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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra कैकिना २ सुस्वर । केगह देखो 'केकयी' । केडिया के देखो 'किस्किंपा'। केकी० [सं० केकिल्] (स्त्री० [केका) १ मोर, मयूर । www.kobatirth.org ( २५६ ) - केगर - पु० एक वृक्ष विशेष जिसकी लकड़ी मंदिर के ध्वज दण्ड केतूड़ी-देखो 'केतु' । में काम आती है । केहि (ही) देखो 'केकयी' । केड़-पु० १ वंश २ पीछा केवाइत, केडात वि० वंशज केई कि०वि० [१] पीछे २ बाद में पश्चात् 1 केड़ी पु० १ बछड़ा । २ घास का ढेर । ३ पीछा । ४ वंश | केच पु० एक देश विशेष । 3 -माळ- पु० - जंबू द्वीप के नौ खंडों में से एक । व्रक्ष पु०- एक पौराणिक वृक्ष । केतुहल देखो 'कुळ' । केतू - वि० १ विध्वंसक । २ श्रेष्ठ । ३ देखो 'केतु' । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir केलेऊ- वि० [सं० कियत्] कितना । केतेक - वि० कितने । पु० केतकी, केवड़ा । केची - पु० कच्छ देशोत्पन्न घोड़ा । केज (देखो केज' केण सर्व० १ को २ किस किसने । कैलिका स्वी० मा । केत स्त्री० [सं० केतः ] १ बस्ती आबादी । २ घर, मकान । ३ जगह, स्थान । ४ भंडा, पताका ५ संकल्प । ६ मंत्ररणा । ७ बुद्धि, विवेक ८ धन ९ प्रकाश । १० निमंत्रण । ११ केतु । केतक - पु० [सं०] १ केवड़ा, केतकी । २ केतकी का फूल । ३ पताका । वि० कितने । बहुत। -क्रि०वि० किस कदर । केतकी स्त्री० [सं०] १ एक पुष्प वृक्ष, केवड़ा २ इसका पुष्प ३ केवड़ा जल । ४ यात्रा में साथ रखने का जल पात्र । ५ श्वेत-सुगंधित पुष्प | केली (ड़ा) वि० [सं० केतन] कितना कितने । केतन - पु० [सं० [ १ निमंत्रण, आह्वान । २ ध्वजा । ३ चिह्न । ४ अनिवार्य कर्म । ५ घर । ६ स्थान । केम - पु० [सं० मत्र- केतु] कामदेव । केतळउ - वि० (स्त्री० केतली ) कितने । केतलायक, केतलायक - वि० कितने । केतली - स्त्री० यात्रा में साथ रखने का जलपात्र । - वि० कितनी । केतलत, केतली - वि० (स्त्री० केतली ) कितना । केतां, केता-वि० कितने कितना । " केलाई केतिय वि० कितने ही क्रि० वि० कहां तक केती- वि० कितनी । केरक - पु० [सं०] हाथी । केतु-पु० [सं० केतुः] १ ध्वजा, पताका २ चिह्न, निशान । ३ दीति, प्रकाश । ४ पुच्छल तारा ५ नौ ग्रहों में से एक ६ एक राक्षस का कबंध । —कुंडळी - स्त्री० - बारह कोष्ठों का एक चक्र जिससे प्रत्येक वर्ष का स्वामी देखा जाता है। (ज्योतिष) मानव तेजवान तेजस्वी बुद्धिमान - | केरड़, केरड़ियो, केरडौ- पु० १ बछड़ा । २ देखो 'कैर' । केरल पु० भारत का एक दक्षिणी प्रान्त । केरब० १ रहट का एक पत्थर २ देखो 'ख' केतोइक, केतौ वि० कितने । केथ, केथि ( थी, थे) - क्रि०वि० १ कहां, किधर । २ कहीं । hat - पु० एक प्रकार का कंटीला वृक्ष । - क्रि०वि० क्या । केदार (रि, री) पु० [सं० केदार:] १ एक प्रसिद्ध तीर्थ २ हिमालय की एक प्रसिद्ध चोटी । ३ शिव का एक रूप । ४ पर्वत शिखर । ५ पानी से भरा खेत । ६ चारागाह । 1 ७ एक प्रसिद्ध राग । —नट - पु० एक संकर राग विशेष । - नाथ- पु० हिमालय स्थित एक तीर्थं शिव का एक रूप । केदारि (री) स्त्री० १ दीपक राम की पांचवीं रागिनी । २ एक जाति विशेष । केदारेस्वर - पु० [सं० केदारेश्वरः ] काशी स्थित शिव मंदिर | केदारी पु० १ राग विशेष । २ पोचापन, दिवालियापन | केन पु० केन उपनिषद । सर्व० किस । केवल देखो 'कहावत । केवल देखो 'बाण'। केसी देखो 'वि' । कहाँ केम क्रि०वि० [सं० किम्] १ किस प्रकार से किधर । - द्रुम - पु० ज्योतिष में चन्द्रमा का एक योग । केमर (री) - पु० [सं०कार्मुक] १ धनुष २ झाड़ीनुमा छोटा वृक्ष । केमि-देखो 'फेम' | केमु (मू) - क्रि०वि० कहां, किधर । केस (क) देखो 'केक' । केपुर (पूर) - पु० [सं० केपूर:] १ बाजूबंद । २ ताबीज केरंडी (डी) १० [सं० रंडी ] १ मास्य मकर।२। १३ देखो 'किरीटी' | " केर - अव्य० १ संबंध सूचक अव्यय, का, के, की । २ देखो 'कैर' । ३] देखो 'केह' । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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