SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 442
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पसस्त्री पिन यसस्वी-वि० [सं० यशस्वी] यश या ख्याति प्राप्त । याग्यिक-वि० यज्ञ करने या कराने वाला। यसारत-देखो 'इसारो'। याचक-देखो जाचक'। यसु-पु० [सं० प्रयस्] लोहा । याचनी-वि० वस्तु विशेष की याचना करने वाला। यसुमति-देखो 'जसुमति'। याजक-पु० [सं०] १ यज्ञ करने वाला । २ राजा का हाथी । यसू-वि० [सं० याहशकम्] जैसा । ३ मस्त हाथी। पसोदा-देखो 'जसोदा'।-नंबन='जसोदानंदन'। याजन-स्त्री० [सं०] यज्ञ की क्रिया । पसोदेवी-स्त्री० सम्राट बृहत्मनस की पत्नी। याजि-वि० यज्ञ करने वाला। यसोधर-पु० [स. यशोधर] १ भूतकाल के १८ वें तथा भविष्य- यातना-स्त्री० [सं०] १ शारीरिक या मानसिक पीड़ा, कष्ट । तकाल के १९ वें तीर्थ कर का नाम । २ देखो 'जसोधरा २ असाध्य रोग। ३ यम द्वारा दी जाने वाली सजा । यसोधरा-देखो 'जसोधरा'। यातायात-वि० [सं०] १ मावागमन का साधन, यात्रा की यस्टकुटी-स्त्री० पहाड़। सवारी, वाहन मादि। २ यात्रा। पस्टि-स्त्री० लकड़ी का शस्त्र । यातुधान-देखो 'जातुधान'। पह-सर्व० [सं० इदं] निकट की वस्तु, व्यक्ति या संज्ञा के लिये यात्र, यात्रा-देखो 'जातरा'। प्रयुक्त संबोधन । -वि० पास का, प्रत्यक्ष का। यात्राळू-वि० यात्री। यहां-क्रि० वि० [स.ह] इस स्थान या क्षेत्र में। यात्री-देखो जातरी'। यहि, यही-सर्व० 'यह' का निश्चयात्मक रूप। याव-स्त्री० [फा०] १ स्मरण शक्ति, स्मृति । २ स्मरण किया। यहीं-क्रि० वि० इसी स्थान पर । यादगार यावगारी, यादगीर, यावगीरी-स्त्री० [फा. यादगार] पहु-देखो 'यही'। १ स्मृति का चिह्न, स्मारक या वस्तु । २ स्मरण शक्ति । यहूद-पु० हजरत ईसा की जन्म भूमि का देश । याववास्त-स्त्री० [फा० याददाश्त] १ स्मरणशक्ति, स्मृति । यहूदी-पु० १ उक्त देश का निवासी। २ एक जाति विशेष । २ स्मरण के लिए लिखी हुई बात । -स्त्री० ३ उक्त देश की भाषा। -वि० यहूद देश का, यहूद यादवगसी-पु० [फा०] राज्य का एक अधिकारी विशेष । देश संबंधो। यां-सर्व० १ इन। २ इन्होंने । ३ इस ।-क्रि० वि०-१ इस यावम-पु० [अ० प्रादम] भादमी, पुरुष । यादव-देखो 'जादव' । -कुळ, कुळि 'बावनकुळ' ।-पति, प्रकार, इस तरह । २ इससे । ३ यहां। पति = 'जादवपति' । -राई-पु. यादवों के राजा । यांन-पु. १ सवारी, वाहन । २ विमान । ३ गति, चाल । श्रीकृष्ण । -वंश = 'जादववंश' । -क्रि०वि० ऐमे, इस तरह। यांनी, यांने, यनि-प्रव्य. अर्थात्, मतलब कि । याबू-पु० [फा०] छोटा घोड़ा, टट्ट । योह-१ देखो यहां' । २ देखो 'यां'। यायावर-पु० [सं०] १ इधर-उधर घूमने वाला प्राणी। २ एक या-सर्व० यह । -क्रि०वि० अथवा । ही स्थान पर न रहने वाला, जरत्कारु ऋषि । चारण। याक-पु० हिमालय क्षेत्र का एक पहाड़ी चौपाया जानवर । यार-पु० [फा०] १ मित्र, दोस्त । २ साथी, मददगार, सहायक । याकूत-पु. [१०] एक प्रकार का बहुमूल्य पत्थर । ३ प्रेमो । ४ किसी स्त्री का उप पति । याग-देखो 'जाग'। यारी-स्त्री० [फा०] १ मित्रता, दोस्ती। २ स्नेह संबंध । यागवलक-देखो जागलिक' । ३ स्त्री-पुरुष का अनुचित संबंध । यागि-देखो 'जाग'। याळ-स्त्री० [तु.] १ घोड़, सिंह प्रादि के गर्दन के बाल, याग्य-पु० भृगुकुलोत्पन्न एक गोत्रकार। प्रयाल । २ गर्दन । याग्यतुर-पु. ऋषभ नामक प्रश्वमेध करने वाला राजा। यालुक-वि० अनन्त, असीम । याग्यवत-पु. याज्ञवल्क्य नामक गोत्रकार का नामान्तर। यावनी-पु. करक शालिनामक ईख, रसाल । याग्यबल्क्य-पु०१ विश्वमित्र कुलोत्पन्न एक गोत्रकार। २ वशिष्ठ | यास्क-पु० [सं०] निरुक्त नामक विख्यात प का कर्ता। कुलोत्पन्न एक गोत्रकार । ३ एक प्राचार्य । ४ विश्वामित्र | यि-सर्व० ये।-क्रि०वि० भी, अपि । का एक पुत्र । ५ एक ऋषि विशेष । ६ राजा जनक के | यिऊ-क्रि०वि० ऐसा, ऐसे, भी। दरबारी एक ऋषि । ७ एक स्मृतिकार । यित्र-देखो 'इत्र' । याग्यसेनी-पु. द्रौपदी का एक नामान्तर। । यिम-देखो 'इम' : For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy