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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ऊंड ऊंड स्त्री० १ गहराई २ सिचाई की नाली । ऊंडळ - पु० ९ मोट पर लगा लकड़ी का उपकरण । २ गोद, अंक । ३ बाहुपाश । ४ बैलगाड़ी के नीचे लगाया जाने वाला डंडा विभूत बाधीन । ॐ वरण, ऊ डांग, ऊडांत, ऊ डायरण, ऊडायत, ऊडाई-स्त्री० गहराई नीची भूमि गंभीरता । डाकी स्पी० नीची भूमि वि० (स्वी० डाळी (डी) गहरा। ॐ ॐ डियरण - वि० गहरा, प्रथाह । ॐडौ - वि० ( स्त्री० ऊडी ) १ गहरा । २ गंभीर । ३ श्रगाध, अथाह । पु० तहखाना | ॐ अव्य० [सं०] अधुना] इस वर्ष www.kobatirth.org ( १५० ) ऊतोळ स्त्री० संहार, वध, नाश । तोळी (बी) देखो 'उतोळखी' (बी)। ॐ रंगत, अंगारत-देखो 'उरगत' । कणी वि० (स्त्री० ॐणी) १ निर्धारित समय से पूर्व जन्मा २ अधूरा, अपूर्ण । ३ उदास, खिन्न । - पु० छोटा बच्चा । - पूणौ- वि० अपूर्ण, अपरिपक्व (बालक) । ॐताळ (वळ) देखो 'उतावळ' | 'ॐ' तावळी-देखो 'उतावळी' । (स्त्री० ऊतावली ) ऊदायलौ- देखो 'ऊं धायळो' । ॐध-स्त्री० ॐ धाफूली - देखो 'प्रधाहुली' । ॐ धायलौ -५० १ उल्टा गाड़ कर शकरकंद सेकने का पात्र । २ उल्टा चढ़ाया जाने वाला तवा । ३ छाजन के मध्य का खरेल वि० (स्त्री० धावती) विरुद्ध बुद्धि का ॐ नतभद्रा - स्त्री० तुंगभद्रा नदी । 'नादेखी 'उनी'। ऊनाळी- देखो 'उनाळी' । ऊनियाँ (नोयो) - देखो 'ऊनियाँ' । ऊनी देखो 'ऊनी' । ऊने (नं) देखो 'उन' । ऊनी देखो 'उनी' । ॐ दफोग- पु० एक प्रकार का फोग । ॐ वर (रियो) अंबरी-पु० (स्त्री० ऊंदरी) १ हा गुसा देवो'' २ दोहा छंद का एक भेद | ॐ दरी स्त्री० १ शिर के बाल उड़ने का एक रोग । २ मादा चूहा । मूर्ख ऊं धौ-वि० (स्त्री० अंधी) १ बाँधा उल्टा २ विलोम, । विपरीत । ॐ धोखोपड़ी-देखो 'घांधीखोपड़ी' -धी-वि० उल्टा-सीधा । इन देखो 'उन' ऊब - पु० कम जल वाला बादल जो प्रायः दक्षिण से उत्तर या पश्चिम से पूर्व गति वाला होता है। कंबरी-देखो 'ऊमरी' । ॐ बालू बां-पु० ऊंट के चारजामे में लगने वाले फुंदे | कवी, कमी त्री० गेहूं की बाल '१ देखो 'ळ' २ देखी 'ही' (स्त्री० केळी) ॐ ही सर्व ० उसी, वही । - क्रि० वि० वैसे ही । कहूँ हूँ अप० निषेधात्मक शब्द या ध्वनि । ऊ सर्व ० ० वह उस । पु० १ शिव । २ ब्रह्मा । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३ सूर्य । ४ चन्द्रमा । ५ पवन । ६ आकाश । ७ अग्नि । ८ मोक्ष । ६ प्रेत । १० कुत्ता । ११ शेषनाग । १२ मुनि । १३ स्थल । १४ भाव । १५ निर्धनता । १६ रक्षा। वि० १ मुख्य, प्रधान । २ दातार । ३ सुखी । ४ व्यभिचारी । ५ लघु, छोटा । प्रव्य० १ विभक्ति चिह्न से । २ प्रारम्भ सूचक ध्वनि। ऊमर देखो 'उर' | ऊग्रह | ऊईज - सर्व० वही । ऊएले - वि० इधर के । ऊकस ० उत्तर और वायव्य के मध्य की दिशा । अंधाको ० (स्त्री० ऊंघाड़ी) उल्टे या अनुचित कार्य ऊटी, ऊठी पु० घोड़े व ऊंट का चारजामा कसने का चमड़े - करने वाला । विपरीत बुद्धि वाला । का फीता । ऊक पु० १ बन्दर २ देखो 'प्रोक' । अक्टो (बौं), ऊकटिसी, (ब) ऊकठिणी (बी) १ देखो उगटी (बी) २ देखो 'उक्टसी' ( वो) । अकलंबली (बी) - क्रि० घोषा लटकना । श्रौंधा ऊकळ स्त्री० ध्वनि, आवाज । ऊकळरणौ (बौ) - देखो 'उकळणी' (बी) । ऊल (बी) देखो 'उकली' (दो) । ऊकळापात स्त्री० बेचैनी, घबराहट । ऊकस देखो 'उकस' । - rest - देखो 'उकड़' | ऊकरड- पु० एक पर एक का ढेर । २ जबरदस्ती उसने का भाव | ३ देखो 'उकरड़ी' । For Private And Personal Use Only । उकरांटी - वि० (स्पी० उकरांटी) १ बितातुर २ बिना बिस्तर के बिना बिछोने के
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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