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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra पासीगर वाला । जालसाज । पासीजळ - पु० [सं० पाशी-जल] जल का देवता, वरुण । पालु बासू-१ फांसी का जान २ देखी 'पास' पारी० [सं० पार्श्व] एक प्रकार का तकिया । पाहं देखो 'पास' पासीगर - पु० [सं० पाश कर] जाल रचाने वाला, फांसी गूंथने विंग वि० [सं०] १ लाल-पीला मिला हुआ भूरा । २ कतिपय पीत । पाहइ - देखो 'पखे' | पाहट देखो 'पहाट'। 'पासो' । पावदेव पासवान' | पासेस- देखो 'पारसनाथ' । पासेही देखो 'पास' | 1 पास क्रि०वि० [सं० पार्श्व] १ दूर अलग । २ पास में । पासौ पु० [सं० प्राशन] १ पौसर खेलने के गुटके जिन पर अंक लिखे होते हैं। [सं० पार्श्व] २ बगल, करवट । ३ कान का प्राभूषण विशेष । ४ देखो 'पास' । ५ देखो 'पारसनाथ' । पाहल, पाहन- देखो 'पासांण' । पाहुति-देखो 'पर्व'। www.kobatirth.org पाहन देखो 'पागल'। पाहड़ी-देखो 'पावहियो' । ( ६५ ) पाहून, पाहुण, पाणी-देखो 'पोमणी'। पाहुर, पाहुरी- देखो 'पावरी'। पाहरी, बाहर, पाहरू- देखो 'प्रहरी'। पाहा देखो 'पासांगण' पाहावी देखो 'पागी । पाहाड़ देखो 'पहाड़' । 1 पाहावी, पाहार-०१ पत्थरों का ढेर २ पहाड़ी प्रदेश ३ देखी 'हा' ४ देखो 'प्रहार' | पाहारी-देखो प्रहारणों पाहार (देखो 'प्रहार' (बी) पाहि १ देखो 'पास' । २ देखो 'पख' । पाहि पाहि सव्य० १ सुरक्षा की मांद सूचक आवाज । २ देखो 'पद' | ३ देखी पाहा वि० पास का निकट का पाहोरी-देखो 'पावरी' । पाहोरी-देखो 'पावरों पिक-स्त्री० [सं० पिनेक] मस्ती, उन्माद । पाहे पाहेगेव्य मैस को पानी पिलाते समय मुंह से बोला जाने वाला शब्द | पा-१ देखो 'पास' २ देखो''। रापन लिये पिंगति-देखो पंक्ति' । पिगळ वि० [सं० पिङ्गल] १ पीला पीत २ पीला, सुंघनी के रंग का । ३ भूरापन लिये लाल । - पु० [सं०] १ सूर्य रवि । २ शनि । ३ मेघ, बादल । ४ छन्द शास्त्र के निर्माता एक मुनि । ५ छन्द शास्त्र । ६ वृज भाषा । ७ पीतल ८ एक नाग का नाम । ९ एक प्रकार का फनदार सर्प । १० भैरव का पुत्र एक राग । ११ बन्दर, कपि । १२ नेवला, नकुल । १३ उलूक पक्षी, उल्लू । १४ हरताल । १५ कुबेर की नवनिधियों में से एक । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पिंगळा स्त्री० [सं०] पिंगला] १ शरीरस्थ तीन प्रधान नाड़ियों में से एक (योग) । २ लक्ष्मी का एक नाम। ३ दक्षिणी दिग्गज की स्त्री । ४ राजा भर्तृहरि की रानी का नाम | ५ एक भगवद् भक्त वेश्या का नाम । ६ एक प्रकार की चिड़िया । ७ गोरोचन । पिंड विगा - स्त्री० [सं०] १ रक्त वाहिनी एक नाड़ी । २ हल्दी । ३ केसर । ४ हरताल । ५ चण्डिका देवी । पिगी- स्त्री० [ देशज ] स्त्रियों के द्वारा खेत में काम करते समय बच्चों के पैर में बांधने की रस्सी । बी० पछाड़ना, पटकना चिमी ० १ वर्ष के उपरान्त नदी के किनारे पर जाने वाली मिट्टी । २ देखो 'पींगो' । जो-देखो 'पीजरों' । पिजरण (न) - देखो 'पींजरण' । पिजर देखो 'पंजर' | पिजरौ - १ देखो 'पींजरौ' । २ देखो 'पंजर' । पिजस पु० [फा०] फिनस] १ पलंग, डोलिया २ डोली की तरह बंद एक सवारी विशेष । पारस्त्री० पिंजारा जाति की स्त्री । पिंजारा स्त्री० रुई धुनने का कार्य करने वाली जाति । विजारी - पु० [सं० पिञ्जनम् ] (स्त्री० पिंजारण, पिंजारी) पिंजारा जाति का व्यक्ति घुनका विजूस, पिंजूसन-पु० [सं० पिंजूष ] १ श्रवणेन्द्रिय कान । २ कान का मेल, ठेठी । For Private And Personal Use Only पिंड पु० [सं० पिण्डम् ] १ गोलाकार कोई वस्तु, गोला । २ कोई द्रव्य खण्ड, ठोस टुकड़ा । ३ ढेर, राशि । ४ तीर्थों में अस्थि विसर्जन के समय बनाया जाने वाला घाटे का गोला | ५ पितृ तर्पण के समय पके चावलों का बनाया जाने वाला गोला । ६ रण क्षेत्र में घायल वीर द्वारा पितृ तर्पण के लिये बनाया जाने वाला खून-मिट्टी का गोला ।
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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