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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org जमावणियो ( ४५१ ) जयरट्ठ जमावणियो (गो)-पु. दूध जमाने का पात्र । -वि० जम्मभूमि-स्त्री० [सं० जन्मभूमि मातृ भूमि । जमाने वाला। जम्मरांग-देखो 'जमराज' । जमावणी (बौ)-देखो 'जमाणौ' (बी)। जम्मा-स्त्री० [सं० याम्या] दक्षिण दिशा । जमियत-देखो जमीयत' । जम्माइ (६)-देखो 'जमाई। जमी-देखो 'जमीन'। जम्मात-देखो 'जमात'। जमींदार-देखो 'जमीदार'। जम्मारौ-देखो 'जमागे'। जमी-स्त्री० [सं० यमी] १ यमुना नदी। २ जमीन । जम्मी-देखो 'जमीन'। जमीकंद-पु० एक प्रकार का कंद, सूरन । जम्मु-१ देखो 'जनम' । २ देखो 'जंबु' । जमीक, जमीकरवत-पु० ऊंट। जम्मुना-देखो 'जमना। जमीत-देखो 'जमीयत' । जम्मौ-देखो 'जुमा। जमीर्थम-पु० १ योद्धा, वीर । २ राजा । जयंत-पु. [सं०] १ एक रुद्र । २ इन्द्र के एक पुत्र का नाम जमीदार-पु० [फा०] भू-स्वामी, जमीन का मालिक । ३ संगीत में एक ताल । ४ स्वामि कात्तिकेय, स्कंद । जमीदारी-स्त्री० [फा०] १ जमीदार की जमीन । २ जमीदार | ५ अक्रूर के पिता का नाम । ६ भीम का एक नामान्तर । का हक। ७ दशरथ का एक मंत्री । ८ एक पहाड़ । ९ यात्रा का एक जमीदोज (दोट)-वि० [फा०] १ जमीन के बराबर, समतल ।। योग । १० जम्मूद्वीप का पश्चिमी द्वार। ११ शिव । २ जमीन के अन्दर । ३ नष्ट, ध्वस्त । १२ चंद्रमा। १३ एक जैन मुनि । १४ रुचक पर्वत का जमीन-स्त्री० [फा०] १ पृथ्वी, भूमि। २ पृथ्वी की ऊपरी एक शिखरं । -पत्र-पु० अश्वमेधीय अश्व के ललाट सतह । ३ कृषि भूमि । ४ मैदान । ५ भू-भाग । ६ कपड़े पर बांधा जाने वाला पत्र । या कागज की ऊपरी सतह । -भरतार-पु. पृथ्वीपति | जयंता (ती)-स्त्री० [सं० जयंती] १ ध्वजा, पताका । राजा । जमीदार। २ विजयिनी । ३ इन्द्र पुत्री । ४ दुर्गा का नाम । जमीयत (रत)-स्त्री० [अ० जमईयत] सेना, फौज । ५ पार्वती । ६ किसी महापुरुष की जन्म तिथि का जमीरौकरोत-देखो 'जमीकरवत' । महोत्सव । ७ ज्योतिष का एक योग । ८ सातवें जिन देव जमुण (णा, ना)-स्त्री० यमुना। -अनुज-यु० यमराज ।। की माता का नाम । ९ प्रत्येक पक्ष की नवमी रात्रि -भेदी-पु० बलराम । का नाम । अमुर, जमुरक-पु० [फा० जंबूरक] एक प्रकार की छोटो तोप। जय-स्त्री० [सं०] १ विजय, जीत । २ सफलता । ३ संयम, जमुरी-पु० [फा० जंबूर] घोड़ों के नाखून काटने का एक निग्रह । ४ सूर्य। ५ इन्द्र पुत्र जयंत । ६ युधिष्ठिर । ___नालबंदी का प्रौजार। ७ विष्णु के द्वारपालों में से एक। ८ अर्जुन की एक उपाधि । अमूरक, जमूरो-देखो 'जमुरक'। ६ पताका विशेष । १० मार्ग। ११ ज्योतिष में ३, ८ व जमेंखातर (खातरी)-देखो 'जमाखातिर' । १३ की तिथियां । १२ विश्वामित्र का एक पुत्र । १३ धृतजमेरात-देखो 'जुमेरात' । राष्ट्र का एक पुत्र । १४ संसार । १५ छप्पय छंद का एक जमेरी-स्त्री० १ मिश्री। २ देखो 'जंबीरीनींबू'। भेद । १६ प्रयत्न, कोशिश। -कंकण-पु० विजयी पुरुष को जम-देखो 'जमा' । -खातर='जमाखातर' । -मरव दिये जाने वाले स्वर्ण कंकरण (कंगन)। -करणसत्र-पु० __ 'जवांमरद'। वीर अर्जुन । -कार, कारौ-पु० जयध्वनि, जय जय कार । जमौ-देखो जुमौं । --गोपाळ-पु० एक प्रकार का अभिवादन । -घोसजम्म-पू० यम । -घंटा-स्त्री० चौमट योगिनियों में से एक पु० जंजैकार का भारी शब्द | --ढक-पु० विजय सूचक जमघंट योग। वाद्य । -माळा-स्त्री० विजय. जीत के उपलक्ष में धारण जम्मरण-देखो 'जमना' । कराई जाने वाली माला । जम्मरणचरिय-पु० जीवन चरित्र । जयजयकार (कारू), जयजयकार-देखो 'जंजकार' । जम्मणभवरण-पु. प्रसूती घर । जयण-पु० [सं० यजन] १ याग, पूजा । २ अभयदान । ३ विजय, जम्मरणी-स्त्री० देवी, शक्ति। जीत । ४ प्राणी की रक्षा । ५ यत्न, उद्योग । -वि० जम्मदूती-स्त्री० [सं० यमदूती] यमदूती, दुर्गा, कालिका । १ वेगवान । २ जीतने वाला। जम्मना, जम्मन्ना-देखो 'जमना' । | जयण?-क्रि० वि० [सं० यतनार्थ] जीव रक्षार्थ । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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