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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मागळखेल ( २० ) भाटो भागळखेल-देखो 'भगळखेल'। भाड-पु० [सं० भ्राष्ट्र] १ भड़ भूजे की भट्टी, बड़ा चूल्ह । भागवंत-वि० [सं० भाग्यवत्] (स्त्री० भागवंती) १ भाग्यवान, २ लाक्षणिक भावों में विनाशकारी कार्य। भाग्यशाली। २ देखो 'भागवत'। भाडागाडो-स्त्री० बैलगाड़ी से घास ढोने से बचना चाहे उन भागवत-पु० [सं०] १ श्रीकृष्ण की महिमा व भक्तिरस संबंधी | किसानों से लिया जाने वाला कर । ग्रंथ । २ कोई सम्पूर्ण कथा या वृत्तान्त । ३ तेरह की | भाडेती-वि० १ किराया देकर यात्रा करने या रहने वाल।। संख्या १३ । -वि. विष्णु का, विष्णु संबंधी। २ किराया लेकर कार्य करने वाला । भागवती-स्त्री० [सं०] वैष्णवों की कण्ठी विशेष । भाडो-पु० [सं० भाटक] १ किराया। २ श्रम के बदले दिया जाने भागाम-वि० [सं० भाग्यवान्] धनवान, भाग्यवान । वाला धन या वस्तु। भागवानी-स्त्री० [सं० भाग्यवत् +६] १ सम्पन्नता, अमीरी। भाच-स्त्री० एक प्रकार का प्राचीन कर । २ प्रमीरों की सी स्थिति, अवस्था या भाव। भाचक्र-पु० [स० प्राभा-चक्र] प्रकाश का वृत्त । कांति वृत्त । भागसाळी-देखो 'भाग्यसाळी'। भाचर, भाचरियो, माचरी-पु०.१ सूपर का छोटा बच्चा । भागहीण-देखो 'भाग्यहीण' । २ लोहार का ऐरण। भगारणी-वि० भागने वाला। कायर । डरपोक । भाछ-देखो 'भाच'। भागादोड़-देखो 'भागदौड़'। भाजक-वि० [सं०] विभाग करने वाला, विभाजक । -पु० मागि-१ देखो 'भाग्य' । २ देखो 'भागी'। गणित में-विभाजक संख्या या अंक । भागिली-वि० भागने वाला। कायर। भाजकांस-पु० [सं० भाजक+अंश] भाग लगाने पर शेष रहने भागी-वि० [सं० भागिन्] (स्त्री० भागण, भागणि, भागणी, वाला अंश (गणित)। भागिण, भागिणी) १ भाग्यशाली, खुशकिस्मत । | भाजड-स्त्री० भागने की क्रिया। २ हिस्सेदार, भागीदार । ३ अधिकारी, हकदार । भाजण-पु० [सं० भाजन] १ बर्तन, पात्र । २ अच्छा-बुरा फल भागीरप-वि० १ भगीरथ संबंधी, भगीरथ का । २ देखो भोक्ता । ३ भागने की क्रिया या भाव । ४ कायर । 'भगीरथ'। भाजणी (बौ)-क्रि० १ विभाजन करना । २ हिस्से करना । भागीरथी-स्त्री० [सं०] गंगानदी। ३ देखो 'भागणी' (बी)। भागू-वि० भागने वाला, डरपोक, कायर । भाज-दोड़ो-देखो 'भागदौड़। भागोड़ी-वि. १ चुभा या घंसा हुमा। २ टूटा हुमा । भा' जी-पु० पिता या बड़े भाई का एक संबोधन । भागोत-देखो 'भागवत'। भाजी-स्त्री० १ तरकारी, सब्जी। २ मांस । भागौ-वि० [सं० भग्न] (स्त्री० भागी) १ टूटा हुआ, खण्डित । भाजणी (बौ)-देखो 'भागणी' (बी): २ अपूर्ण, अधूरा। भाज्य-पु० [सं०] गणित की सख्या जिसमें भाग दिया जाय। भागीत-देखो 'भागवत'। भाट-पु० [सं० भट्ट] (स्त्री. भाटणी) १ वंशावली लिखने माडिवि, मारिदि-क्रि० वि० तत्काल । वाली एक जाति व इस जाति का व्यक्ति । २. एक अन्य भाग्य-पु० [सं०] १ प्रारब्ध, किस्मत । २ सौभाग्य । ३ हर्ष । । नीच जाति । ४ समृद्धि। भाटक-पु० [सं०] १ किराया, भाड़ा। २ शस्त्र प्रहार की ध्वनि भाग्यचक्र-पु० [सं०] भाग्य का फेर, चक्कर । परिस्थितियों विशेष । का फेर। भाटकणी (बौ)-क्रि० अत्यन्त क्रोध करना, कु.व होना । भाग्यवळ-पु० [सं०] १ भाग्य, प्रारब्ध, अच्छा भाग्य भाटकळ-देखो 'भटकळ'। २ अदृष्ट लाम। भाटखळ-पु. भीड़, समूह, जमघट । भाग्यभाव-पु० जन्म कुण्डली में एक स्थान । भाटभाखा, भाटभायखा-स्त्री० [सं० भट्ट-भाषा] पिंगल भाषः । भाग्यवान, भाग्यसाळी-वि० [सं० भाग्यवत्] १ भाग्यवान्, खुश | भाटभोट-स्त्री. १ बौछार । २ झड़ी। ३ चुगलखोर । किस्मत । २ समृद्ध, सम्पन्न । ३ अमीर । भाग्यहीण-वि० प्रभागा, हतभाग्य । भाटिया-स्त्री० गुजरात की एक क्षत्रिय जाति विशेष । भाग्यांणी-वि० भाग्यशाली। भाटी-देखो. 'भट्टी'। भार गनेर-पु. १ भटनेर शहर का नामान्सर र हनुमानगढ़ का | भाटीपौ-पु. जैसलमेर राज्य का नाम । एक प्राचीन किसा । ३ चुरू जिले का एक प्राचीन नगर। | भाटो-पु. १ पत्थर । २ ज्वार के बाद समुद्र के जल का उत र । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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