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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्रठी उठी मठी उठी कि०वि० [अ०] यहां-वहां इधर-उधर । ठीक- वि० झूठ, मिथ्या । ग्रीनली ठीली- वि० (स्त्री० [मठीनली, घठीली) इधर का प्रठीने क्रि० वि० इस तरफ, इस प्रोर । अठोतरसी - पु० [सं० ग्रष्ट शत ] १०८ की संख्या । अठोतरी - स्त्री० १०८ मनिकों की माला । महोतरी देखो 'इठेतरी अठोर, ठोरी - वि० दृढ़, मजबूत २ तीव्र, तेज । अठ्ठी-१ देखो पाठी २ देखो 'मठ' । www.kobatirth.org ठीको वि० (स्त्री० प्रठीपी) हृष्ट-पुष्ट, मजबूत | - P श्रठीलौ - वि० (स्त्री० ग्रठीली ) इस प्रोर का इधर का । ठे ( 8 ) - क्रि०वि० यहां, यहां पर । ठेल, ठेलमौ - वि० १ जिसे हटाया न जा सके, अचल । २ वीर डायटो - पु० प्रोढ़ने का सूती वस्त्र । महारगिर देखो 'बढ़ारगिर' | अडारटंकी देखो 'पहारकी' | ३ बहुत, अपार । ठोकी वि० १ शक्तिशाली, बलवान २रह मजबूत वीर अठोट अठोठ वि० १ पढ़ा-लिखा २ विद्वान् । अठोतर- देखो 'इतर' ठ्ठ - देखो 'प्रटे' । पट्टी पु० डिंगल का एक गीत (इंद) । गाबाज देखो 'बाज' ( ३५ ) भी दण्ड देने वाला । पु० ईश्वर । अड' बर- देखो 'आडंबर' । डर - वि० डररहित, निडर । श्रडळ - पु० सोलह मात्रा का छंद जिसमें नदी का नियम न हो । पर पुताई आदि करते समय रस्से बांध कर बनाया जाने वाला आधार । ३ कमजोर छत के नीचे लगाया जाने वाला सहारा । डांणी, डांग, श्रडांगौ- वि० गिरवी, रेहन । —स्त्री० १ गिरवी रखने की क्रिया या भाव। २ गिरवी रखी हुई वस्तु । अडाइ, घड़ाई देखो 'पढ़ाई'। डी० १ सिचाई की क्रिया २ सिचाई की भूमि । अडवाळरणौ (बौ) क्रि० अधिकार या वश में करना । डांण पु० १ मकान बनाते समय लठ्ठे बांध कर बनाया जाने वाला चढ़ने-उतरने का रास्ता । २ ऊंची एवं खड़ी दीवार । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - डागर - पु० एक प्रकार की नागरवेल व उसका पत्ता । गो-देखो 'गो' । अडंड- देखो १ 'दंड' । २ देखो 'उदंड' । -चकर, चक्र पु० देवी प्रकोप भाग्य का चक्र | डीरळ - वि० १ वीर बहादुर । २ भयंकर 1 'डगीय वि० [सं०] दण्डनीय जो दंड पाने योग्य न हो, घडील (लो)- वि० १ बिना शरीर का देहविहीन २ रढ़। प्रदण्ड्य । अरवि० , धत्यधिक बहुत २ निडर, निर्भय । अडंडा - डंड - वि० जिसको दण्ड देने की सामर्थ्य न हो, उसे डेल - वि० १ अड़ियल । २ सुस्त । श्रढ़ती महारौ पु० अजीर्ण, अपच । अडिग - वि० १ स्थिर, चल । २ दृढ़, मजबूत । ३ वीर । पडिला पहिल्ला-० गोलह मात्राओं का छंद जिसमें 'जगण' वर्जित है । अडींग - वि० १ जबरदस्त, भयंकर । २ बलवान । अडीक देखो 'उडीक' । अंडीकणी (ब)- देखो 'उडीकरणौ' (बी) | अडीठ - वि० [सं० अदृश्य ] १ अदृश्य लुप्त । २ छुपा हुआ, गुप्त । ३ दृष्टि से परे । ४ प्रन्तर्धान । पु० १ एक प्रकार का विपना फोड़ा २ दुर्भाग्य ३ प्राकृतिक उत्पात ग्रडकारणों, (बौ)-क्रि० १ मारना, वध करना । २ खाना, हजम डोळ (ळी) - वि० (स्त्री० ग्रेडोळी) १ अचल स्थिर । २ स्तब्ध कर जाना । डग, अडगी- देखो 'अडिग' | ३ बिना गढ़ा हुआ । ४ सूखा हुआ । ५ ग्राभूषण रहित । - पु० १ पहाड़ । २ बड़ा पत्थर । अडगनियो देखो 'योगनियों' (मेयात) | डपणौ ( बौ) - क्रि० १ हठ या जिद्द करना । २ साहस करना । ३ अपनी बात पर अडिग रहना । डपेंच धडपेच- ० पगड़ी को पड़ी नपेट " अडबंध - देखो 'ग्राडबंध' । डोकरण- पु० लुढ़कने वाली वस्तु को स्थिर रखने के लिए लगायी जाने वाली वस्तु, रोक 1 For Private And Personal Use Only डोळरणौ (बौ) - क्रि० १ मारना, वध करना । २ भक्षण करना खाना । ३ भ्रमण करना । ४ देखो 'डोळणं' (वौ) । घड्डी - ० ठहरने का स्थान २ यारियों या धावारा व्यक्तियों के बैठने का स्थान । ३ वेश्याओं का स्थान, चकला । ४ केन्द्र स्थान । ५ बांस की पट्टी का गोला जिसमें कपड़ा फंसा कर कसीदा किया जाता है । ६ स्वर्णकारों का प्रौजार विशेष | यांनी गौ-वि० १ विकट दुर्गम २ भयंकर ३ धोखा, विचित्र पु० कामदेव । श्रढढढ़ - प्रव्य० खेद, क्लेश, शोक या ग्राश्चर्य सूचक ध्वनि । श्रढ़तौ वि० १ समान बराबर । २ विशिष्ट ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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