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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भाई । २७६ ) भागळ की भावना से किया जाने वाला एक संबोधन । -क्रि०वि० | भाखरकेर-पु. केर की तरह का एक वृक्ष विशेष । प्रशंसा सूचक ध्वनि । आश्चर्य या घृणा सूचक शब्द । भाखरखड़-देखो 'भाकरखड' । भाईडउ, भाईडो-देखो 'भाई'। भाखरगूदी-स्त्री० एक वृक्ष विशेष । भाईचारी-पु० [सं० भ्रातृ-चार] १ बन्धुत्व की भावना या | भाखरांनरेस-पु. सिंह व्याघ्र । रिश्ता । २ मित्रता, दोस्ती । भाखरि-१ देखो 'भाखर' । २ देखो 'भाखरी' । ३ देखो भाईजी-पु०१ पिता, बाप । २ बड़ा भाई । ___ 'भक्खरी'। भाईदूज-स्त्री० [सं० भ्रातृ-द्वितीया] कात्तिक शुक्ला द्वितीया | भाखरियौ-देखो 'भाखर'। तिथि । भाखरी-स्त्री० १ छोटी पहाड़ी। २ देखो 'भाखर' । ३ देखो भाईपांचम-स्त्री० [सं० भातृ-पंचमी] मादपद शुक्ला पंचमी। भक्खरी'। भाईपो-पु० १ भ्रातृत्व-बंधुत्व । २ अपने परिवार या सगोत्रीय भाखल, भाखलियो, भाखलो-देखो 'भाकलो' । __ व्यक्तियों का समूह । ३ मित्रता-दोस्ती। भाखवणी (बो)-देखो 'भाखरगो' (बो)। भाईबंट (बंटी)-पु० [सं० भ्रात-वण्ट] . पैतृक सम्पत्ति का | भाखसी-स्त्री. १ कंद खाना । २ कारागार की काल कोठरी। बंटवारा । २ बंटवारे से मिलने वाला अंश। ३ कैदियों को रखने का तलगृह । भाईबद (बंध)-पु. १ माता, बधु, अपने पारिवारिक जन । | भाखा-देखो 'भासा'। २ स्व जातीय बंधु । भाखाखोरणी-वि० प्राधा भूखा । भाईबीज-स्त्री० भाईदूज । भाखारी-देखो 'भखारी' । भाईयप -देखो 'भाईपो'। भाखो-स्त्री० [सं० भाषणम्] वाणी, बोली। भाईलौ-देखो 'भायलो'। भाख्या-देखो 'भासा'। भाईवट (बंटी)-देखो 'भाईबंट'। भाग-पु० [सं०] १ किसी वस्तु का हिस्सा, अंश । २ खण्ड, भाउ, भाऊ-१ देखो 'भाई' । २ देखो'भाव' । ३ देखो 'बहजी' ।। टुकड़ा। ३ विभाग, उप खण्ड। ४ गणित की एक प्रक्रिया। भाऊगड़दी, भाऊगरवी-स्त्री० लड़ाई, झगड़ा । - ५ देखो 'भाग्य'। ६ देखो 'भाख'। भाएलो-देखो भायलो' । (स्त्री० भाएली) भागणी-वि० (स्त्री० भागणी) १ भागने वाला, पलायनवादी। भाक-देखो 'भाख'। २ कायर, डरपोक । . भाकणौ (बी)-१ देखो भासणो' (बी) । २ देखो भागणी (बो)-क्रि० १ दौड़ना, भागना । २ युद्ध स्थल से पीठ ___ 'भाखणी' (बी)। दिखाकर जाना। ३ कांटे आदि का चुभना, धंसना । भाकर (जी, डो), भाकरियो-देखो 'भाखर' । ४ मिटना, समाप्त होना । ५ तेज चलना । ६ चल-विचल भाकरखड-पु० मूज की तरह की एक घास । होना । ७ विभक्त होना । ८ व्यतीत होना, बीतना । भाकरी-१ देखो 'भाखरी' । २ देखो 'भक्खरी'। ६ खण्डित होना, टूटना । १० नष्ट होना, ध्वस्त होना। भाकल, माकलियो, भाकलो-पु० १ ऊंट के बालों का बना एक | भागदौड़-स्त्री० १ प्रयत्न, कोशिश। २ कार्य साधन के लिये बिछावन । २ प्रोढ़ने का ऊनी वस्त्र । इधर-उधर आने-जाने की क्रिया। ३ जल्दबाजी। भाकसी-देखो 'भाखसी' । भागधाम-पु० ललाट, भाल । भाख-पु०१उषाकाल । २ डिंगल का एक छंद। -स्त्री० [सं०भाष्] | भागधारी-वि०१ हिस्सेदार, भागीदार । २ भाग्यशाली। सरस्वती। ४ देखो 'भासा' । ५ देखो 'भासण'। भागधेय-पू० [सं० भागधेयः कर, टेक्स । उत्तराधिकारी। भाखड़ी-स्त्री० १ एक डिंगल गीत विशेष । २ देखो 'भाखर'। भागफळ-पु० [सं० भाग-फलम] १ गणित में 'भाग' की क्रिया ३ देखो 'भासा'। से प्राने वाला परिणाम । २ प्रारब्ध का फल । भाखण-देखो 'भासण'। भागबळी-देखो 'भाग्यबळी'। माखणी-पु० [सं० भाष] बोलना क्रिया । -वि० बोलने वाला। भागभंवरी-स्त्री० घोड़े के ललाट पर होने वाली भंवरी। माखणी (बी)-क्रि० [सं० भाष्] १ कहना, बोलना । २ उच्चारण करना । ३ वर्णन करना। ४ प्रकट करना, भागरा-स्त्री० एक राग विशेष । प्रकाशित करना। ५ देखो 'भासणी' (बी)। भागरोकोट-वि० [सं० भाग्य-कोट] भाग्यशाली। माबर-पु. १ पहाड, पर्वत । २पर्वत की तरह गंभीर लगने | भागळ, भागल-वि. १ कायर डरपोक । २ व्रत या संकल्प वाला कार्य । तोड़ने वाला। -स्त्री० अर्गला, परिष । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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