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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मला -हाल- वि० सुखी । सम्पन्न | सुख । अच्छी दशा । www.kobatirth.org खुल्लम खुल्ला- - देखो 'खुलमखुल्ला' | खुल्हरणी (बौ) - देखो 'खुलणी' (बौ) । वाणी (बी) देखो 'बाण' (बी) बुवार १० [फा०] व्या] १ खराबी, दोष ३ विध्वंस, नाश । ४ अनर्थ । - वि० खराब । खुस - वि० [फा० खुश ] १ प्रसन्न, खुश । २ हर्षित प्रानन्दित। ३ मस्त, मग्न । ४ अच्छा - किस्मत- वि० भाग्यशाली । -खत- वि० सुन्दर लिखावट वाला बरी स्त्री० शुभ समाचार | अच्छी खबर बिल-वि० प्रसन्नचित्त । मस्त रहने वाला | मसखरा । नवीस 'खुसखत' -नवीसीस्त्री० सुन्दर लिखावट । लेखन कला । - नसीब - वि० भाग्यशाली । —नसीबी-स्त्री० सौभाग्य । सुन्दर मनोहर । मुजदिल -नुमा - वि० - मिजाज-वि० विनोद प्रिय । रंग वि० मटकीले रंगों वाला सुन्दर - हाली - स्त्री० सम्पन्नता । ( २९६ ) सामंदी, सादी- वि० चापलूस, चाटुकार । खुसाळ - देखो 'खुस्याळ' । खसाळी- देखो 'खुम्याळी' । खुसियाळ. सुखियावळ (हाळ) - देखो 'खुस्याळ' | खुसियाळी (हाळी) - देखो 'खुस्याळी' । सीपी० [फा०] प्रहर्ष धानन्द खुशी १ घटना । २ नशा । इसकी देखो 'स्की' । खस (बी) कि० निकट पहुंचना नजदीक थाना, बरबाद करना, लुटजाना । o खुसबू (बोय, बो) स्वी० [फा०] खुशबू सुगंध, सुगंधित हवा -दार वि० सुगंधित, अच्छी बुशबू बाला । समंद सामद-स्त्री० [फा० खुशामद १ गरज, जी हजुरी। २३ नूठी प्रशंसा गोव-वि० खुशामदी २ भ । शुभ खसुरसुर - स्त्री० कानाफुसी गुप्तगू । खस्क - वि० [फा०] खुश्क | १ सूखा । २ नीरम । ३ रूखे स्वभाव वाला । खस्की स्त्री० [फा० खुश्की ] १ सूखापन । २ नीरसता । ३४ शारीरिक ५ स्थल या खुष्की । ६ पैदल यात्रा । ७ अकाल, अवर्षण । खुस्याळ - वि० [फा० खुशहाल ] १ प्रसन्न, खुश, श्रानन्दित । २ सुखी, सम्पन्न । - पु० एक प्रकार का घोड़ा । खस्याळी - स्त्री० [फा० खुशहाली ] १ प्रसन्नता, हर्ष । २ सुख, सम्पन्नता । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हम-पु० तीर, वारण .. कियौ कौ वि० वह जिसका टूटा हुआ हाथ पुनः जोड़ने पर टेढ़ापन रहा हुआ हो । खू खाट पु० तेज हवा या प्रांधी की आवाज, खाट । खू खाणौ ( बौ) - क्रि० १ तीव्र ध्वनि करना । चलाना । खूंटो २ तीव्र गति से वार- वि० [फा० ख्वार] १. क्रोधी 1 २ प्रचंड, भयंकर । २ रक्तपिपासु । ४ निर्दयी । पु० विनाश, ध्वंस । खू गाळी - स्त्री० गले का एक प्राभूषरण विशेष । गाळी-देखो ''माळी' 'च स्त्री० गधे की चाल । चणी १० दोष अवगुण, ऐव । खूं जियो, खूं जीयौ, खूं जो पु० खीसा, जेव । " ज्यौ ०१ बिना बधिया किया बैल सांडवेल २ देखो 'कूट'। ३ देखो खुट । ४ देखो 'खूंटो' । ५ देखो 'खू' जौ' । खरगी - स्त्री० १ चुनाई । २ चुनने या बीनने की क्रिया या भाव । ३ तोड़ने योग्य होने की अवस्था । टी (बी० [सं० पुट छेदने] १ तोड़ना चुनना, बीनना। २ तोड़ना । खूंटा उखाड़ ( उखेड़) - वि० वंश मिटाने वाला । निकम्मा | खूंटाउपाड़ ( ऊपाड़) - पु० १ वक्षस्थल पर भौंरी वाला घोड़ा । २ घोड़े के वक्षस्थल पर होने वाली भौंरी । खूंटागाड़ - स्त्री० घोड़े के घटने के नीचे होने वाली भौंरी । टाचिकरण - पु० पांवों से चट चट ग्रावाज करने वाला बैल । डांबराई स्त्री० एक प्रकार का जागीरदारी कर । खूंटास (बी), टायर (ब) ० १ तुड़वाना २ चुनाव बीनाना 1 - For Private And Personal Use Only खूंटापाड़- पु० घोड़े की जांघ के संधिस्थल की भौंरी । खूंटारोप - पु० एक प्रकार का घोड़ा । (शुभ) खूंटियो - पु० खेती में काम लिया जाने वाला बधिया किया हुआ बैल | 1 भूमिकूटी स्त्री० [१] दीवार में लगने वाली लकड़ी की कील २ कील, । परेक। ३ ज्वार-बाजरी के डंठलों का खंड | ४ बालों का नुक्का । उखाड़ गाड पु० घोड़े की एक भौंरी । खटौ - पु० १ पशुओं को बांधने के लिए गेवी जाने वाली मोटी लकड़ी । २ पशुओं को बांधने का स्थान । ३ ज्वार बाजरी चादि के काटने पर पीछे रहा ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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