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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पना ( १०० ) पंसाच पैनो-वि० [सं० पैण] १ तेज धार वाला, तीक्ष्ण । २ देखो | पल-पु. १ मंद गति से चलने वाला बैल । २ आलसी, सुस्त 'पनौ'। शिथिल । ३ प्राथमिकता, विशेषता। ४ प्रथमावसर । पैबंद-देखो 'पैवंद'। पैल-देखो 'पहल'। पैबंदी-देखो 'पैवंदी'। प'लके-प्रव्य०१ पहले, पूर्व में । २ पूर्व या गत वर्ष में । पबदू-देखो 'पैवंद'। लड़ो-देखो 'पै'लौ'। पेमांनो-पु० [फा० पैमाना] १ माप दण्ड, नाप । २ नापने पैलणी (बी)-देखो 'पेलणी' (बी)। का उपकरण। प'लपांत, 'लपोत, पैलपोत-अव्य० सर्वप्रथम, सबसे पहले। पैमाइस, पैमायस-स्त्री० [फा० पैमाइश] भूमि नापने की | | पैलांतर-वि० पूर्व जन्म का। क्रिया, माप । पै'ला-प्रव्य० १ आदि से, शुरू में, सर्वप्रथम । २ भागे, पूर्व । पैमाल-वि० [फा० पा-माल] १ रौंदा हुआ पदाक्रान्त । | ३ विगत काल में, पूर्व में। ४ देखो ''ली'। २ तबाह, नष्ट, दुर्दशाग्रस्त । ३ नष्ट-भ्रष्ट । ४ निरर्थक | 'ळाद-देखो 'प्रहळाद'। व्यर्थ । बेकार । पलियांण, पलियांत-वि० १ प्रथम, पहली । २ पहली बार होने पमाली-स्त्री०१ दुर्गति । २ बरबादी वाला । -स्त्री० प्रथम प्रसव करने वाली मादा पशु । पैमास-देखो 'पैमाइस'। 'ली, पली-क्रि०वि० १ प्रथम, पहले। २ उस प्रोर, दूसरी पैर-पु० [सं० पददण्ड] १ चरण, पांव । २ धूलि पर पड़ा पद अोर । -वि. १ प्रथम, पहली। २ उस ओर की, दूसरी चिह्न । ३ वैभव, ऐश्वर्य । ४ रक्त प्रदर। ५ प्रहर। पोर की । ३ देखो 'प'लो' । ४ देखो 'पै'ला'। ६ वक्त, जमाना । ७ खलिहान । ८ समय या युग का पलीधर-स्त्री० दूसरा किनारा, दूसरा तट । कोई विभाग। ९ बड़े कार्य का कोई भाग । -गाडी-स्त्री० पलीयांत-देखो 'पैलियांण'। पैरों से चलाने की छोटी गाड़ी। | पलूण, पैलूणी-देखो 'पैलियांण' । पैरण-पु० [सं० परिधान] खत्री-वैश्यों की स्त्रियों का एक | 'ल, पल-क्रि०वि०१ उस पोर । २ प्रथम, पहले। अधोवस्त्र विशेष । पलदिन-क्रि० वि० वर्तमान दिन से तीन दिन पहले या बाद । 'रणौ बौ)-क्रि० १ स्वीकार करना, अपने ऊपर लेना।। पैलपार-क्रि०वि० उस पार, दूसरे किनारे । २ तैरना । ३ देखो 'पहरणो' (बी)। प'लोड़ो-देखो 'पै'लो'। (स्त्री० पै'लोड़ी) पैरवाई-देखो 'पैरवी'। पलोट, पलोटणी, पलोठणी-देखो 'पलियांण' । परवास, परवेस-पु० [सं० परिवेश] पोशाक, वेशभूषा, पै'लो, पैलो-वि० (स्त्री० पै'ली, पली) १ प्रथम, पहला, प्रथम पहनावा। बार हुआ। २ किसी वर्गीकृत वस्तु के प्रारंभिक अंश से पैरवी-स्त्री० [फा०] १ अनुगमन, अनुसरण । २ पक्ष का संबंधित । ३ प्रतियोगिता में सर्वप्रथम घोषित । ४ वर्तमान मण्डन, न्यायालय में किसी पक्ष का प्रस्तुतीकरण । काल से पूर्व का । ५ दूसरा, अन्य ।। ६ शत्रु । ७ प्रागे पाने ३ माज्ञा पालन। ४ कार्यवाही । ५ कोशिश, प्रयास, वाला, भावी। -जनम-पु० पूर्व जन्म । अगला जन्म । प्रयत्न । -कार-वि० पैरवी करने वाला। -भव-पु० पूर्व जन्म । 'रांमणी (वी) देखो 'पहरावणी' । पंवंद-पु० [फा० पैबंद] १ किसी वस्त्र के बड़े छेद पर सीने का पराक-वि० [सं० प्लावक] तैरने वाला, तैराक । वस्त्र-खण्ड । २ जोड़। पैराकर-वि० पार करने वाला। पवंदी-वि० [फा० पैबंदी] १ जिसमें पैबंद लगा हो। २ पबंद पैराकी-वि० १ प्रवीण, चतुर । २ देखो 'पैराक' । लगा कर तैयार किया । ३ वर्ण संकर । पराणी (बो)-क्रि० १ स्वीकार कराना । २ तैराना, तैरने के | पैस-स्त्री० १ गति, पहुँच, प्रवेश । २ देखो 'पेस' । लिये प्रेरित करना । ३ देखो 'पहराणी' (बी)। पैसण-स्त्री० [सं० प्रविष्ट] पहुंच, प्रवेश ।। पैरावरण-स्त्री० [सं० परिधानम्] १ पहनाने की क्रिया या भाव। पसणी (बो)-क्रि० [सं० प्रविश] प्रवेश करना, घुसना । २ पहनाने के वस्त्रादि । ३ गिरासी जाति में विवाह की एक रीति विशेष । पंसर-देखो 'पैसार'। पै'रावणि-देखो 'पहरावणी'। पैसवाई-देखो 'पेसवाई'। पैरावरणा(बी)-१देखो 'पहराणी'(बी)। २ देखो प'राणौ'(बी)। पंसाच, पैसाची-वि० [सं० पैशाची] पिशाच संबंधी, पिशाची। पैरोकार-देखो 'परवीकार' । -स्त्री० [सं० पैशाची] एक प्रकार की प्राकृत भाषा । For Private And Personal Use Only
SR No.020589
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1987
Total Pages939
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size21 MB
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