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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अस्सत्थरक अस्सत्थरक पु., [अश्वास्तरक] घोड़े के चित्र की कशीदाकारी से युक्त चादर या गलीचा हत्थत्थरक- अस्सत्थरकसीहत्थरक- व्यग्धत्थरक-चन्दत्थरक-सूरियस्थारकचित्तत्थरकादीहि म. नि. अड. (म.प.) 2.13. अस्सदमक पु०, [अश्वदमक], घोड़ों को सधाने में चतुर को प्र. वि. ए. व. दक्खो अस्सदमको भद्रं अस्साजानीय लभित्वा पठनेनेव मुखाधाने कारणं कारेति म.नि. 2.118 ब. केन तृ. वि., ए. व. - अस्सदमकेन, भिक्खवे, अस्सदम्मो सारितो एकज्जेव दिसं धावति म. नि. 3.270. अस्सदम्म पु॰, कर्म, स० [ अश्वदम्य ], नया अप्रशिक्षित घोड़ा, नहीं सधा हुआ बछेड़ाम्मो प्र. वि. ए. व. - अस्सदम्मो सारितो एकज्ञेव दिसं धावति... म. नि. 3270 - म्मा व॰ द्वे हत्थिदम्मा वा अस्सदम्मा वा गोदम्मा वा अदन्ता अविनीता, म. नि. 2.337; 3.171; हत्थिदम्मा वा अस्सदम्मा वा गोदम्मा वाति एत्थ अदन्तहत्थिदम्मादयो विय चित्तेकग्गरहिता पुग्गला वटुब्बा म. नि. अट्ट. (उप. प.) 3.144; - सारथि पु०, कर्म. स. [अश्वदम्यसारथि ], घोड़ों को सधाने में कुशल साईस थि प्र. कि.. ए. क. किंनु खो मं अज्ज अस्सदम्मसारथि कारणं कारेस्सति, किमस्साहं पटिकरोमीति अ. नि. 1 (2) 131; तमेनं दक्खो योग्गाचरियो अस्सदम्मसारथि अभिरुहित्वा..., म. नि. 1.176. अस्सदूत पु.. [अश्वदूत] घुडसवार सन्देशवाहक ते हि. वि०, ब० व.. चतुहिसा अस्सदूते उप्योजेत्वा... महाव. 20. अस्सदृतेति आरुहस्से दूते सारत्थ. टी. 3.177. अस्सदोस पु. तत्पु, स. [अश्वदोष] घोड़े का दोष, घोड़े की गड़बड़ी - सो प्र. वि., ए. व. अट्टमो अस्सदोसो, अ. नि. 3 (1).35. अस्सद्ध / असद्ध त्रि. ब. स. [अश्रद्ध] श्रद्धाहीन, श्रद्धाभाव न रखने वाला द्वा पु०, प्र. वि., ब.व. राजानो अस्सद्धा अप्पसन्ना, महाव, 93: असद्धाति बुद्धादीसु सद्धाविरहिता, विसुद्धि. 1.169- हो पु. प्र. वि. ए. व. असद्धो अकतञ्जू च, ध. प॰ 97; अत्तनो पटिविद्वगुणं परेसं कथाय न सदहतीति अस्सद्धो ध. प. अड. 1.352 - भाव पु.. तत्पु० स० [ अश्रद्धादिभाव], श्रद्धा से रहित होने आदि की वं द्वि. वि., ए. व. मनुस्सानं अस्सद्धादिभावं वा आगम्म.... उदा. अ. 148 भोजी सिद्धभोजी का निषे [ अश्राद्धभोजिन्], श्राद्ध का भोजन न खाने वाला जी पु०, प्र. वि., ए.व. अचन्दमुल्लोकिकानि मुखानि, असद्धभोजी, अलवणभोजी अपुनगेय्या गाथा, सद्द. 3.744. - " अवस्था - - . the www.kobatirth.org ... 712 अस्सपिट्ठ " " अस्सद्धा स्त्री, सद्धा का निषे, तत्पु० स० [अश्रद्धा ], श्रद्धा का अभाव, अविश्वास द्वं द्वि. वि., ए. व. - विनासयति अस्सद्ध, सद्ध वड्डेति सासने, उदा. अड. 15. अस्सद्धिय क. नपुं० [ अश्रद्धय ] श्रद्धा का अभाव, श्रद्धासम्पदा का अभाव, ख. त्रि., श्रद्धा न करने योग्य, विश्वास न करने योग्य यं नपुं. प्र. वि. ए. व. अस्सद्धियन्तिस्स वचनीय, अ. नि. 3(2).94; अस्सद्धियं खो पन तथागतप्पवेदिते धम्मविनये परिज्ञानमेतं अ. नि. 3(2). 133: अस्सद्वियं कसटो पटि. म. 268; यतो. सद्धा अन्तरहिता होति असद्धियं परियुद्धाय तिद्धति, अ. नि. 2 (1).5: ये सप्त. वि., ए. व. असद्धिये न कम्पतीति सद्भावलं ध. स. अड्ड. 188. अस्सधेनु स्त्री. कर्म, स. [अश्वधेनु], घोड़ी बछेड़े को दूध पिलाने वाली घोड़ी या कोई भी मादा पशु गोधेनु अस्सधेनु मिगधेनु ति धेनुसद्दो सामञ्ञवसेन सपोतिकासु तिरच्छानगतित्थीसु वत्तति, सद्द. 2.393. अस्सनाविकपुत्त पु.. दो तमिल अधिपतियों या प्रमुखों का त्ता प्र. वि., ब. व. - अस्सनाविकपुत्ता द्वे दामिका सेनगुत्तका, म. वं. 21.10. अस्सन्दमान त्रि.. √सन्द के वर्त. कृ. का निषे. [अस्यन्दमान]. नहीं बहता हुआ / हुई - ना स्त्री०, प्र. वि., ब. व. नदियो असन्दमाना अहंसु, जा० अट्ठ. 1.62. अस्सपणीय नपुं. कर्म. स. [ अश्वपण्य] बेचने के लिए रखा गया घोड़ा, विक्रयार्थ पोसा जा रहा घोड़ा - यं द्वि. वि., ए. व. - पुरिसो उदयत्थिको अस्सपणियं पोसेय्य, अ. नि. 1(2):229: अरसपणियं पोसेव्याति पञ्च अस्सपोतसतानि किणित्वा पच्छा विक्किणिस्सामीति पोसेय्य, अ. नि. अड. 2.367. नाम - - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - अस्सपन्ति स्त्री, तत्पु० स० [ अश्वपंक्ति ], घोड़ों की लम्बी कतार न्तीहि तृ. वि. ब. व. सब्बं राजङ्गणं निरन्तर अस्सपन्तीहि परिक्खित्तमिवाहोसि, जा. अड. 2.242. अस्सपाल पु॰, व्य॰ सं० [ अश्वपाल ], राजा एसुकारी के पुरोहित का पुत्र, हत्थिपाल, गोपाल एवं अजपाल का भाई लो प्र. वि., ए. व. तरसपि जातकाले अस्सपालो ति नामं करिसु. जा. अड. 4.432: अस्सपालो सारिपुतो जा. अट्ठ. 4.444. For Private and Personal Use Only 1 - अस्सपिट्ठ नपुं तत्पु, स. [ अश्वपृष्ठ / अश्वपृष्ठि ], घोड़े की पीठ - ट्ठे सप्त. वि., ए. व. हत्थिगीवाय वा निसिन्नो अस्सपिट्टे वा निसिन्नो रथूपत्थरे वा ठितो...दी... 1.90; अस्सपिट्टे निसिन्नोव ... अदासि, ध. प. अड. 2.46;
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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