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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १४८ [ पाही ५ -2401. प्रख्यात होना, मशहूर 431-• पुरोहित पु. पंडा होना. ५।-पु. उस्ताद; ग्रामगुरु पति-स्त्री. लकीर स्त्री० कतारतू -पु. बच्चे पढ़ाना जाननेवाला ५ मी-न० पक्षी पु. चिड़िया ५मा-पु. विजन पु. पंखा ५.य-पु. मार्ग पु० रास्ता; धर्म ५'य-वि. पाँच ; न० न्याय करने वाले । ५५४, ५ था-पु. पथिक पु. राहगीर पाँच आदमी पु० ५ ५१२-पु. पहली बार शादी करने५ यल्याशी-वि०चार पैर और सर वाला पु० सफेद हो ऐसा शुभचिह्नः । ५५-पु. पानी खींचने का यंत्र, वाहन वाला (पशु) में हवा भरने का साधन पया-वि० पाँच कोनोवाला ५पाण-स. सहलाना ५५४यास-पु. पंच के द्वारा जाँच स्त्री० ५ा-वि० चौथे भाग का वि• बाजु, तरक ५यटी-स्त्री. एक तीर्थ पु. 485२-० महीन चूर्ण पु. ५ यव-वि० पाँच रंगोंवाला वि०पा -पु. पौंड पु. ५.यवाणी-सी० लोकवार्ता स्त्री० अमा -वि.४० परिपक्व वि० पका हुआ; वाह पवित्र, फसल ५ यात-स्त्री. पंचायत स्त्री० पाशास्त्री-स्त्री. रसोई की कला स्त्री. ५ यामृत-१० एक पेय पु० प्रसाद । पाट-वि० परिपक्व वि० पक्का पयायत-स्त्री० मंडली स्त्री० 4-08निपजना पैदा होना याण-• लुहार पु. ५४४-न० बटुवा पु० ५ -10 पंचांग पत्र पु० वि० पाँच पाक्षिा-वि० पखवाड़े का; पाक्षिक अंगोंवाला अखबार ५-यु-न० छोटी धोती बी. पाप-10 ढोंग पु० फरेब । ५०४२-१० पालतु पखी या पशु रखने ५.२-स्त्री. नाव की रस्सी स्त्री० का पिंजर पान-वि० पागल, बावता ५- पंत्रा पु. पागा-स्त्री. अस्तबल, लष्करी घुडेस्वार ५'-Y० शरीर पु० वदन पति-Y• विद्वान पु० आलिम पाडी-स्त्री० पगड़ी स्त्री. की टुकडी For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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