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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मकाव घास। ४ हाथी की पीठ पर होने वाला दाग या जख्म । मकरांणी-पु०१ बलूचिस्तान का एक प्रदेश, मकरान । २ सगमर५ माया। ____ मर का पत्थर । ३ राजस्थान में वह स्थान जहाँ इस पत्थर मकड़-स्त्री०बंक, टेढापन, ऐंठ। की खान है। -वि० मकराने का। मकड़ो-पू० सं० मर्कट] १ मर्कट के रंग से मिलते-जुलते रंग | मकराई-स्त्री० [अ० मक] १ धूर्तता, विटाई । २ ठगी, छल, का घोड़ा। २ घोड़ा । ३ एक प्रकार का घास जिसके बीजों प्रपच । ३ गर्व, अभिमान। की रोटी बनती है । ४ बड़ी मकड़ी। मकराकर-पु० [सं० मकर-पाकर] समुद्र, सागर । मकतब-पु. [म० मक्तब] पाठशाला, विद्यागृह । मकराक्रत, मकराक्रिति-वि० [सं० मकर+प्राकृत] मकर की मकतूल-वि० [अ० मकतूल] १ जो कत्ल कर दिया गया हो। प्राकृति का। २ प्रेमी। मकराक्ष, मकराख, मकराख्य-पु० [सं० मकराक्ष] खर नामक मकदूर-पु० [अ० मकदूर] सामर्थ्य, शक्ति । राक्षस का पुत्र । मकदोख-पु० हीरों का एक दोष । मकराळ, मकरालय-पु० [सं० मकरालय] समुद्र, सागर । मकबरी-पु० [अ०] शव दफन कर उस पर बनी इमारत । मकराव-पु० सागर । मजार। मकरासन-पु. एक तांत्रिक पासन । मकबल-पु. एक प्रकार का वस्त्र । मकरासव, मकरास्य-पु० [सं० मकराश्व] वरुण । मकबूजा-वि० [अ० मकबूजः] जिस पर अधिकार किया गया हो, | मकरी-स्त्री० मछली । -वि० १ अभिमानी, गर्वीली । २ टेढ़ी, अधिकृत। तिरछी, व्यग पूर्ण। मकरंद-पु० [सं०] १ पुष्परज, पराग । २ पराग कण, फूल का | मकरूह-वि० अपवित्र, घृणित । केसर । ३ कुद पुष्प । ४ कोयल । ५ मधुमक्षिका । ६ भ्रमर, मकरोणी (बी)-क्रि० प्राटे प्रादि को भुनना । भौंरा । ७ एक मात्रिक छन्द विशेष । ८ डिंगल के वेलिया | मकवा-पु. १ मक्के का पौधा । २ एक अन्य पौधा विशेष । सांगोर का एक भेद । -वि० श्याम, कृष्ण । मकसद, मकसब-पु० [अ० मक्सिद] १ उद्देश्य, आशय, मतलब । मकर-पु० [सं०] १ज्योतिष की बारह राशियों में से एक । २ मगर के । २ मगर २ इच्छा, अभिलाषा । नामक जल जंतु । ३ माघ मास । ४ एक प्रकार का लग्न । | मकसूद-वि० [अ० मक्सूद] १ अभिप्रेत, उद्दीष्ट । २ वांछित । ५ नौ निधियों में से एक । ६ मछली। ७ एक प्राचीन ३ इच्छा, कामना। पर्वत का नाम । ८ सेना की एक व्यूह रचना । ९ मस्ती, उन्माद । १० मौज। ११ ऐश्वर्य । १२ गर्व, अभिमान । मकान-पु० [अ० मकान) १ गृह, भवन । २ इमारत । १३ दर्पण । १४ छप्पय छंद का एक भेद । १५ छल, कपट ३ आवास स्थान, निवास । फरेब । १६ नखरा, नाज, अदा। १७ देखो 'मक्कर'।मकांम-देखो 'मुकाम'। -कूडळ-पु० मकर की शक्ल के कुण्डल । -केत, केतन मकाई-वि. १ मक्के का, मक्के संबंधी। २ मक्के का निवासी। केतु-पु. कामदेव । प्रद्युम्न । -धज, धुज ध्वज-पु०-काम ३ देखो 'मक्की'। देव । रस सिंदुर । हनुमान का पुत्र । धृतराष्ट्र का एक | मकार-पू० १ 'म' अक्षर, वर्ण । २ पिंगल में मगण का संक्षिप्त पुत्र । -पत, पति, पती-पु. कामदेव । ग्राह, मकर राज । रूप । ३ देखो 'भक्कार'। -रासि-स्त्री० बारह राशियों में से एक राशि। -म्यूह-पु० राशि। -यूह- पु° | मकाळ-स्त्री० १ शीतकाल में ताप के लिये अग्नि जलाने का सेना की व्यूह रचना ।-सकरांत, सकरांयत, संक्रांत, संक्रांति, पात्र । २ अंगीठी। सकायत-स्त्री० सूर्य का मकर राशि में प्रवेश वाला पर्व दिन । -सातम-स्त्री० माघ शुक्ला सप्तमी। मकियो-पु. १ मक्के अनाज का भुट्टा । २ स्त्रियों के पैरों का प्राभूषण विशेष । मकरमोयौ-पु० कम घी का चूरमा । मकी-देखो 'मक्की'। मकरांण-पु० [फा० मकराना] १ बलूचिस्तान के पास का प्रदेश । २ देखो 'मकरांणौ'। मकुनौ-देखो 'मुकुनो'। मकराणी-पू०१ बलूचिस्तान के मकरान प्रदेश का निवासी।। मकुर-देखो 'मुकुर'। २ उक्त प्रदेश का घोड़ा। ३ एक जाति विशेष । -वि०मकूनीरोटी-स्त्री० गेहूँ व चने के आटे के मिश्रण की रोटी। मकराने का, मकराना संबंधी। | मकोड़ी-स्त्री. चींटी। For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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