________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
हवा ]
४-२५० हे प्रभु | अ० या खुदा ! - ५० प्रान्त पु० इलाक़ा प्रसार - ५० उपचार पु० इलाज़ धमानहु - वि०अलग पु० अलहदा शरत स्त्री० संकेत पु० इशारों २४ -५० प्रेम पु० मुहब्बत धश्तेहार - २० विज्ञापन स्त्री० इश्तिहार - वि० प्रिय पु० दिलपसन्द ઇસમ-પુ૦ મનુઇ પુ કાશ્મી इस्मामत - खी० मालमत्ता तु० मिल्कि
यत
मान- पुं० [आस्था स्त्री० शि-पुं० ० परमात्मा पु० खुदा स्वि२-५० प्रभु पु० खुदा र्षा (र्ष्या) - स्त्री० द्वेष पु० जलन 10 अंडा पु०
૨૯
3
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
[ अछामी
विष्णु - १० जलाने की सामग्री स्त्री० ईंधन [€]
३५२-५० कूड़े का ढेर पु०; गंदगी
० धूप स्त्री०; संताप पु० तक़लीफ
ng - स० [० गर्म करना स०क्रि०; बिगाड़ना (हँसी में)
जाट-५०
कलम ५० प्रबंध पु० बन्दोबस्त उतर - स्त्री० प्रतीक्षा स्त्री० इन्तजार शि-स्त्री० लक्ष्मी स्त्री० ६-५० चन्द्रमा चाँद चंद्र-५० देवताओंका राजा पुत्र चंद्रोड़ - ५० स्वगलोक पु० बहिश्त इंद्रिय-स्त्री० ० ज्ञान तथा कर्मका साधन
[ ४ ]
भक्षा - स्त्री० दृष्टि स्त्री० नज़र
शिवु - स० [० तूंस कर खाना ० क्रि० अभ्यासन- न० ऊंची उठान बी०
स्त्री० कष्ट पु० दर्द
- स्त्री० मुसलमानों का सौहार
उप-पुं० उकाला पु०
ॐ-५० सूक स्त्री० समझ, निकाल ag - स० ५ि० सुलझाना स० क्रि० - वि० उघाड़ा पु० नंगे बदन उपाय - न० समस्या स्त्री० उलझन; कहावत
गाम स० ४० झोंकना ० क्रि० दिगार-५० रक्षण पु० बचाव
- वि० कधी पु० गुस्सेबाज़ उधराशी - स्त्री • उधाई स्त्री० वसूली उचित - वि० ठीक पु० वाज़िब उय्यतभ - वि० सर्वोच्च पु० सबसे ऊँचा उभ्या२-५० उच्चारण पु० हिज्जा
३२ छत्र -५० उत्सव पु० जलसा उछिष्ट-वि० जूठा पु०
उच्छ्वास ५० साँस खींचना और निकालना
छ२-५० आनन्द पु० खुशी ७णामी स्त्री० उचाल स्त्री०, उत्
में पैसों श्रादिकी लूट कराना
For Private and Personal Use Only