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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ૧૪૮ 34 ५४५८-१०० झलमलाना, चमकना पस-वि० रुचिकर ५५१-श्री. एक विषभरा जन्तु ५सार- प्रसार वि० फैलाव पस-स.. रिझाना, राजी करना पसीना- स्वेद पु० पसीना पक्षण-2018. भीजना ५२ता-म०० पश्चाताप; पछतावा Net-पु. खाट स्त्री. परती-स्त्री. व्यर्थ कागज पु० सागु-10 जीन पु० सवारी ५२तु-न• पिर पु. ५सायन-1. भागना ५४ा-पु.० पर्वत पु० कोह पदायित-वि० भागा हुआ पर-न० कुड़ता; पाश-पु. सेमर पु० पढ२'-स०६० धारण करना; पहनना पसाज-स०० गीला करना, भिगोना परवेश-पु. पहिनाव पु० पोशाक पसा-(४) न० गणितका प्रश्न पराभ-स्त्री. कन्याकी विदाईके पल-स्त्री. पलथौमारकर बैठनेकी समय बापकी भेंट स्त्री० रीति स्त्री० पहे।-० नियंत्रण पु. पहरा; चौकी पलीता-पु. पलीता पु० पहेरेगी२-० चौकीदार पु० सन्तरी पस-पु. किसलय पु० कोपल; पत्ता; पर-स्त्रीय प्रारंभ पु० शुरुआत; पु. पतु:-न• पलड़ा; पवन-पुं० वायु स्त्री० हवा | पहेतु-वि. प्रथम वि० पहला पवनय-स्त्री. हवासे चलनेवाली पहाय-स्त्री. पहुँच स्त्री. रसीद; शक्ति चक्की पहायेलु'-40 ऊँचे दर्जे का वि० पक्का वाली-स्त्री. एक बर्तन स्त्री. पहा२-० प्रहर पवि-सी० बज्र पु० पाणु-वि० चौड़ा वि० पवित्र-वि० शुद्ध वि• पाक पहाथी-स्त्री. अक गहना, पहुँची पशु-१० जानवर पु० पण-2018. गमन; जाना; पोषण ५श्वात-१० बादमें होना पश्चिम-वि० पच्छिम दिशा स्त्री० मगरिब पणा-स्त्री. घी तैल निकालने का एक ५सतागियो- शाकमाजी वेचनेवाला लोहे का साधन ५स -०० पसरना; फैलनाप -पुकीचड़ पु. ५ससी-स्त्री. भाईकी श्रोरसे बहिनको भेट ५४५-10 काल पु० पासा For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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