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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रेळपेळ ( ५०० ) रंगरणी रेळपेळ, रेलपेल-स्त्री. १ भीड़-भाड़ । २ धक्का-मुक्की । ६ क्षति, हानि । ७भय, अातंक । ८ कारण, निमित्त, ३ भरमार, अधिकता। हेतु । ९ निर्धनता, कगाली। १० चाह, इच्छा । ११ तात्त्विक रळापेली-देखो 'रेलपेल'। ज्ञान, रहस्य, मर्म । [अं०] १२ जाति, नस्ल । १३ घुड़ रेलि-स्त्री० धार, धारा, प्रवाह । दोड़।-वि० किचित, जरा ।-क्रि.वि.लिए । रेळी-स्त्री. १ शीतल वायु की लहर । २ बारीक धूल की तह रेसकोरस, रेसकोस-पु. [प्र. रेसकोर्स] १ धावन, पथ । कण । ३ गेहूँ के पौधों की जड़ों में होने वाला रोग। | २ अश्व धावन भूमि, धुर बोड़ का मैदान । ३ घुड दो। रेली- प पानी प्रादि तरल पदार्थ की जमीन पर बहने वाली रेसण-वि०१ मारने वाला, संहार करने वाला । २ पराजित छोटी धार । २ तबला बजाने का एक ढंग। ३ भीड़, करने वाला, पराजय देने वाला। जम घट । रेसणी (यो)-क्रि०१ पराजित करना, हराना । २ मारना, रेवत-पु० १ अश्व के रूप में उत्पन्न सूर्य का एक पुत्र । २ अश्व, संहार करना। ३ मिटाना, नष्ट करना । घोडा। । रेसम-पु० [फा० रेशम] १ बारीक, मुलायम व चिकना रेशा रेव-स्त्री० [सं० रव] १ दर्द भरी आवाज, चीख, पुकार । | जिसके कपड़े बुने जाते हैं । २ इन रेशों का बना वस्त्र । २अावाज, पुकार । ३ गिड़गिड़ाहट । ४ शर्याति वंशीय ३ इन रेशों की डोरी। ४ तलवार, खड्ग । एक राजा। रेसमियो-पु. १ रोगी को दिया जाने वाला बाजरी के प्राटे रेवड़-पु० भेड़, बकरियों का झुंड या दल । का तरल खाद्य । २ एक प्रकार का घोड़ा । ३ शीतलकाल रेवड़ा-स्त्री० बड़ी रेवड़ी। की तीक्ष्ण वायु । -वि. १ रेशम का, रेशम संबंधी । रेवड़ियो-देखो 'रेवड़'। २ देखो 'रेसम'। रेवड़ी-स्त्री० सफेद तिलों की, गुड़ या शक्कर की चासनी मिला रेसमी-वि० [फा० रेशमी] १ रेशम का, रेशम संबंधी । ____ कर बनाई गई टिकिया। २ रेशम का बना । ३ कोमल, मुलायम, चिकना । रेक्ट-पु० [सं०] १ दक्षिणावर्त शंख । २ शूकर, सूपर । रेसमीघाट-पु० एक प्रकार का वस्त्र । । रेवत-पु० [सं०] १ शयति वंशीय एक राजा । २ वायु पुराण | रेसमीभइरव-पु. एक प्रकार का वस्त्र । के अनुसार एक अन्य राजा । ३ एकादश रुद्रों में से एक। | रेसि-देखो 'रेस' । रेवतबीणी-स्त्री० पौषधि में काम पाने वाला एक प्रकार का क्षुप। | रेसौ-पु० [फा० रेशः] १ पौधों की छाल के महीन तंतु । रेवति, रेवती-स्त्री० [सं० रेवती] १ रेवत मुनी की माता का २ शरीर के अंग बनाने वाले तंतु । ३ सूत प्रादि के बारीक नाम । २ श्रीकृष्ण की भोजाई व बलराम की पत्नी। तंतु । ४ शरीरस्थ नश। ५ असर। ६ हिस्सा, भाग । ३ महषि भारद्वाज की बहन । ४ गोदावरी के समीप का ७ अत्यन्त सूक्ष्म अंश,प्रणु । ८ लहर, प्रवाह । ९ देखो रेस'। एक तीर्थ । ५ अश्विनी धादि २७ नक्षत्रों में से एक।| रेह-स्त्री० [सं० रेखा] १ कपट, धोखा । २ सन्देह, शक । ६ एक मातृका का नाम । ७ एक बाल ग्रह विशेष । ३ कलंक, दाग । ४ धूल का कण । ५ परिखा, खाई । रेवतीभव-पु० [सं०] शनिश्चर। -वि० १ किचित, थोड़ा, लेश मात्र । २ देखो 'रेख', रेवतीरमण, रेवतीरवण-पु० [सं० रेवतीरमण] बलराम । 'रिख'। रेवल-पु० दीवार की सतह नापने का लकड़ी का एक उपकरण। रेहड़ली-स्त्री० धूल । रेवा-स्त्री० नर्मदा नदी का एक नाम । रेहप-पु० मैल, मल कोट । रेवाउत्तन-पु० हाथी, गज। रेहरणौ (बौ)-क्रि० १ शोभित होना । २ देखो 'रहणो' (बौ)। रेवाकंकर-पु० रेवा या नर्मदा नदी के कंकर, सब शंकर । रेहळणी (बौ)-क्रि० पराजित करना, हराना। रेवाड़ी-देखो 'रेवाड़ी'। रेहा-देखो 'रेखा', 'रेह', 'रेख' । रेवाड़ी-पु. भेड़ या बकरियों को रखने का बाड़ा, पाहता | रेहिणी-देखो 'रोहिणो'। या स्थान। रे-देखो ''। रेवानव (नवी)-पु० रेवा नदी। नर्मदा नदी। रेवाळ-देखो 'रहवाळ', 'रैवाळ' । रैकरणौ (बी)-क्रि० गधे का बोलना । रेवास, रेवासौ-देखो 'रहवास' । रंग-स्त्री० रेंगने की क्रिया या भाव । रेस-स्त्री० [सं० रुक्ष या रिष] । पराजय, हार । २ नाश, | रंगणो (बो)-क्रि० भूमि या मांगन में पेट के बल सरक संहार । ३ सजा, दण्ड । ४ दबाब । ५ शल्य, कसक ।। कर चलना । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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