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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir टोयो टोयो-पु०१ स्त्री की योनि के मध्य का उभरा भाग। २ खैराद | टोळी-स्त्री० १ दल, झुण्ड, समुदाय । २ पंक्ति, कतार । की लकड़ी में लगी लोहे की कील । ३ ऊपरी शिरा। टोळू, टोळी-पु. १ झुण्ड, समूह । २ संघ, गुट । ३ एक ही टोर-स्त्री० कटारी। जाति के पशुओं का झुण्ड । ४ घर। ५ बड़ा पत्थर । टोरड़ियो, टोरडो-देखो 'टोडियो' । -वि० मूर्ख, गंवार। टोरणी (बौ)-क्रि० १ पद चिह्नों को पहचानना । २ पद | टोवरण-स्त्री० ऊंट की नाक में लगी लकड़ी के बंधा सूत का फंदा । चिह्नों के आधार पर चोर का पीछा करना । ३ देखो टोवारव-पु. ध्वनि विशेष । 'टोळणी' (बी)। टोवाळी-देखो 'टवाळी' । टोराबाज-वि०डींग हांकने वाला गप्पी। टोह-स्त्री०१ ध्यान । २ सजगता । ३ तकन, ताक । ४ खोज, टोरियो, टोरौ-पु० १ डींग, गप्प । २ भावावेश में कही बात । तलाश। ५ पता, खबर। ६ स्रोत । ३ असत्य बात । ४ गेद आदि के लगाई जाने वाली चोट || टोहणौ (बो)-क्रि० १ दर्द के स्थान पर सेक करना । २ गर्म टोळ (ल)-पु० [सं० प्रतोली] १ निवास स्थान, घर । पानी का सेक करना । ३ दर्द वाले स्थलों पर पाक का २ बड़ा पत्थर । ३ सम्पूर्ण जाति का एक राग । दूध लगाना। ४ पिशाच । ५ देखो 'टोळी' । टौंस-स्त्री० [सं० तमसा] अयोध्या के पास की छोटी नदी। टोळगइ-स्त्री० [स. टोलगति] वंदना संबंधी एक दोष । (जैन) टो-पु०१ छत्र । २ बैल । ३ समुद्र । ४ पुरुष । ५ दावानल । टोळरणौ (बी)-क्रि० चलने के लिए प्रेरित करना, हांकना । ६ नीति ।। टोळाटोळ-स्त्री० भीड़-भाड़ । । द्विइयास-वि० [सं० स्थितिका] स्थिति वाली। (जैन) ठ-देव नागरी वर्णमाला का बारहवां वर्ण । । ठंडकार-पु० ठंडा मौसम, सर्दी । ठं-पु. १ शरद। २ पानी । ३ मदिरा । ४ अमृत । ठंडाई-स्त्री० १ शरीर में तरी या ठंडक लाने वाला पेय । ५ बंसत । ६ छिद्र । -वि. निर्मल, स्वच्छ । २ शीतलता । ठंठ-वि० [सं० स्थाणु] सूखा हुआ, शाखाओं रहित । ठंडी-स्त्री० १ शीतला, चेचक । २ देखो 'ठंड' । -पु० मूखा पेड़ । ठंडोड़ो, ठंडौ-वि० [सं० स्तब्ध] (स्त्री० ठंडी) १ शीतल, ठंठरण-स्त्री० मूर्खता। -पाल-वि० मूर्ख, गंवार । ठंडा । २ सर्द । ३ शीतलता देने वाला । ४ उष्णता ठंठारणो (बो)-क्रि० १ दूसरे का माल हड़पना । २ वस्त्रादि रहित । ५ बुझा हुअा। ६ शांत । ७ नामर्द, नपुंसक । धारण करना । ८ उत्साह रहित । ९ अचंचल । १० सुस्त, कमजोर । ठंठारी-स्त्री० जुखाम, ठंड, सर्दी । ११ मरा हुमा, प्राण रहित । १२ पूर्व का बना, बासी । ठंठियौ-पु० सूखी लकड़ी, पेड़ी मात्र । -पु० बासी खाना । -ठरियो, बासी-पु. शीतलाष्टमी ठठेरणी (बौ)-क्रि० १ झटकना । २ हल्की-हल्की, चोटें मारना, | के समय खाया जाने वाला ठंडा खाना, बासी भोजन । प्रहार करना । ३ हिलाना । -ताव-पु. शीतल ज्वर । -पौ'र-पु० सूर्योदय या ठंठेरौ-देखो ‘ठठारौं' । सूर्यास्त का काल जब गर्मी कम होती है। ठंठोरणौ (बौ)-देखो 'ठठेरणो' (बी)। ठंढ़-देखो 'ठंड' । ठंठो-देखो 'ठंठ' । ठंढ़ाई-स्त्री० १ विश्रान्ति । २ देखो 'ठंडाई' । ठंड-स्त्री० १ शीत , सर्दी, जाड़ा । २ शीतकाल । ठंढ़ि-देखो 'ठडी' । ठंडक-स्त्री० १ शीतलता। २ तृप्ति । ३ संतोष । ४ उष्णता | ठढ़ो-देखी 'ठंडौ' (स्त्री० ठंढी)। की शांति । ५ तरी। ६ महामारी या उपद्रव शान्त ठ-पू० [सं०] १ चन्द्रमा । २ बहस्पति । ३ ज्ञानी । होने की अवस्था । ७ क्रोध की समाप्ति । ४ महादेव । ५ थोकृष्ण । ६ वेग । ७ बादल, मेघ । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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