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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पूर्वरंग महत्त्वपूर्ण है कि उसमें प्रकाशधर्मा द्वारा हूण राजा तोरमाण की पराजय का उल्लेख है। इसी प्रकार राष्ट्रकूट राजा अमोघवर्ष का ओझर ताम्रपत्र (822 ई0) भी महत्त्वपूर्ण है। मन्दसौर के कुमारवर्मा का शिलालेख भी प्राप्त हुआ है। मध्यभारत के ऐसे अनेक शिलालेख पिछले कुछ वर्षों में प्रकाशित हुए है। उन शिलालेखों से इतिहास लाभान्वित हुआ है। बाघ से गुप्तकालीन और प्राग्गुप्तकालीन ताम्रपत्रों का समूह प्राप्त हुआ जो उस क्षेत्र के राजवंश और वातावरण पर विशेष प्रकाश डालता है। उससे भुलुण्ड, स्वामिदास, रुद्रदास, भट्टारक, सुबन्धु आदि का परिचय प्राप्त होता है। सम्राट अशोक के सीहोर जिले से प्राप्त शिलालेख भी महत्त्वपूर्ण हैं। यह उल्लेखनीय है कि इन अभिलेखों का साहित्यिक मूल्य भी आसाधारण है परन्तु साहित्य में उन्हें अपेक्षित मान नहीं मिल पाया। प्रस्तुत संकलन भारतीय प्राचीन कछ महत्त्वपूर्ण अभिलेखों का है। इस संकलन से भारतीय अभिलेख परम्परा, लेखन-परम्परा, लिपि विकास, भाषा विकास, साहित्य-प्रवाह, इतिहास-धारा और भारतीय संस्कृति की परिवर्तित होती परतें उभरती प्रतीत होती हैं। अभिलेखों-ताम्रपत्रों से स्थापत्य, कला, वैदिक शाखाओं का संचरण आदि के साथ ही जातियों, समूहों अथवा श्रेणियों का यात्रा-प्रवाह आदि भी प्रकट होता जाता है। यह संकलन भारतीय प्राचीन प्रतिनिधि अभिलेखों का होने से जिज्ञासुओं तथा अध्येताओं के लिए उपयोगी सिद्ध हुआ तो यह श्रम सार्थक रहेगा। इस संकलन को तैयार करने की प्रेरणा प्रायः चार दशक पूर्व सुप्रसिद्ध विद्वान् स्व० भगवतशरणजी उपाध्याय से प्राप्त हुई थी। और अपेक्षित सामग्री जुटाने में अब विवुमविश्वविद्यालय, उज्जैन में प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति विभागाध्यक्ष डा० सीतारामजी दुबे का विशेष सहयोग रहा। मैं उनका अत्यन्त आभारी हूँ । प्रकाशन के लिए श्रीवीरेन्द्र तिवारीजी का साधुवाद। बिलोटीपुरा, उज्जैन -भगवतीलाल राजपुरोहित ___ कई नये शिलालेख-ताम्रपत्र 'भारतीय अभिलेख' में प्रकाशित। वाकणकर शोध संस्थान, उज्जैन, 2002 ई०। संपादन डा० भगवतीलाल राजपुरोहित एवं डॉ. जगन्नाथ दुबे। For Private And Personal Use Only
SR No.020555
Book TitlePrachin Bharatiya Abhilekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagwatilal Rajpurohit
PublisherShivalik Prakashan
Publication Year2007
Total Pages370
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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