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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Gunj] [ Sanj BMg:-स. उछालना स० कि. २३-स्त्री० बर्तनपर बर्तन रस्ते जाना ऊँचा फेंकना उत२८-स्त्री० उतार पु० ढलाव जाणा-पु. छलांग स्त्री० उतरा-स्त्री० मकर संक्रान्ति स्त्री. Biwणु-वि० ऊधमी पु० नटखट २-० ओट स्त्री० छ२-० 8. पाल-पोसकर बड़ा ताण-स्त्री, व्यग्रता स्त्री० तकाज करना 32-वि० तीव्र पु. तेज Sarमाणु-वि० उमंगी पु० हौसले वाला ५-५० उन्नति स्त्री० तरक्की GA२-न. अरुणोदय पु० फजर १२४-२० व्यग्र प. उतावला Gorqel-स्त्री. संबंधियोंकी दावत स्त्री. 3°५-० कपकपी स्त्री० थर्राहट उप-न० व्रतका उद्यापन पु. ४-५० उत्तम पु० अच्छ। Grणियात-वि. उच्चवर्ण पु० खान- उत्तम-वि० सर्वश्रेष्ठ पु० सबसे अच्छा दानी उत्तर-वि० पिछला; बायाँ; स्त्री० एक गरे-पु० जागरण पु. रतजगा दिशा, पु० जवाब Greी-स्त्री. संबंधियों की दावत स्त्री० उत्तरीय-1. उपवस्त्र पु० दुपट्टा Goma-पुं० प्रकाश पु० रोशनी उत्तान-वि० चौड़ा पु० Song:-स000 उजालना स० कि० उत्ती-वि० सफल पु० कामयाब रोशन करना G४४-वि० उत्तेजनाजन्य पु० जोशी ला Gories-वि० उजाड़ पु. अत्तरित-१० उद्दीप्त पु० जोशीला Gorore-वि० स्वच्छ पु० साफ उत्पत्ति-स्त्री. जन्म पु० पैदाइरुः २।-पु. शरीर पर कांटे आदिकी पात-पु. ऊधम स्त्री०शरारत . खरोंच पु. पान-१० उत्पत्ति स्त्री० पैदावार Sin-वि० निराधार पु. उत्स-५० त्याग पु० BIBीर-१ि० लेभागू पु० उत्स५-५० सुख-सम्मेलन पु० जलसा B-Y० ऊँचाई स्त्री०; दिखावास -पुढीला पु. BIG-३० अपव्ययी पु० फजुलखर्च उत्सा-पु. उमंग पु० जोश आयु-स018 उड़ान सं० कि० उत्सु-वि० आतुर पु० लालायित फैलाना उदा-स० [8. उथलना स०कि.० उयन-10 उड़ान स्त्री० औंधा करना For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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