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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ऊ ध्वनि । पु० ब्रह्मा । ऊ-पु० [सं०] देवनागरी वर्णमाला का छठा स्वर वर्ण । ॐ सर्व० उस । वह । क्रि० बि० ऐसे -स्त्री० १ बच्चों के रोने की ॐ कार देखो 'ओंकार' । खळ (ळी) - देखो 'ऊखळ' । ऊंग - देखो 'ऊंघ' । अंगट, (ठ, ठौ) - देखो 'अंगठ' । अंगलगल' www.kobatirth.org ( १५८ ) ध्वनि । उधर । उस तरफ २ निषेधात्मक --3- ऊंगली (बी) देखी 'पी' (दो)। ऊंगौ-पु० एक प्रकार का कांटेदार घास । ऊंघ-स्त्री० तन्द्रा, नींद की झपकी । पड़, ऊंपल वि० निद्रालु तन्द्रा में रहने वाला पु० रहट पर लगने वाला एक डंडा । कंपनी - पु० ० निद्रा - वि० उनिंदा, तन्द्रायुक्त । धरणी (बो० १ नींद की भी लेना, कंपना २ नींद लेना । ३ सुस्ती से कार्य करना । ऊंचाई - स्त्री० तन्द्रा, झपकी । निद्रा । अंधाकळी-देखो 'ऊंपण'। (स्त्री० की। ऊंघाळु - वि० निद्रालु, तन्द्रा में रहने वाला । ऊंच - स्त्री० [सं० उच्च ] १ ऊंचापन, ऊंचाई । २ श्रेष्ठता । - वि० (स्त्री० ऊंची) उच्च, श्रेष्ठ, कुलीन । - परण, पणौ-पु० ऊंचाई । उच्चता । बड़प्पन | १ भाग्यशाली 1 ऊंचांत, ऊंचाई-स्त्री० १ उच्चता, ऊंचापन | २ लम्बाई ३ बड़ाई । ४ ऊपर उठी हुई भूमि । ५ गौरव । ऊंचारणी ( बौ) - क्रि० १ उठाना, उठाकर सिर पर रखना । २ ऊपर करना । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | ॐ चावो, ऊ चास (सौ) ऊंचाही - १५० ऊंचाई । २ ऊंचास्थल । ३ देखो 'उच्चीसवा' । ऊंचास (सिरी) पु० [सं० उच्चाधय १ पूर्वजों का निवास स्थान । २ ऊंचा श्राश्रय । वि० उदारचित्त । वीर । श्रेष्ठ । गर्वोन्नत । ऊंचासौ-देखो 'उच्चीस्रवा' । ऊंचियांरण स्त्री० विलम्ब से ऊंची- वि० उच्च, लंबी । गर्भवती होने वाली मादा पशु । क्रि० वि० ऊपर ऊंचाई पर । -तांग- स्त्री० महत्वाकांक्षा घरा-स्त्री० महत्वाकांक्षी, उदारचित्त । । ऊंचीस्रवस देखो 'उच्चीस्रवा' । पीवाह पु०पी० [सं० उचैथवाह ] इंद्र, सुरेश । देखो 'कवी'। ऊंचरण (ब)- क्रि० १ बोझ उठाया जाना । २ कोई वस्तु उठा कर सिर या कन्धे पर रखना । ३ उठाना । ऊंचमोली - वि० कीमती, बहुमूल्य ऊंचरतौ - वि० [सं० २] महत्वाकांक्षी मूल्य । उम्बरित] ऊंच पु० [सं०] उच्चस] मन, अन्तःकरण ऊंचलौ - वि० (स्त्री० ऊंचली ) ऊपर वाला । ॐचवही वि० [सं०] उच्चव] १२ बोझ उठाने ऊर्ड- देखो 'उ' । वाला । ३ सहिष्णु । ऊंठ्यांवड़ी ऊंचे क्रि०वि० १ ऊंचाई पर ऊपर । २ ऊपर की ओर । ३ जोर से । ऊंचेरौ, ऊंचोड़ी, ऊंची-वि० [सं०उच्च ] ( स्त्री० ऊंची, ऊचेरी, ऊचोड़ी ) १ कुछ ऊंचा । २ ऊपर वाला । ३ ऊपर उठा हुआ, उन्नत । ४ उत्तम, श्रेष्ठ, बढ़िया । ५ महान । ६ बुलंद | ७ कुलीन ऊंझाडेह - वि० प्रौधा, उल्टा । ऊंट - पु० [सं० उष्ट्र ] ( स्त्री० ऊंटड़ी, ऊंटगी ) कंटाळी टोळी ० कंटीली झाड़ी दलाली स्त्री० एक प्राचीन सरकारी कर एक प्रकार का फोग । ऊंट उष्ट्र । गाड़ी फोन पु० ऊंटड़ी, ऊट, ऊटरी, ऊटियो - पु० १ बैलगाड़ी के अग्रभाग का एक उपकरण । २ देखो 'ऊट' । ऊंटादेवी स्त्री० एक देवी । ॐठ पु० [सं० उष्ट्र] लंबी गर्दन व लंबे पांव वाला प्रसिद्ध मरु देशीय चौपाया जानवर | कठियाँ पु० २ एक जाति विशेष का सिह २ देखी ''ड' For Private And Personal Use Only ॐ ठ्यांमरणौ - पु० मकान के बाहर जूटे बर्तन मांजने का स्थान । यांबड़ी पाबड़ी) स्त्री० व्यभिचारी स्त्री । ॐ व्यांवड़ौ (यावड़ी ) - पु० (स्त्री० ऊठयावड़ी ) १ उच्छिष्ट (जूठन खाने वाला व्यक्ति २ उष्ट वर्तन साफ करने तथा उठाकर रखने वाला ।
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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