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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra टकरणो www. kobatirth.org ( ५०९ ) टकरी (बो) क्रि० १ टकराया जाना ३ मिलना, साक्षात्कार होना । टकरार (बौ), टकरावो (बौ) क्रि० १ परस्पर भिड़ना, टकराना । २ ठोकर लगना । ३ धक्का लगाना । ४ लड़ना, तकरार करना 1 ५ सम्पर्क में प्राना 1 ६ मिलना । ७ स्वार्थ सिद्धि के लिए मारा-मारा फिरना । ८ मिलान करना, जांच करना । टकसाळ स्त्री० [टकशाला ] यह संस्था, विभाग या कारखाना जहां राज्य द्वारा प्रचलित मुद्रा व सिक्कों का निर्माण किया जाता है । टकसाळी, टकसाळोक - वि० १ टकसाल का, टकसाल संबंधी । २ सर्वमान्य, प्रामाणिक । ३ पठित। पु० टकसाल का कर्मचारी | । २ टक्कर होना । टचरको पु० १ झगड़ा, कलह । २ व्यंग, ताना । चली स्त्री० कतिष्ठा अंगली दगनिया | टच्च क्रि०वि० तुरंत, शीघ्र । टटपू जियो-वि० कम पूंजी वाला । तुच्छ साधारण । टोळी (ब) खोटो' (यो। 0 कालीवाड़ी का एक उपकरण रकाशौ (यो) देखो 'टिकारी' (बी)। टकार - पु० 'ट' अक्षर । किया किया स्त्री० टके टके के लिए व्यभिचार करने टाकेल, टाकेल, की वि० वाली स्त्री । वारी० अत्यधिक सालवी, नीच, धन-लोलुप, शूद्र । टकोर देखो 'टंकोर' । टक्कदेस - पु० एक प्राचीन देश । टक्कर स्त्री० १ दो वस्तुओंों की वेग से होने वाली परस्पर भिड़ंत | टकराव | २ धक्का, भटका । ३ ठोकर | ४ मुकाबला । ५ घाटा, हानि । टक्कूणौ, टक्कूण्यौ टखणौ पु० एड़ी के ऊपर पांव के जोड़ की हड्डी । पाद ग्रंथि । गट्टा, टखना । टग स्त्री० किसी वस्तु के सहारे के लिए या ऊंचा रखने के लिए नीचे लगाया जाने वाला खण्ड | सहारा टगटगौ-क्रि०वि० मंदगति से धीरे-धीरे । , टगटगणी (बौ) - क्रि० निरन्तर देखना, ताकना, टकटकी लगाना । टगटगाट (टौ) - पु० एक प्रकार की ध्वनि विशेष । 'का' (बी) | टगटगी ( ग्गी ) - देखो टकटकी' । टगरण - पु० छः मात्रा का एक मात्रिक गण । टगमग स्त्री० विशेष प्रकार से देखने की क्रिया । टगं - पु० घोड़े आदि का चलते-चलते अचानक रुक जाने की क्रिया । 1 गौ- पु० विशेष अवसर, समय । टचटच स्त्री० मुंह से निकाली जाने वाली एक ध्वनि विशेष | Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir टट्टी स्त्री० १ मल, पाखाना, शौच । २ पाखाना करने का स्थान । ३ पाखाना करने की क्रिया । ४ देखो 'टाटी' । टट्टू-पु० १ छोटे कद का घोड़ा विशेष । २ शिश्न । टट्टी-पु० 'ट' वर्ण । टडी, टट्टी-पु० स्त्रियों के भूजा का पता विशेष टण - स्त्री० १ घण्टा ध्वनि । २ टन् टन् ध्वनि । २ देखो 'टणी' । टरणकचंद (चंदजी, सींग, सोंघ) - वि० १ बलवान, शक्तिशाली । २ विशेष प्रभाव या मान-मर्यादा वाला । टणकाई-स्त्री०१ जोर-जबरदस्ती । २ शक्ति का गर्व । टणकार - स्त्री० घंटे या किसी धातु की वस्तु पर प्राघात पड़ने से होने वाली 'टन्' ध्वनि । रडोरी-देखो 'कोरी' | टकt - पु० [सं० टक] १ दो पैसे का सिक्का, दो पैसे । २ प्राधी टरगणंकरणी (बौ) - क्रि० टन्न्टन् ध्वनि होना । छटांक का एक तौल । ३ कर टेक्स | टमरण-स्त्री० घंटियों की ध्वनि । टमली (बी) फ० टन टन नि होना । टरियों, टणौ-पु० स्त्रियों की १ बलवान, जाली शक्तिशाली, जबरदस्त । २ विशाल बड़ा । ३ महान् भारी । पु० स्त्रियों के पांव का चांदी का एक आभूषण । (बी) क्रि० टन्न्टन् ध्वनि होना, टनटनाना । टरगणक-स्त्री० ध्वनि विशेष । टपटप हुया भाग । टप स्त्री० १ बूंद टपकने की ध्वनि For Private And Personal Use Only योनि के मध्य का उभरा २ बूंद पड़ने की क्रिया । ३ तांगे के ऊपर मोटे कपडे का बना सायबान | ४ छोटी झोंपड़ी । ५ पानी रखने का चौड़ा पात्र । टपक स्त्री० १ बूंद-बूंद टपकने की क्रिया या भाव | २ शीघ्र, जल्दी । टपकली (बी) कि० १ गिरना । २ टूट कर गिरना (फनादि) । १३ प्रतीत होना, ग्राभास होना । ४ सहमा प्रकट करना । टपकारणी ( बौ) - क्रि० १ बूंद-बूंद कर गिराना । २ फलादि गिराना । ३ प्रतीत कराना आभास कराना । ४ महमा प्रकट करना । टपकार स्त्री० To नजर कुदृष्टि । दृष्टि दोष । टपकावरी (बौ) देखो 'टपकाणी' (ब)। टपकt - पु० १ बूंद छींटा २ टपकी हुई वस्तु । टपटप क्रि०वि० टप टप ध्वनि के साथ ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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