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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir करिव ( २०५ ) करोत का भेद लेने जाते हैं । ५ युद्ध के मैदान को ठीक करने वाले करुण-वि० [सं०] १ कोमल । २ दया पात्र । ३ दुःखी। सिपाही । ६ बंदूक से शिकार करने वाला शिकारी। ४ करुणा जगाने वाला। -पु० [सं० करुणः] १ दया, करिद (दौ)-पु० [सं० करीन्द्र] हाथी । -प्रव्य ० १ करण और रहम, कृपा । २ अनुग्रह । ३ दुःख, शोक । ४ साहित्य में अपादानकारक चिह्न, मे। एक रस । ५ ईश्वर । करि-देखो 'कर'। करुणा-स्त्री० [सं०] १ कृपा, मेहरबानी, दया । २ दुःख, करिमळ (ळि, ळी)-देखो ‘करतळ' । कष्ट । ३ वियोग । ४ पात-पुकार । ५ अनुनय-विनय । करिगि-देखो 'कराग'। -कर, करण, करि-वि० दया करने वाला । -पु० ईश्वर, करिछय-पु० कामदेव । विष्णु श्रीकृष्ण। -निध, निधान, निधि-पु. ईश्वर । करिणि (रणी)-स्त्री० हथिनी। -वि० दया का भण्डार । -निलय-पु० दया का घर । करिबत-देखो 'करोत'। ईश्वर । -मय, मै-वि० कृपालु, दयालु । -सिंधु-१० करिमरि, करिमाळ-स्त्री० १ कृपारण । २ तलवार । दया का सागर । ईश्वर । करिया-पु. कुए के बाहर लगे लट्र जो मोट से पानी निकालने | करुप (पक)-देखो 'कुरूप' । के काम देते हैं। करू दौ-पु० बेर के आकार का खट्टा फल । इस फल का पौधा । करियावर-देखो 'क्यावर'। करू-देखो 'करु'। करियो-पु. छोटा ऊंट, करहा । करूकरणौ (बौ)-क्रि० १ कौवे का बोलना । २ चिल्लाना। करिवारण, करिवाल (ल)-स्त्री० [सं० कृपाण]तलवार, कृपाण । करूर-देखो 'कर'। करिसरण-देखो 'करसग'। करें-क्रि० वि० कब । कब तक । करीद-देखो 'करिंद'। करेंको-वि० [सं० करेंकी] कभी का। करी-पु० [सं०] १ हाथी, गज । -स्त्री० २ पथ्य, परहेज । | करेणपती पु० [सं० करेणु:-पति] हाथी, गज । ३ छत पाटने का शहतीर । ४ कृषक स्त्री। -अव्य. करण | करणा-स्त्रा० स० करणुः हाथनी । या अपादान कारक, का । विभक्ति चिह्न, से। करेणपती-देखो 'करेणपती'। करीट-देखो 'किरीट'। करे-रो-रोग-पु० पशुओं के अगले पांवों में होने वाला करीटी-देखो 'किरीटी' । भयंकर रोग। करीठ-वि० अत्यन्त काला। करेलड़ी-पु० १ ऊंट । २ एक राजस्थानी लोक गीत । करीनि (नी)-देखो 'करिणी'। करेलियौ, करेलौ-पु० १ तरकारी के काम का एक कड़वा फल । करीब-कि० वि० [अ०] १ पास, समीप, नजदीक । २ करील वृक्ष । ३ देखो 'करलौ'। | करेवी-पु० भूलिंग पक्षी। २ लगभग । ३ प्रायः । करें-देखो 'करें। करीम (मौ)-पृ० [अः करीम] ईश्वर का विशेषगण । करैंक-क्रि० वि० १ कब तक । २ कभी कभी। --वि० १ दयालु, कृपालु । २ उदार, दाता। करवी-पु. १ एक प्रकार का घोड़ा। २ देखो 'करेवो'। करीमार-पु. सिंह। करोई-देखो 'किरोई'। करीमी-स्त्री० [अ०] दया. कृपा, ईश्वर की माया । करोड़-वि० [सं० कोटि] लाख का मौ गुना । -पु० लाख की करीयळी -देखो 'करतळ'। सौ गुनी संख्या, १,०००००००। -पति-पु. धनवान, करीर (रौ)-पु० स० करीरः] १ बांस का नया बल्ला । वैभवशाली, करोड़ों की सम्पत्ति वाला। २ करील वृक्ष । | करोड़ी-वि० १ करोड़ की संख्या का स्वामी । २ देखो 'किरोडी'। करीळ-पु० [सं० करोर झाड़ीदार व विना पते का वृक्ष, केर। -धज, मल-पु० करोडपति । करीवर-पु० हाथी, गज। करोट-स्त्री०१ सहायता। २ रक्षा । ३ करवः । ४ देखो करीस-पु. [सं० करीषः] १ उपला, कंडा । २ उपलों का चूर्ण करोटि'। ३ महीनतम चूर्ण । [सं० करीण] ४ श्रेष्ठ हाथी, करोटि-स्त्री० [सं० करोटे, करोटिः] मस्तक की हड़ी। गजराज। --प्राग-स्त्रो० उपलों की अग्नि । करोत (ती)-० [सं० करपत्र लकड़ी चीरने की दांतेदार करु-पु० १ एक प्रकार का बाम। २ देतो 'कि' । पत्ती, पारा । करोती। For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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