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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra जलाली www.kobatirth.org ( ४५७ ) जलाली (स्पो) वि० १ . मजबूत २ जबरदस्त जोरदार ३ देखो 'जलाल' । ४ देखो 'जलालियो' । जळावरण - वि० जलाने वाला, भस्म करने वाला । जळावरणौ (बौ) - देखो 'जळारणी' (बी) । 1 जळासय पु० [सं० जलाश्य] सरोबर तालाब जलकुण्ड जळाहळ - स्त्री० १ चमक-दमक । २ तेज प्रकाश । ३ समुद्र । - वि० १ देदीप्यमान । २ प्रज्वलित । जहि-देखो 'जळ' जळियोतन - वि० १ ईर्ष्यालु । २ तुनक मिजाज । ३ असहिष्णु । जलिर - वि० [सं० ज्वलिर] जलने के स्वभाववाला । जहिर १ देखो ''देखो। - जलील [वि० [अ०] १ तुच्छ, बेकदर २ अपमानित ३ जित, शर्मिदा । । जल्फकार स्त्री० एक प्रकार की तलवार । जल्लं, जल्ल-पु० १ शरीर का मैल । २ एक देश का नाम । ३ प्रस्वेद | जळू (पू.) देखो 'जल'। जह, जाग (गा), जया देखो 'जोक' जळूस - पु० [अ० जुलूस ] १ भीड़, समूह । २ लोगों का समूह के रूप में कहीं जाने या भ्रमण करने की क्रिया । ३ खुशी मनाने का आयोजन | जलेला स्त्री० [सं०] एक स्कन्द मातृका विशेष । जळेस जलेसर (स्वर) ० [सं० जलेश्वर १ " 1 जसी स्त्री० शान शौकत वि० जुलूस से संबंधित जळेंद्र - पु० [सं० जलेन्द्र ] ९ वरुण । २ महासागर | ३ इन्द्र । जब जब स्त्री० [०] १ हाजरी उपस्थिति २ व्यवस्था तैयारी । ३ राजा की सवारी निकलते समय रास्ते के इर्दगिर्द लगाया जाने वाला मोटा रस्सा ४ इस रस्से को पकड़ने वाला अनुचर ५ धावृत या मेरा चौक पु० राजमहल के आगे का चौक बार पु० राजा का निकटवर्ती धनुचर। । । । जळेविय, जलेबी-स्त्री० कुण्डलीनुमा बनी हुई मिठाई विशेष जळेरिय, जळेरी - स्त्री० [सं० जलधरी ] १ सूर्य या चन्द्रमा के चारों ओर बनने वाला एक वृत्त । २ शिव लिंग के नीचे बना छोटा कुण्ड । ३ छोटा जलकुण्ड । २ समुद्र । ३ इन्द्र । जोक (का) पु० [सं०] जलुका] जीक जळोवर - पु० [सं० जलोदर ] एक प्रकार का उदर रोग । जलौ - देखो जलाल' । जब क्रि० वि० [अ०] शीघ्र, तुरंत, पटपट । -बाज- वि० उतावला । -बाजी- शीघ्रता, तेजी । जल्दी - स्त्री० [अ०] शीघ्रता, उतावली, फुर्ती । । जय () - पु० [सं०] १ कथन २ प्रलाप ३ बहस तर्क जल्परगौ (बी) - क्रि०१ कहना, बोलना । २ प्रलाप करना, बकना । ३ बहस करना । जल्लाद - पु० [अ०] १ हत्या करने वाला । २ प्रारण दण्ड की सजा में फांसी या मूली पर चढ़ाने वाला अनुचर । जल्लाल - पु० [सं० जलाल ] प्रातंक, प्रभाव | जल्लीसहि-स्त्री० [सं० जल्लोष धि ] एक आध्यात्मिक शक्ति विशेष | जवन- देखो 'जवन' । ६ अंगुली का एक सामुद्रिक चिह्न जाने वाली चोली। क्रि० वि० वेगवान, फुर्तीला । देखो 'जब' । । जब पु० [सं०] १ वेग, गति ४ 'जी' नामक अनाज | २ शीघ्रता, फुर्ती । ३ तेजी । ५ अंगुली का प्राठवाँ भाग । ७ कन्या को पहनाई शीघ्र, तुरंत वि० जवख पु० भूत, प्रेत, जिंद 1 जवखार - देखो 'जवाखार' । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जवनाचारज - । जवगुडायला- पु० आभूषण पर खुदाई करने का प्रौजार | जवड़ी (डी) वि० (स्त्री० जबड़ी) १जैसा, तुल्य, समान २ जितना । - क्रि० वि० जिस मात्रा में । जवज्जव - वि० खण्ड-खण्ड, ट्रक-ट्रक । जवरण- १ देखो 'जव' । २ देखो 'जवन'। - पुर- 'जवनपुर' । जबलपुर- 'द्रोणपुर' | जवला स्त्री० [सं० पापना] १ शरीर निर्वाह जीवन निर्वाह । । २ संयम । जवरिण देखो 'जमना' । - जाणिवा स्त्री० [सं० यवनानिका] एक लिपि विशेष (जैन) जवळया स्त्री० [सं० पवनालिका ] कन्या को पहनाई जाने वाली चोली । (जैन) जवणिज्ज - पु० यापन, निर्वाह । जबलिया- देखो 'जवनिका' । जवरणी - स्त्री० ० यवन स्त्री । जवदोस - पु० रत्नों का एक दोष । For Private And Personal Use Only जयन ( जवनांग)-१० [सं० पवन, जवन] १ मुसलमान, यवन २ राक्षस, दैत्य । ३ घोड़ा । ४ बेग, गति । ५ पवन । ६ यूनान का निवासी, यूनानी । ७ काल यवन - वि० वेगवान, फुर्तिला । - पत, पति-पु० राजा, बादशाह । पुर- पु० यवनों का देश, नगर दिल्ली। जवनरपी-स्त्री० ० यवन स्त्री । वि० यवन की । 1 जवनांपत, ( पति, पती) - देखो 'जवनपति' । जवनाचारजपु० [सं०] यवनाचायें] १ यवनों का एक ज्योतिषा चार्य २ श्राचार्य
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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