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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पूछ] १५५ [ પૂજવું ५७। पूछ-स्त्री० पूछताछ स्त्री० ५२-स • भर देना, पूग करना, ५-० पुजारी पु० अटकायत में रखना yoनीय-वि० पुज्य पु० | पूरु-पि. सम्पूर्ण पु. तमाम ५vj-सol० पूजन करना पूरेपूरु-वि० सम्पूर्ख पु० तमाम पूज-स्त्री. उपासना स्त्री० । पूध-वि. सम्पूर्ण पु० तमाम, समाप्त ५२५-स्त्री० पुजारिन स्त्री० | पूरािम-न० खड़ी पाई का चिह्न पु० ५ -४० पुजारी पु. पूति -al. यज्ञ की समाप्ति की ५or4-वि० पूजा योग्य पु. बदा-बूढ़ा आहुति स्त्री० ५-श्री० पीठ स्त्री. पूर- पूरे अंक पु. ५.टी, ५।-पुं० लोटे की पेंदी स्त्री० पूर्भाग-10 पूर्ण शरीर पु• तमाम मालपुवा बदन ५९-स्त्री० रूई की पूनी स्त्री० पूणिमा-स्त्री० पूनम स्त्री. भूत-पुं० पवित्र पु० पुत्र, पाक पूति-स्त्री. कमी को पूर्ण करना स्त्री० पूतणा-स्त्री. पुत्तलिका स्त्री० पुतली पूर-वि. प्राचीन पु. कदीम, पूरब पूतणु-10 पुतला पु० दिशा पून-10 अनुस्वार पूमीन-वि. प्राचीन पु. कदी मी पूनम-स्त्री० पूर्णिमा स्त्री० पूनम-० गत जन्म पु. धूम-10 रूई की छोटी सी पोटली पूज्ञान-10 पहले से जानना पु. स्त्री० पूर्वा५२-वि० श्रागा पीछा पु० ५२-वि०० सम्पूर्ण पु० तमाम; पानी पूसा५-पु. प्रस्तावना स्त्री० का बहाव पूर्वाध-पु. प्रारंभ का आधा भाग पु. पूर-वि. पुरा करनेवाला पु. पूर्व-भ. पहले श्र. पूर-वि० पूर्ण सर्वव्यापी पूना- घास का पूला पु० पूरवाणी-श्री० मीठी रोटी धूम-सof बोने के लिये दाना पूर-वि० यथावश्यक वि० जरूरत के डालना मुताबिक पूछ- पूंछ स्त्री० दुम पूरा८-१० द्रुतगति अ० सपाटे. | ५-स्त्री० न० अनुस्वार स्त्री. | prj-स.f. जमा करना For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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