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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ५२] १४५ [ पशु ५२-५०वि० ऊपर अ० वि० पराया; दर ५२पोटी-पु. क्षणभंगुर ५२४१५-१० दूसरे का , पराया પરબ-સ્ત્રી તથા ५२५-स्त्री. परीक्षा स्त्री० जाँच ५२मायु-१० लिफाफा पु. ५२०४-वि० परोपकारी पु० ५२४१-पु. परलोक पु० ५२ग-1. परगना पु० ताल्लुका ५२मातियु'-न प्रभाती स्त्रीय ५२माम-10 दूसर। गांव पु. पराई बस्त ५२मार - वि० बाहरी ५२-युट-२० फुटकर चीजें स्त्री० जुदा ५२ाषा-स्त्री. मिन्न भाषा स्त्री, सैर जुदा चीजें जवान ५२ये।-० चमत्कार पु. करामात;प्रताप परम-[२० अत्तम ५२-० अन्य व्यक्ति पु. पराया ५२माटी-स्त्री० मांस पु० गोश्त श्रादमी ५२मा-वि० प्रमाण वि० सबूत ५२म-स०० प्रज्वलित करना। ५२भाए-न० मात्रा स्त्री० माप जलना ५२म.२५-पु. परोपकार पु० ५२४-०० निर्णय करना, ते करना ५२माय-पु. मोक्ष पु० ५२रियत--वि० विवाहित पु० शादीशुदा परमेश्वर- परमात्मा पु० खुदा पत२-१० पत्नी स्त्री० बीबी ५२५-१० पराया राज्य पु० गैर५२तंत्र-वि० पराधीन पु० गुलाम ५२त-म० पीछे अ० वापस ५२सो-पु. स्वर्ग पु० वहिश्त ५२६:५-२० पराया दुःख पु. दूसरेकी ५३ पासी-वि० स्वर्गीय पु० मरहूम तकलीफ ५२१६-०० पोसाना ५२: म न-वि० पराया संकट टालने ५२१२६॥२-. परमेश्वर पु. खुदा वाला पु. ५२५४ - वि० पराधीन पु० गुलाम ५२३३-10 विदेश पु० गैरमुल्क ५२५-स्त्री. गरज स्त्री० दरकार ५२धन-10 पराई संपत्ति स्त्री० गैरकी ५२वानी-स्त्री० आज्ञा स्त्री० रजा दौलत ५२वाना-पु. आज्ञापत्र पु० परवाना; ५२यम-पु. भिन्न धर्म गैर पु० मजद पंतिगा ५२नात-स्त्री. भिन्न जाति स्त्री० गैर ५२वार-स्त्री० ; कुटुम्न बिरादरी । ५२शु-स्त्री०१० परमा पु० कुल्हावी १:१८ सल्तनत For Private and Personal Use Only
SR No.020601
Book TitleRashtrabhasha Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahityaratna
PublisherVora and Company Publishers Limited
Publication Year1950
Total Pages221
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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