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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बरंडेय । ६६७ ) वैसपा वरंडेय पु० [सं०] एक प्राचीन ऋषि । वैराडी-स्त्री. एक प्रकार की रागिनी। धर, वै.र-पु० [सं०] १बदला, प्रतिकार । २ विरोध, शत्रता, | वैराजी-देखो 'बेराजी'। दुश्मनी। ३ फसल । ४ शत्रु, दुश्मन । ५ देखो 'बैर'। वैराट-वि० [सं०] १ विराट का, विराट संबधी। २ लंबा -भाव-पु. शत्रुता, विरोध, मनमुटाव।-वैत्रासुर-पु० इन्द्र । चौड़ा, विस्तृत । ३ महान, विशाल । ४ भयंकर, भयावह । वरक, वैरक्क, वरख-पु० [सं० बेरम्] १ शरीर, बदन । २ हाथी, पु. १ इन्द्रगोप कीट, वीरबहूटी। २ विराट राजा का हस्ती । ३ शत्रु, दुश्मन, वैरी । ४ देखो 'बैरक' ।। पुत्र, उत्तर । ३ धतराष्ट्र का एक पुत्र । ४ देखो 'विराट' । बरड़ी-वि०१ दोगला, वर्ण संकर । २ वर लेने वाला, बदला ५ देखो 'ब्रह्मरंध्र' । -रूप-पु० विष्णु या ब्रह्म का लेने वाला । ३ देखो 'वर' । ४ देखो 'बैरडो'। विश्व रूप। वैराणौ (बी)-देखो बैराणो' (बी)। वैरण (णि, णी)-वि० शत्रु दुश्मन, वैरी। वैरात-देखो 'बरात'। वैरणी (बो)-देखो 'बैरणो' (बी)। बरता-देखो 'वैर'। वैराय, वैरायत-पु० शत्रु, दुश्मन, वरी। वैरि, वैरी-देखो 'वैरी'। वैरवाढ़ पु० विरोध शत्रुता । वरिण, वरिणि, वैरिणी-देखो 'वैरण'। वैरस-वि० बिना रस का, नीरस, सारहीन । वरिय वैरी, वैरीडी-पु० [सं० वैरिन्] (स्त्री०वैरण) शत्रु, दुश्मन । बरसुध-स्त्री० बदला, प्रतिकार । वैरीवाड़ो, वैरीवारी-पु० [सं० वैरी-पाटक:] १ शत्रुओं का वैरहर (हरण, हरि)-पु. शत्रु का वंशज, शत्रु। . मुहल्ला, देश, निवास स्थान । २ शत्रुता । वैराण (न)-देखो 'वीरांन' । वैराई, राई-देखो 'बैगई'। वैरीसाल-वि० शत्रु के लिए शल्य रूप । बराक-पु० चौथी बार निकाला हुमा तेज व बढ़िया शराब । वैरीहर-देखो 'वरहर'। वैराग, वैराग-देखो 'वैराग्य' । वैरोचन-पु. [स०] १ राजा बलि का एक नाम । २ सूर्य का वैरागढ-देखो 'वैरागर'। - एक पुत्र । ३ अग्नि का एक पुत्र । ४ देखो 'विरोचन'। वैरागरण-स्त्री. १ विरक्त स्त्री। २ वैराग्य लिये हा या लेने | रोट-१ देखो "विराट' । २ देखो 'वैराट'। वाली स्त्री। ३ सन्यासियों का एक काष्ठ का उपकरण । वैरी-१ देखो 'बेरौ' । २ देखो 'वरी' । ३ देखो 'वर'। वैरागणी (बी)-क्रि० । संसार से विरक्त होना । २ संन्यास वल, वैल-१ देखो 'बहल' । २ देखो 'बैल'। लेना, साधु हो जाना। ३ ईश्वर भजन में लीन होना । | वैलडली, वैलड़ी बलड़ी-१ देखो 'बेल' । २ देखो 'बहल'। ४ किसी कार्य या वस्तु के प्रति विरक्त या उदास होना। वैलणी (बी), वलणी (बो)-१ देखो 'बेलणो' (बी)। २ देखो ५ त्यागना। - 'वेलणों' (बी) । ३ देखो 'बैलणो' (बी)। वैरागर (गिर, गिरि, गिरी)-वि०१बहत गहरा । २ रिक्त, वैलवान-पु० महांकने वाला, रथचालक, सारथी। खाली। -पु. १ खाली भूमि । २ गहरा कूमा। ३ हीरों बली-क्रि० वि० १ उस पोर, उस तरफ । २ देखो 'बहल'। की खान। ४ हीरों को खान वाला पर्वत। ५ एक देश | वैले, बैल-देखो वेल' । का नाम । ६ एक प्रकार का वस्त्र । ७ हीरा। ८ एक | वैल्व-पु० [सं०] बिल्व नामक वृक्ष, पत्ता या फल । अन्य प्रकार का रत्न । वैवतन-देखो बेवतन'। वैरागियो-१ देखो 'वैरागी' । २ देखो 'वैराग्य' । वैवस-देखो "विवस'। वैरागी, वैरागीयो-पु० [सं०] (स्त्री. वैरागण) १ संसार से | वैवस्त, वैवस्वत-पु० [सं०] १ सूर्य का एक पुत्र । २ एक रुद्र विरक्त व्यक्ति। २ साधु, संन्यासी, महात्मा। ३ त्यागी का नाम । ३ शनि । ४ यम । पुरुष । ४ एक वैष्णव सम्प्रदाय । -वि० १ विरक्त, उदास वैवस्वती-स्त्री यमुना नदी का नाम । २ त्यागी। वैवार, वै बार-१ देखो 'व्यवहार' ।२ दखो 'व्यापार'। वैराग्य-पु० [सं०] १ संसार, विषय वासना तथा भौतिक तत्वों | वैसंदर-देखो 'वैस्वानर'। . के प्रति विरक्ति, उदासीनता, घणा। २ संसार का त्याग | वैसंधि (घो)-देखो 'वयसंधि'। एवं ईश्वर के प्रति तीव्र प्रासक्ति । ३ प्रसंतोष, अप्रसन्नता। वसनर-देखो वैस्वानर'। ४ अरुचि, घृणा। ५ किसी के प्रति रागात्मक भावना का | वैसपा, बसपायन-पु० [सं० वैशंपायन] वेदव्यास के शिष्य एक प्रभाव । प्रसिद्ध ऋषि। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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