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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पकाणी थ-देवनागरी वर्णमाला का सत्रहवां व्यंजन । | थंभली-१ देखो 'थोबली'। २ देखो 'थंबो' । थंड-पु० १ समूह, दल । २ सेना, फौज । ३ सघनता । ४ ढेर, भवाय-पु० घोड़ों का एक रोग। राशि । ५ देखो 'ठंड' । -वि० धना, सघन । थंभारणी (बो), थंभावणी (बौ)-क्रि० १ चलते हुए को रुकवाना, थंडणौ (बो)-क्रि० १ पराजित करना, हराना। २ खदेड़ना, ठहराना। २ क्रम या गति न रखना। ३ जारी न रखना, निकालना, भगाना। ३४स-ठूस कर भरना। ४ एकत्र बंद करना। ४ धैर्य दिलाना। ५ पकड़ना, संभालना । करना। ६ टिकाना । ७ स्राव या बहाव रोकना । थंडाक-देखो 'थंड'। चंभियौ, यंभी, थंभीड़, थंभौ-देखो 'थंबी'। थंडिल, थंडिल्ल-पू०[सं० स्थंडिल]१ जैनियोंके 'संथारा' करने का थ-स्त्री०१ सरस्वती। २ छाक । -पु० ३ गगेश । ४ गरुड़। स्थान । २ वेदी, वेदिका । ३ ढेलों का ढेर । ४ सीमा, हद । ५ ऊपर का ओंठ । ६ पहाड़ । ७ देखो 'त' । ५ क्रोध, गुस्सा। ६ शौचादि का स्थान । ७ शौच, मल, थई, थइ-देखो 'थई । विष्टा । (जैन) थइनायत-पु० पान-बीड़ा लिए साथ रहने वाला नौकर । थंडी, थंडीस-पु०१ सर्प, नाग। २ शेष नाग । थइणो (बी)-देखो 'थावणी' (बो)। थंडौ-१ देखो 'ठंडी' । २ देखो 'थंड' । थइली-देखो 'थेली'। थंथ-पु० अनर्गल प्रलाप, बकवाद । यथायलो, थंयौ, थंथ्यौ-वि० प्रलाप करने वाला, बकवादी। थई-स्त्री० [सं० स्था] १ ढेर, राशि । २ एक प्रकार की चमड़े की थैली । ३ पान की डिबिया । ४ देखो 'थेई'। थंब-पु० [सं० स्तंभ] १ राजपूतों का एक भेद । २ सहारा, प्राश्रय । ३ रक्षक, संरक्षक । ४ देखो 'थंबो' ।। थईआइतु, थईप्रायतु-देखो 'थइनायत'। ५ देखो 'थांबो'। थईधर-पु० [सं० स्थगीधर] राजा का ताम्बूल-वाहक । थंबजंग-पु० योद्धा, सुभट, वीर । थईयात, थईयायत, थईयार-देखो 'थइनायत'। . थंबणी (बौ)-देखो 'थं भणी' (बी)। थक-देखो 'थोक'। थंबली-१ देखो 'थंबो' । २ देखो 'थोबली'। थकइ (ई)-अध्य० से। थंबियो, थंबी, थंबीड़, थंबी, थंभ-पु० [सं० स्तम्भ] १ पत्थर | थकरणौ (बौ)-देखो 'थाकरणी' (बी)। या लकड़ी का स्तंभ, खंभा। २ पेड़ का तना। ३ सहारा, थकां, थकाई-क्रि०वि० [सं० प्ठा] १ होते हए, रहते हुए। अवलंब । ४ रोक। ५ योद्धा, वीर। ६ अहंकार (जैन)। ७ मान, प्रतिष्ठा (जैन)। -जमी-पु० योद्धा वीर । २ मौजूदगी में। ३ तक, पर्यन्त । ४ होकर। ५ ही। ६ पर, से। थंभरण-वि० [सं० स्तम्भन] १ थामने या रोकने वाला। थकारण, थकांन-देखो 'थकावट'। २ रक्षक, सहायक । -पु. १ रोकने, ठहराने आदि की | क्रिया। २ रुकावट, ठहराव । ३ पकड़-धकड़ । ४ रक्त, थका-देखो 'थकां'। वीर्य, मल-मूत्र आदि के स्राव पर नियंत्रण । ५ कामदेव थकारणौ (बी)-क्रि० १ अधिक परिश्रम या मेहनत कराना । के पांच बाणों में से एक । २ शिथिल या श्रान्त करना । ३ सांस फूलने लायक करना। थंभरणी(बी)-क्रि०[सं० स्तम्भनम्]१ चलते हुए रुकना, ठहरना । ४ मंदा या धीमा करना। ५ हैरान करना, ऊबाना । २ क्रम या गति न रहना, ठहरना। ३ बंद हो जाना, ६ उत्साह, जोश आदि को ठंडा करना। ७ आवेग कम जारी न रहना। ४ धैर्य रखना। ५ पकड़ा जाना, संभाले करना । ८ कमजोर या अशक्त करना । ९ मुग्ध करना, रखना । ६ टिकना,टिके रहना । ७ स्राव या बहाव न रहना। मोहित करना, लुभाना। For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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