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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra पावरी www. kobatirth.org ( ६७ ) शबरी स्त्री० [सं० प्रावशे] १ चमड़े, ऊन या सूत की बनी पासली देखो 'पाणी'। छोटी थैली । २ देखो 'पावरी' । पावसि देखो 'पावस'। पाहियो न० १ हिजड़ा, नपुंसक २ देखों 'पपी' पावही स्त्री० एक देवी का नाम । पावासर, बाबाहर-देखो 'पावर' पाबड़- पु० [सं० प्रयागवट ] प्रयाग का बोधिवृक्ष पावशेर - पु० [सं० पापरौरव ] भयकर पापः । पाथरी- पु० [सं० प्रावर ] १ घोड़े की जीन पर लटकाने का थैला । २ घोड़े को दाना खिलाने का थैला । पासणी (बी) कि० [सं० पास] पानी निकालने के लिए कुए में मोट आदि डालना । पासल्यउ - वि० चरित्र पालन में शिथिल, ढीला प्रढ़ (जैन) पासत्यमत दोस-पु० पाचार भ्रष्ट साधु से प्राहार लेने का दोष । (जैन) 1 पान-देखो 'पाशोला । पासनाह देखी 'पारसनाथ' । पायांस स्त्री० सीड़ी, जीवा पावली स्त्री० १ रुपये का wrete एक frक्का २ देखो पासपातळी १० पतली पसली का घोड़ा। पासवान- देखो 'पासवान' । 'पायली' । पावली - ०१ पैर, चरण । २ देखो 'पावली' । पावस-स्त्री [सं० प्रावृष] १ वर्षा ऋतु । २ वर्षा, बारिस । ३ मेघ बादल । ४ गाय-मंस के स्तनों में दूध उतरने की अवस्था पास] [सं०] प्रावृधम्] १ गायन्स यादि के स्तनों मैं उतरता २ द्रवित होना 1 पावसा ( ० १ गाय-मैस आदि के स्तनों में दूध उतरने जैसी क्रियाएं करना । २ द्रवित करना । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir " पासंग पासंगी पु० [फा०] १ तराजू के संतुलन में होने वाला अन्तर, 'कारण' । २ उक्त अन्तर को ठीक करने के लिये रखा जाने वाला भार ३ सहारा, मदद पास, पासह वि० [सं०] १ पार तय २ उत्तीर्ण सफल ३ पारित, स्वीकृत ० [सं० पानं ] १ सामिप्य निकटता नजदीकी २ पड़ोस [सं० पास] ३ पान, फंदा ४ बंधन । ५ अधिकार, कब्जा । ६ समूह, झुण्ड । ७ वरुण । ८ कहीं जाने का पार-पत्र। ९ देखी 'पारसनाथ' । - क्रि०वि० [सं० पार्श्वकम् ] १ बगल में, निकट में २ प्रदर ३ पड़ोस में पास में ४ अधिकार में कब्जे में | 1 " पासी पासात पु० [सं० पास भृत] वरुण । पासरर - पु० [सं० प्रसरण ] १ फैलाव । २ धावा । - वि० धावा करने वाला । पासरी (बी) देखी 'परी' (बी) । बासरी० [सं०] उपाश्रय] जैन यतियों का स्थान । पासठी रंत्री० [सं० पशु का] मनुष्य, बन्दर धादि के सीने तथा पशुओं के पेट पर रहने वाला गोलाकार हड्डी समूह । पासवनी- देखो 'पासवान' । | पासवय - पु० लघुशंका, मूत्र । (जैन) पासवान स्त्री० [सं० पार्श्व] १ उप पत्नी, रखेल । २, सेवक, मर्जीदान । ३ अंग रक्षक । पासवनियोजी रखेल का पुत्र पासवाड़ी देखो 'पसवाड़ी। पावे कवि० पाव सेर के लगभग पाथी-पुं० १ बड़े टीन या बड़ी बोतल का चतुर्थांश । २ बौना, पासहर- पु० [सं० पासीघर] फांसी का फंदा रखने वाला । पासवान देखो 'पासवान' ठिगना । पासारण - पु० [सं० पाषाण ] पत्थर । प्रस्तर । पासणिकरम- पु० [सं० पाषाणकर्म] ७२ कलाधों में से एक । पासांगवड पु० [सं० पाचाणवड] चारों ओर पत्थरों से बंधा सरोवर । पासांसी- वि० सं० पावाल] पत्थर का पत्थर संबंधी पासमेव पु० सुन्दर पत्तियों वाला पौधा विशेष पासावळी देखो 'पासकरेगी'। पासाठी देखो 'पनवाड़ी' पासाब- देखो 'प्रासाद' । पासावळि, पासावळी - क्रि०वि० [सं० पार्श्व प्रवलि] पास, निकट । For Private And Personal Use Only पासक रेली स्त्री० पाशा फेंक कर गणना करने की ज्योतिष की पासासार पु० [सं० पाशक] चौसर नामक खेल । एक प्रक्रिया । पासड़ी-देखो 'पास' । पासि क्रि०वि० १ पास में नजदीक में २ देखो 'पारसनाथ' । '३ देखो 'पास' । ४ देखो 'फांसी' । पासची देखो 'पाचड़ियों' । पासचिव, पाराचिम० पार्श्वनाथ (जैन) प्राणी-स्त्री० [प्राथन] बच्चे को प्रथम बार मन्त्र बटाने पासी पु० [सं० पार्श्व] १ मोर तरफ २ देखो 'फांसी' । की क्रिम + ३ देखो 'पास' ।
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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