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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विव १८. अवसाय. ५-. बुद्धि स्त्री० अक्ल, सभ्यता वृध-वि० बृदा पु. विशा२६-१० पटु पु. होशियार वृध-स्त्री० बढ़ोतरी स्त्री० बढ़ाव विशा-पि. विशाल पु. बड़ा वृष- बैल पु. विशेष-१० मुख्य पु० खास ट-स्त्री० वर्षा स्त्री. बारिश विश्राम- शान्ति स्त्री० श्राराम -न. समूह पु० मुंड विश्व-न० जगत पु० दुनिया वस-पु. गति स्त्री० चाल; क्रोध विश्वास-पुं० भरोसा पु० यकीन गणु-१० अलग पु० जुस २५-१० हलाहल पु० जहर १४-स्त्री० उपाधि स्त्री तथा विष्ट-स्त्री. समजोते की छातचीत २७३-स०० अपव्यय करना स०कि, विसात स्त्री० मूल्य पु० को मत; औकात फजूलखर्ची विसामा-भु प्राराम पु० तन-न. पारिश्चमिक पु० तनख्वाह विस्तार-पु. फैलाव तर-स.. कपड़ा उतना स० कि. विरमय- आश्चर्य पु० हेरत विमाड़ना वि-10 पक्षी पु० विदिया ३२-१० शत्रुता दुश्मनी [16 -1.80 विहार करना अ. वेश-० टैक्स पु० महसूल क्रि० सेर करना वसु-वि० बेढंगा पु० वी -स०१० चुनना स० क्रि० पिशाण-10 विवाह पु० वी२-वि.पु. शूर पु० बहादुर; भाई : वेगा-स्त्री. समय पु• वक्त पी-वि० लज्जित पु० शर्मिंदा . वैतरु-न. भारवाही पु० मजदूरः वीस-स०६• बिधारना स०क्रि० मजदूरी की दर भूलना वैभव-पु. ऐश्वर्य पु. शान पी -पु. व्यजन पु. पंखा ०५ति-स्त्री. मनुष्य पु० आदमी; वीर-सof० लपेटना व्यक्ति पौ५-०. बींधना स०कि. व्य-वि० व्याकुल पु. धराया हुआ छेद करना व्यथा-स्त्री. दुःख पु. तकलीफ वृक्ष-न० पेड़ पु० दरख्त ०५५-पु. खर्च पु. त्ति-स्त्री. स्वभाव पु० आदत य-वि० निरर्थक पु• फ़जूल श्या-म. व्यर्थ अ० जुल व्यवसाय-पु. व्यापार पुं० तिजारत For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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