि० उदार वि. रहमदिल s j-40 18. खुलना अ० क्रि० उभे-स्त्री. आशा स्त्री० उम्मीद अक्ष-म०ि छलकना अ० क्रि०; भेर-स०० वृद्धि करना सक्रि० । ( व्यंग्यमें ) शादी करने बढ़ाना निकलना उमड़ना For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy