SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 213
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir करस करावळ करस-पु० म० कर्ष] १ सोना चांदी तोलने का बाट । २ तौल, | करांमाती (क)-वि० १ चमत्कार पूर्ण । २ प्रभावशाली । बाट । ३ खिचाव तनाव । -वि० [सं०कृश] १ दुबला । ३ निपुण । २ पतला। ३ क्षीण। ४ सूक्ष्म । ५ निर्बल । ६ तुच्छ, | कराइ (ई)-स्त्री० १ सुरक्षित रखा घास का ढेर । २ कुछ निर्धन । ७ सूखे गोबर का चूरा। करवाने का पारिश्रमिक । ३ खेत की मेढ़ या पाली बनाने करसक-पु० [सं० कृषक] किमान, खेतीहर । का उपकरण । ४ देखो 'कड़ाई'। -वि० खींचन वाला। कराखी-स्त्री० पहनने के वस्त्र का वह भाग जो कांख में लगाया करसरण-पु० [सं० कर्षण] १ खेती । २ कृषि कार्य । ३ बागवानी | जाता है। ____ का कार्य । ४ किसान । -स्त्री० ५ खिंचाव, तनाव । करसरगी-स्त्री० १ कृषक जाति । २ कृषक स्त्री। कराग-पु० [सं० कराग्र] १ हाथ का अग्र भाग । २ अंगनी । ३ अंगुली की नोक । ४ हाथ । -पू० [सं० कर्षणम् ] किमान, कृषक । करसरणीक-पु० किसान, कृषक । करागी-स्त्री० तलवार। करसरणी (बी)-क्रि० सं० कर्षणम् ] १ खींचतान करना, कराड-वि० १ प्रवल । २ तेज, तीव्र । ३ अधिक ।-स्त्री०१ सीमा, ग्वेचना । २ केन्द्रित करना। ३ एकत्र करना । ४ मन मुटाव | हद । २ देखो 'किराड़' । होना। ५ तनाव बढ़ना। कराडो-देखो 'किराड़। करसल-स्त्री० १ दीवार का निचला शिरा । २ प्रांगन में लगने कराटौ-पु० प्राग पर तेज सिकी रोटी। वाली पत्थर की गच । ३ देखो 'करसली' । करसलियो, करसलौ-पु० ऊंट । कराणौ (बौ)-कि० १ कोई कार्य या कुछ करवाना । २ कार्य करसारण-देखो 'किमान'। पूरा कराना । ३ संलग्न करना। करसाख, (खा)-स्त्री० [सं० करशाखा] अंगुली । कराबीग (बीरणी, बीन)--स्त्री० [तु० कराबीन] १ चौड़े मुह करसुक (सूक)-पु० [सं० करणूक] १ नाखून । २ किसान।। को तोड़ादार पुरानी बंदूक । २ एक प्रकार की छोटी करसोड़ी-स्त्री० मादा ऊंट । बंदुक । करसौ-पु० १ ऊंट । २ बाजरी की बाल में होने वाला कीड़ा। करार-पु० १ बल, शक्ति । २ जोश । ३ धैर्य । ४ नदी का ३ किमान, कृषक । ४ बैलों द्वारा खींचा जाने वाला एक किनारा । ५ इकरार, कौल, वादा। प्रकार का शकट । करारौ-वि० (स्त्री० करारी) १ बलवान, शक्तिशाली । करहंच-पु. एक छंद विशेष । २ समर्थ । ३ हृष्ट-पुष्ट । ४ दृढचित्त । ५ जोशीला। करह (उ, लउ, लौ) करहौ-पु० [सं० करभः] १ ऊंट । २ ऊंट ६ धैर्यवान । ७ कठोर, कडा । ८ दृढ, मजबूत । ९ भयंकर । का बच्चा । ३ हाथी का बच्चा । ४ फूल की कली।। १० कठिन, दुष्कर । ११ तेज सिका हा । ५ दोहा छंद का सातवां भेद । -पृ० १ विश्वास । २ किनारा । ३ कौवा । करहेलडी-स्त्री० मादा ऊंट । कराळ, (उ)-सं० [सं० कराल:] १ भयानक, भयंकर । २ लंबाकरां-क्रि०वि० कब, कब तक । चौड़ा, विशाल । ३ अत्यधिक फटा दमा या पला हा। कराई-क्रि०वि० कभी भी। ४ विषम । ५ नुकीला । ६ बड़े बड़े दांतों वाला। कगंक-स्त्री० कांख में होने वाली ग्रंथि । - पृ. १ हथेली अग्र भाग । २ गाड़ी या शकट का --क्रि.वि० कब तक । अग्र भाग । -कुमळ-पु० नीचे से लंबे जबड़े वाला घोड़ा। करांकियौ-पु० बाजरी के पौधे की ग्रंथि से निकलने वाला। ----तेज-पु० मोटी ठोड़ी वाला घोड़ा । ---दंतौ-५० बड़े दांतों वाला घोड़ा। करांगणी-स्त्री० कंगनी नामक अन्न । कराळक (ळिक)-पु० [सं० करालिका] वृक्ष । कगंगी-पू० एक प्रकार का कवच । कराळी-स्त्री० १ भूमि को समतल बनाने का उपकरण । करांचणी (बी)-क्रि०१ मंहार करना, माग्ना । २ चिल्लाना । ३ जोर करना। २ देखो 'कराळ'। करांछ-स्त्री० छलांग । कराळू (ळी)-देखो ‘कराळ' । (स्त्री० कराळो) करांमत, करांमात,करांमाति-स्त्री० [अ०करामात] १ चमत्कार, करावळ-पु० [तु० करावल १ मेना का मध्य भाग । २ वृद्ध प्रभाव । २ कोशल । सबार । ३ पहरेदार, संतरी । ४ मेना के ब सिपाही जो शत्रु For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy