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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra द्रवत्ती द्रढ़बत्ती - पु० [सं० दृढव्रती ] भीष्म पितामह । भूमिस्त्री० [सं० र भूमि) एक योगाभ्यास विशेष द्रढ़मन्न- वि० [सं० दृढ़ मन] स्थिर चित्त का, दृढ़ । पर लोम वि० [सं०] लोमन्] कड़े सोम वाला - द्रवत - वि० [सं० द्रढ़वंत ] १ दृढ़, स्थिर । २ वीर, सुभट । द्रढ़वरमा पु० [सं० दृढ़ वर्मन ] धृतराष्ट्र का एक पुत्र । वाळी स्वी० पड़ता स्थिरता | प्रदुश्य पु० [सं० व्य] १ एक ऋषि २ढ़ता। द्रव्रत पु० [सं० दृढ़व्रत ] स्थिर संकल्प | ब्रढ़स्व - पु० [सं० दृढ़स्यु ] श्रगस्त्य ऋषि का एक पुत्र । द्रढ़ासु पु० [सं०] एक सूर्यवंशी राजा । द्रढ़ - क्रि० वि० [सं० दृढ़ | दृढ़ता से । www. kobatirth.org द्रढ़ाव - पु० [सं०दृढ़ ] १ दृढ़ता, स्थिरता, मजबूती । २ अडिगता । द्रावरणौ ( बौ) - देखो 'द्रढ़ाणौ' (बी) । उदास (न) पु० [सं० रागन एक योगासन विशेष । ( ६८३ ) व्रतहर - पु० [सं० प्रतिहरि ] १ बल । २ पानी ढोने वाला पशु । प - वि० स० दर्प ] घमंडी | द्रपक- पु० [सं० दर्पक] कामदेव | द्रपती - पु० काव्य छद का एक भेद । द्रब-१ देखो 'द्रव्य' । २ देखो 'द्रव' | द्रवउझेळ- वि० ० दातार । कणी (बी०कांना मणी (बी) देखो 'दोही (वी)। बड़ा (बो), बावनी (जी) देखो 'दोहाणी' (ब) । त्रिया स्त्री० [सं०] द्रव्य स्त्री] वेश्या, गरिएका । द्रब्ब - देखो 'द्रव्य' । द्रव्यधर पु० [सं०] द्रव्य गृह] खजाना, भण्डार, को। मंकरण (at) - देखो 'दमकरणौ (बी) । द्रमंकी मको पु० धमाका, गर्जना | द्रढ़ांग - वि० [सं० ढ़ांग) हृष्ट-पुष्ट, पुष्ट अंगी । मोटा-ताजा । द्रढ़ा- वि० [सं० दृढ़ा ] शक्तिशाली, बलवान, मोटी-ताजी । - दृढ़ ब्राणो क्रि० [सं०] १ करना मजबूत करना २ पक्का द्रविण पु० [सं०] १ धन, संपत्ति २ सोना, हेम शक्ति, करना, निश्चित करना । । । ३ बल, पराक्रम । ४ काम के पांच बाणों में से एक । ५ वस्तु, पदार्थ । द्रविणौ (at) - देखो 'द्रवरणी' (बी) । वेण देखो 'द्रविण' । द्ररोळ- देखो 'दरोल' । द्रम- पु० १ प्रचण्ड वायु । २ वायु का भौंका ३ मरु प्रदेश । ४ मरु प्रदेश की बालू रेत [सं० द्रम्भ] ५ एक तौल या नाप विशेष । ६ देखो 'द्रम' | मकर (बी) देखो 'दमक' (बी) मणारजुन पु० [सं०] अर्जुन नामक वृक्ष । मद्रमणी (बौ) - देखो 'दमकरणी' (बो) । मादि स्त्री० नगा आदि वाद्यों की ध्वनि Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir द्रव पु० [सं०] द्रव १ पानी बादि की तरह पतला तरल पदार्थ । २ भ्रमरण । ३ गति । गमन । ४ द्रवत्व। वि० १ दौड़ने वाला । २ टपकने या चुने वाला । ३ बहने वाला । ४ तरल । ५ पिघला यह देखो 'द्रविड'। हुआ । इरिट प्रवण ५० १ बहाय गति, द्रवत्व [सं० द्र.म ] २ कल्पवृक्ष - वि० १ देने वाला । २ दया करने वाला । ३ देखो 'द्रविण' । द्रवरण (बी) - क्रि० १ द्रवीभूत होना, पसीजना, दया करना । २ विनम्र होना । ३ पिघलना । द्रविड़ पु० [सं०] १ दक्षिण भारत का एक प्रान्त २ उक्त प्रान्त का निवासी । ३ श्रार्यों की तरह भारत की एक प्राचीन मानव जाति । ४ अनार्य । द्रव्य - पु० [सं०] १ गुण एवं क्रिया वाला पदार्थ, वस्तु । २ धन, दौलत, सम्पत्ति । ३ सामान, सामग्री । ४ श्रौषधि, दवा । ५ पीतल । ६ गोंद । ७ शराब, मदिरा ८ गुणों का समूह । ९ शील । १० कांसा, फूल । ११ दाव, हौड़ । १२ नौ की संख्या । - उनोदरी स्त्री० बर्तन, उपकरण निक्षेप पु० किसी पदार्थ का व्यवहार विशेष 1 - पु० धनवान व्यक्ति पदार्थ का अधिपति । - वि० धनी, धनाढ्य । व्याधी पु० [सं०] १ कुवेर २ कोषाधिकारी । द्रव्व- देखो 'द्रव्य' । पति -वंत, वांन द्रसट पु० [सं० दृष्ट] १ नेत्र, नयन, आंख । २ दृष्टि नजर । - वि० १ देखा हुआ । २ जाना हुआ। ३ प्रकट, ज्ञात । द्रसद - देखो 'द्रखद' । कूट] पहेली । स्टकूट पु० [सं० इस्ट इस्टोति पु० [सं० दृष्टांन] १ उदाहरण नमूना २ उदाहरण, मिसाल। ३ स्वप्न, सपना | ४ ऋतुस्नाता स्त्री का पुरुष दर्शन । ५ शास्त्र । ६ मरण । ७ एक अर्थालंकार विशेष ८ विज्ञान । For Private And Personal Use Only द्रस्टा- वि० [सं० दृष्टा] १ देखने वाला । २ साक्षात्कार करने वाला । ३ दर्शक । ४ प्रकाशक । द्रस्टि स्त्री० [सं० दृष्टि ] १ प्रांख की ज्योति, देखने की शक्ति, नजर । २ देखने की क्रिया या वृत्ति, अवलोकन । ३ ध्यान देखने की तत्परता | ४ देखने में प्रवृत्त प्रांख । ५ दृष्टि प्रसार, दृक् पथ । ६ पहचान, परख । ७ अदाज अनुमान । ८ कृपादृष्टि । ६ उम्मीद, प्रशा । १० टकटकी ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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