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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ०५३२] ૧૯૧ [A अवस्या-स्त्री. प्रवन्ध पु. बन्दोबस्त शएगा-० अंकुर यवहार-मुं० बर्ताव पु० सलुक श1-Y० सौ वि. व्यसन-10 टेव स्त्री० लत शत-10 सौ का समुदाय पु० यस्त-वि० अलग अलग किया हुश्रा, शतावधान-10 शतश्रुत पु० ०५५-वि० कटाक्ष पु० शत्रु-पु. वैरी पु० दुश्मन व्यास-वि० गभराया हुआ हैरान २२५-० सौगन्ध स्त्री० कसम व्या-पु० बाघ पु० शेर श५-१० शव पु० साश या-धुं० पारधी पु० शिकारी श-पु. वचन पु० बोल व्याधि- पुत्री० रोग पु० बीमारी सम-पु. शान्ति स्त्री० ; क्षमा व्यायाम-पु. कसरत स्त्री० वरजिश व्यूब-५० सेनाको खड़ा करने का एक समता-स्त्री० धैर्य पु. तसल्लो तरीका पु. शमयु-०० शान्त होना व्योम-1० आकाश पु० फलक शमशेर-स्त्री. तलवार स्त्री० (स) शभियाना-पु. मण्डप पु• शामियाना - सन्देह पु० ; एक संवत् शयतान- बदमाश पु० शैतान ast-न० गाडी स्त्री० शय-वि० प्रेम दीवाना पु. स-पु. भाग पु० हिस्सा शयन-न० सोना पु. ॥४-५०. सकना अ० क्रि० शया-स्त्री. बिछौना पु• विस्तर आन-10 शुभसूचक चिह्न पु० शगून श२-० बाण पु० तीर ad-t० मयूर पु० मोर वर-न० रक्षण पु. श0-10 मिट्टीका सिकोरा पु० सरत-स्त्री. करार पु० शर्त N६४२-२त्री. खांड स्त्री. सरम-स्त्री० लज्जा स्त्री० शर्म - सुन्दर चेहरा शरा५-७० मद्य पु० शति-स्त्री०बल पु. ताक़त, एक देवी शरा-40 शिष्ट पु. प्रतिष्ठित १४५-वि. जो किया जा सके वि० शमस-पु.. व्यक्कि पु० शख्स श स्त्र-न० हथियार पु० 8-१० दुष्ट पु. लुच्चा | डीह-वि.पु. बलिदानी पु० एगा:-स०. शोभित करना स०२-१० नगर पु० शहर कि. समाना -स्त्री० सन्देह पु. शक श५-10 For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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