SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 117
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir AAYSpace जीव संभाने संघले पजन्दावाविषमस्थानापारज्ञानमवश्यमेवाराकाहान्छ नाजायर याचिकारकटःशवपक्षविपक्षरजाबन दशक जमनारसन नियालेर पचामनमानानजादुगाधामिकासहसस नायोमासर सम्हालयशकवनो जग्झायराशी र विधामी दुरावार या मी समयान्यानेदभार सारजननाशजवन्न माराम माय बदमाशसमिरम्गकय सवैधानिकतावारी गारंग गार्थ युद्धनकुहानानेजय प्राध्यज संवेयरल प्रचन्नम्।यरि देवयाँ कारनामा जगदिनाधार्मिपिशवन्यसायजनावाद जगदेवराज्य स्थान नहि च्याशदएननकानानन्यायन बनायायेन स्वतंत्र स्थान विनवाशा सासार बकरोणविजयराज्यलक्षमी पारोगनियादात्री विनयशेने मानी नया गले मत दिEET 201220 434444 विधवारमार्यान्यः माया पहनिपि पनि जम् सामन्यः इण्डने नोवत्याने HAAHAMAY AGA44410 244020 इस्टस्चितारशिलाबाकी कामया HSS ISOwais AasaAAAA900 4 गरमाया दमनना नादिया सूर नवजय । नयामाकामाम + mutOut N + X -सामग्रमा दा पाला सिग्नि भारम्बारिनुका सानामि का परमपाव बाबात्रासिधेनुका जामियानाकुलाबाजारी लासरिता कटारी-नारयशिनावास्यासिवानाttoRNIROM स्वासहजानपरशधनुषबागसामान्यायाण्डिायवर्ग मोकाशा ताराय यामलान सैनिमामामागम ....-महाशाइनामा For Private And Personal Use Only
SR No.020594
Book TitleRajvidya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbramhachari Yogiraj
PublisherBalbramhachari Yogiraj
Publication Year1930
Total Pages308
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy